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'इंजीनियर का YouTube चैनल सब्सक्राइब करें, कंटेंट देखें और शेयर करें', बिजली विभाग के अधिकारी का अजीबो-गरीब आदेश

राजस्थान में बिजली विभाग के एक अधिकारी ने बड़ा ही अजीबो-गरीब आदेश जारी किया. आदेश में बिजली विभाग के ही एक इंजीनियर के यूट्यूब चैनल का मोटिवेशनल कंटेंट देखने, शेयर करने का कहा गया. ऐसा नहीं करने वालों के खिलाफ एक्शन लेने की बात भी कही गई.

राजस्थान में बिजली विभाग के अधिकारी ने यूट्यूब चैनल सब्सक्राइब करने और वीडियो देखने का आदेश दिया. राजस्थान में बिजली विभाग के अधिकारी ने यूट्यूब चैनल सब्सक्राइब करने और वीडियो देखने का आदेश दिया.
aajtak.in
  • जयपुर,
  • 16 अक्टूबर 2024,
  • अपडेटेड 3:11 PM IST

राजस्थान में बिजली विभाग के एक अधिकारी ने अपने जोन के 17 जिलों के अधिकारियों-कर्मचारियों को विभाग के ही एक इंजीनियर का यूट्यूब चैनल सब्सक्राइब करने, उसका मोटिवेशनल कंटेंट देखने और शेयर करने का आदेश दिया. ऐसा नहीं करने पर उन अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करने की बात भी कही गई. हालांकि बवाल बढ़ने पर इस आदेश को वापस ले लिया गया है. 

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अजमेर विद्युत वितरण निगम के एडिशनल चीफ इंजीनियर (ट्रेनिंग) एसके नगरानी ने बीते 9 अक्टूबर को एक आदेश जारी किया. इसमें कहा गया है कि जो भी कर्मचारी इस यूट्यूब चैनल के मोटिवेशनल कंटेंट को सुने बिना आएंगे, उन्हें समय-समय पर आयोजित होने वाली सेफ्टी डिस्कशन में शामिल होने की अनुमति नहीं दी जाएगी और ऐसे 'लापरवाह' कर्मचारियों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी. 

न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, अधिकारी ने जूनियर इंजीनियर (सुरक्षा) को सभी 17 सर्किलों के लिए वाट्सएप ग्रुप बनाने, सभी इंजीनियरों को जोड़ने और प्रत्येक शुक्रवार को ग्रुप में पोस्ट शेयर करने का आदेश दिया. उन्होंने ये भी निर्देश दिया कि अधिकारी और इंजीनियर अपने अधीनस्थों एवं विद्युत उपभोक्ताओं से संबंधित ग्रुप में पोस्ट करेंगे. इतना ही नहीं, इस आदेश के साथ ही एक फीडबैक फॉर्म भी जारी किया गया था, जिसमें चैनल के कंटेंट से सुझाव, प्रेरणा या सीखने के लिए एक कॉलम था.  

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विभागीय आदेश में क्या लिखा था? 

आर्डर में लिखा था, "जूनियर इंजीनियर (सुरक्षा), अजमेर डिस्कॉम यूट्यूब चैनल 'जीने की राह सुरेंद्र कुमार' नाम के यूट्यूब चैनल पर मौजूद सभी मॉटिवेशनल कंटेंट पोस्ट करेंगे. वीडियो हर शुक्रवार को सभी वाट्सएप ग्रुपों में जारी किए जाएंगे और सभी सदस्य सुनेंगे. उन्हें अपने अधीनस्थ कर्मचारियों और बिजली उपभोक्ताओं से संबंधित वाट्सएप ग्रुपों पर हर शुक्रवार को पोस्ट करेंगे." 

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आदेश में आगे कहा गया है कि जो भी कर्मचारी इन मोटिवेशनल वीडियो को सुने बिना आएगा, उसे सुरक्षा चर्चा में भाग लेने की अनुमति नहीं दी जाएगी और ऐसे "लापरवाह" कर्मचारियों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी. 

आदेश वापस लिया गया: अजमेर डिस्कॉम MD

वहीं जब इसको लेकर पीटीआई ने अजमेर डिस्कॉम के एमडी केपी वर्मा से बात की, तो उन्होंने बताया कि इस आदेश को वापस ले लिया गया है और जांच के आदेश भी दिए गए हैं. हालांकि इस पर कमेंट के लिए संबंधित अधिकारी एसके नगरानी बात करने के लिए उपलब्ध नहीं थे. वहीं एग्जीक्यूटिव इंजीनियर सुरेंद्र कुमार मौर्य ने तर्क दिया कि कुछ लोग मॉटिवेशनल कंटे के प्रसार पर सवाल कैसे उठा सकते हैं. उन्होंने आदेश को सही ठहराते हुए कहा कि वे राज्य की सभी बिजली कंपनियों में व्यवस्था दुरुस्त कराने के लिए उच्च अधिकारियों से मिलेंगे. 

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इन 17 जिलों में बिजली आपूर्ति करती है कंपनी

अजमेर डिस्कॉम राजस्थान के 17 जिलों अजमेर, बांसवाड़ा, ब्यावर, भीलवाड़ा, चित्तौड़गढ़, डीडवाना-कुचामन, डूंगरपुर, झुंझुनू, केकड़ी, नागौर, नीम का थाना, प्रतापगढ़, राजसमंद, सलूंबर, शाहपुरा, सीकर और उदयपुर में बिजली वितरण और आपूर्ति में लगी हुई है.

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