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बारिश रुकने की मांगी मन्नत तो साफ हो गया मौसम... भक्त ने खुश होकर सांवलिया सेठ को भेंट किया चांदी का रावण

Chittorgarh: दशहरे पर शाम होने के साथ ही दहन का समय निकट आया तभी आसमान में फिर बादल छा गए और बरसात की संभावना शुरू हो गई, लेकिन इससे पहले भगवान ने पुतले बनाने वाले भक्त की गुहार सुनी, और रावण, मेघनाथ, कुंभकरण के पुतलों का दहन हो गया.

सांवलिया सेठ के मंदिर में भक्त ने भेंट किया चांदी का रावण. सांवलिया सेठ के मंदिर में भक्त ने भेंट किया चांदी का रावण.
aajtak.in
  • चित्तौड़गढ़ ,
  • 27 जनवरी 2025,
  • अपडेटेड 4:59 PM IST

Rajasthan News: चित्तौड़गढ़ जिले स्थित भगवान सांवलिया सेठ के मंदिर में भक्त अपनी मनोकामनाएं पूरी होने पर सोने और चांदी की वस्तुएं भेंट करने आते हैं. ऐसे ही एक श्रद्धालु ने अपनी मनोकामना पूरी होने पर चांदी से बना दशानन भेंट स्वरूप चढ़ाया है. बीते वर्ष दशहरे के मौके पर बादल छा गए थे और बरसात के कारण रावण दहन पर संकट हो मंडरा गया था. तब रावण के पुतले निर्माण करने वाले ठेकेदार ने भगवान सांवलिया सेठ से गुहार लगाई थी कि बरसात रुके और रावण दहन हो जाए. मनोकामना पूरी होने पर ठेकेदार ने सांवलियाजी मंदिर में चांदी से बना दस सिर वाला रावण भेंट किया. 

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दरअसल, गत 12 अक्टूबर को जिले के निम्बाहेड़ा में आयोजित दशहरा मेले में रावण दहन का कार्यक्रम था. मौसम में लगातार बदलाव के चलते 11 अक्टूबर को रावण, मेघनाथ, कुंभकरण के पुतले के निर्माता ने सांवलिया जी के दर पर बरसात रुकने और मौसम साफ करने की मन्नत मांगी थी. 

मौसम विभाग की ओर से बारिश की संभावना जताने के बाद भी बरसात रुक गई. इस पर छोटूलाल ने तत्काल कार्य शुरू कर रावण, कुंभकरण और मेघनाद के पुतले खड़ा करना शुरू कर दिया.

शाम होने के साथ ही दहन का समय निकट आया तभी आसमान में फिर बादल छा गए और बरसात की संभावना शुरू हो गई, लेकिन इससे पूर्व भगवान ने उनकी सुनी और रावण, मेघनाथ, कुंभकरण के पुतले का दहन हो गया.

ऐसे में ठेकेदार ने मन ही मन भगवान सांवलिया सेठ का आभार जताया. मन्नत पूरी होने पर सांवलिया सेठ के दरबार में चांदी का रावण चढ़ाया.

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