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तारों के नीचे से पार किया बॉर्डर, फर्जी ID से बिजनेस... बांग्लादेश से घुसपैठ कर आए भाई-बहन अरेस्ट

राजस्थान के अजमेर में पुलिस ने घुसपैठ कर भारत आए दो बांग्लादेशियों को गिरफ्तार किया है. ये दोनों खुद को रिश्ते में भाई-बहन बता रहे हैं. यहां दोनों फर्जी दस्तावेजों के आधार पर किराए पर रह रहे थे और सिलाई का काम करते थे. पुलिस ने दोनों से पूछताछ कर डिटेंशन सेंटर भेज दिया है.

बांग्लादेशी भाई बहन गिरफ्तार. बांग्लादेशी भाई बहन गिरफ्तार.
चंद्रशेखर शर्मा
  • अजमेर,
  • 01 फरवरी 2024,
  • अपडेटेड 12:50 PM IST

अजमेर पुलिस ने दो बांग्लादेशी घुसपैठियों को गिरफ्तार किया है. यह दोनों भाई-बहन हैं, जो बांग्लादेश से दलाल को 15 हजार रुपये की रिश्वत देकर तारों के नीचे से होकर अजमेर पहुंचे थे. नला बाजार क्षेत्र से पुलिस ने इन्हें फर्जी आईडी के साथ पकड़ा है. सीआईडी जोन व दरगाह थाना पुलिस ने पूछताछ के बाद दोनों को डिटेंशन सेंटर भेज दिया. दोनों ने प्रारंभिक पूछताछ में भारत-बांग्लादेश बॉर्डर पर किसी दलाल को 15 हजार रुपये देकर भारत में आने की बात बताई है.

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पुलिस के अनुसार, घुसपैठ कर भारत आने वाली 30 वर्षीय महमूदा अख्तर गंशीगंज बांग्लादेश की रहने वाली है. उसके साथ 21 साल का नाहिद हुसैन है. इन दोनों ने खुद को भाई-बहन बताया है. दोनों ने अजमेर में चौबीस परगना पश्चिम बंगाल निवासी नाहिद शेख और नादिया शेख नाम की फर्जी आईडी बनाकर किराए पर मकान ले रखा था. दोनों के पास से उनकी असली आईडी भी बरामद की गई है.

पूछताछ के बाद पुलिस ने दोनों को डिटेंशन सेंटर भेजा

पुलिस ने दोनों से गहनता से पूछताछ की. इसके बाद उन्हें अलवर स्थित डिटेंशन सेंटर भेज दिया गया. इस सेंटर पर ही पाकिस्तान और बांग्लादेश के घुसपैठियों को रखा जाता है. पुलिस का कहना है कि दोनों करीब दो माह पहले चोरी छिपे अजमेर आए थे. तब से यहां खजाना गली में रह रहे थे. दोनों यहां कपड़े सिलाई कर अपना खर्च चला रहे थे. इन दोनों पर पिछले दिनों सीआईडी को संदेह हो गया था. उनके संबंध में जब जानकारी जुटाई गई तो शक सही निकला.

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बांग्लादेशी महिला ने पुलिस से कहा- रोजगार की तलाश में भारत आई थी

बांग्लादेशी महिला महमूदा अख्तर ने पुलिस को बताया कि वह पहले भी भारत आ चुकी है. वह यहां पहले एक दुकान पर नौकरी करती थी, फिर कुछ समय के लिए वापस बांग्लादेश लौट गई, लेकिन वहां काम नहीं मिल रहा था. इसलिए परेशान होकर रोजगार की तलाश में फिर आ गई. इस बार यहां नौकरी की जगह खुद सिलाई का काम शुरू कर दिया, जो सही चलने लगा था.

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