सड़क पर चारपाई बिछाकर या चौकी थाने में कुर्सी टेबुल पर यूं इन्हें सोने का शौक नहीं है. ये लोग कोई कुंभकरण नहीं है, बल्कि ये इनके इंसान होने की मजबूरी है. अब इंसान हैं तो नींद तो आएगी ना. वर्दी बेशक ना थके पर वर्दी के अंदर का शरीर तो थकेगा ना. 24-24 घंटे तक लगातार बिना आराम किए ड्यूटी बजाना पड़ता है.