साल का पहला दिन 'गिटहब' प्लेटफॉर्म पर एक एप चमकता है. वो एप जिसमें सौ से ज़्यादा मुस्लिम महिलाओं की तस्वीरें चस्पां हैं और इन महिलाओं को ऑक्शन यानी नीलामी के लिए उपलब्ध बताया गया है. देखते ही देखते इस एप के ग्रैब्स और लिंक्स ट्विटर की टाइमलाइन पर भी अपियर होने लगते हैं. सोशल मीडिया में इस एप से जुड़े मैसेजेज़ की बाढ़ सी आ जाती है. एप का नाम है, बुल्ली बाई. बुल्लीबाई, बुल्ली डील्स, सुल्ली डील्स जैसे हैशटैग्स के साथ इस एप में अलग-अलग लड़कियों और महिलाओं की तस्वीरें मौजूद हैं और तस्वीरों के साथ कैप्शन है, ये आज की आपकी बुल्ली बाई है. ख़ास बात ये है कि एप में लिस्टेड इन चेहरों में ज़्यादातर उन हिंदुस्तानी मुस्लिम महिलाओं के हैं, जो या तो सेलिब्रिटी हैं, पत्रकार हैं या फिर सोशललाइट. कहने का मतलब ये कि एप में दिखने वाली इन महिलाओं का अपना एक वजूद है, अपनी एक हस्ती. लेकिन फिर सवाल ये है कि आख़िर ये महिलाएं नीलामी के कैसे उपलब्ध हो सकती हैं? इस पर देखें वारदात.
Photos of hundreds of Muslim women were uploaded on an app called Bulli Bai, following which many took to social media to complain to the police. The controversy sparked barely six months after the 'sulli deals' controversy as photos of hundreds of Muslim women were uploaded on an app called 'Bulli Bai'.