
लुटेरी दुल्हनों के किस्से तो आपने सुने ही होंगे. जहां दुल्हनें पैसों के लालच में न जाने कितने ही लोगों से कुछ समय के लिए शादी करती हैं. फिर मौका पाते ही ससुराल से पैसा और गहने लेकर फुर्र हो जाती हैं. लेकिन राजस्थान पुलिस ने एक ऐसी लुटेरी दुल्हन को गिरफ्तार किया है जिसकी शादी पैसों के लालच में उसका खुद का पति ही करवाता था.
इस पति ने अपनी बीवी की शादी एक दो नहीं बल्कि चार लोगों से करवाई. शादी करने के बाद यह दुल्हन अपने असली पति को लोकेशन भेज देती और फिर पैसा और गहने लेकर उसके साथ फरार हो जाती. लेकिन वो कहते हैं ना कि चोर चाहे जितना भी शातिर हो, पुलिस उसे कभी न कभी पकड़ ही लेती है. पुलिस ने इस दंपति को गिरफ्तार कर लिया है. कैसे दोनों पुलिस के हत्थे चढ़े चलिए जानते हैं.
मामला अलवर के बानसूर का है. पुलिस के मुताबिक, असम का रहने वाला एक शख्स अपनी पत्नी को अविवाहित बता पहले उसकी शादी करवा देता था. इसके बाद मौका देख 15 दिन बाद उसे लेकर फरार हो जाता था. फिर दोनों दोबारा नए शिकार की तलाश करते थे.
3 जून को दीप्ति नाथ से हुई थी हरिमोहन मीणा की शादी
इन्होंने 3 लोगों को तो अपनी ठगी का शिकार बना लिया. लेकिन चौथे शिकार के कारण वे दोनों पकड़े गए. जानकारी के मुताबिक, अलवर के बानसूर के मीणा मोहल्ले में रहने वाले 36 साल के हरिमोहन मीणा की 3 जून को असम के माधुनी निवासी दीप्ति नाथ से शादी हुई थी. उन्होंने बताया कि शादी में लड़की वालों के कहने पर सभी रस्में निभाई गईं.
शादी में करीब 8 लाख रुपए खर्च किए. चार लाख रुपए दुल्हन के नाम असम में रहने वाले लोयकालिता निवासी बालेता नलबारी को भी दिये गए. हरिमोहन मीणा ने बताया कि शादी के 15 दिन बाद ही दीप्ति भागने की फिराक में थी. उस पर उसे कई बार शक भी हुआ. 21 जून की दोपहर को एक कार उनके घर के बाहर आई और ड्राइवर ने हॉर्न दिया.
दीप्ति और लोयकालिता को पकड़ा
इशारा मिलते ही दीप्ति घर से दौड़ी और कार में बैठ गई. तभी अंदर से मेरा बड़ा भाई हेमराम बाहर आया. उसे अंदाजा हो गया कि दीप्ति भागने वाली है तो परिवार के लोगों को आवाज लगाई. पूरा परिवार बाहर आया और कार के आगे खड़ा हो गया. इसके बाद दीप्ति और लोयकालिता को पकड़ लिया गया.
पूछताछ की तो पता चला कि लोयकालिता नाम का युवक कोटपतली से कार लेकर आया था. घरवाले दोनों को पकड़ थाने लेकर आए. यहां हरिमोहन ने बताया कि दीप्ति घर से रुपए और ज्वेलरी लेकर फरार होने वाली थी.
हरिमोहन पर आरोप लगाने लगा दंपति
जब दीप्ति से पूछताछ की गई तो सामने आया कि वह पहले से शादीशुदा है और उनके दो बच्चे हैं. उसने बताया कि लोयकालिता ही उसका पति है. जब पुलिस ने लोयकालिता से पूछताछ की तो उसने सारा आरोप लगाया कि हरिमोहन मीणा और उसके परिवार पर लगा दिया. उसने कहा हरिमोहन उसकी पत्नी को बहला-फुसलाकर यहां लेकर आया है.
लेकिन पुलिस ने जब जांच की तो पता चला कि लोयकालिता भी पहले से शादीशुदा है और उसने दीप्ति से दूसरी शादी की है. पुलिस ने बताया कि ऐसा प्रतीत हो रहा है कि इन लोगों का एक गैंग है. सिर्फ यही दो लोग इस अपराध में शामिल नहीं हैं. फिलहाल पता लगाया जा रहा है कि क्या वाकई ये दोनों अकेले इस वारदात को अंजाम देते थे या कोई और भी इनके साथ मिला हुआ है.
पुलिस ने बताया कि अब तक की जांच में पता चला है कि लोयकालिता अपनी पत्नी की 4 शादियां करवा चुका है. फिलहाल दोनों से पूछताछ जारी है.
शादी के तीसरे दिन ही मायके जाना चाहती थी दीप्ति
वहीं, हरिमोहन ने बताया कि शादी के तीन बाद परिवार को शक होने लग गया था कि दीप्ति फरार होने की फिराक में है. वह कहने लगी थी कि उसे असम जाना है. उसे मां-बाप की याद आ रही है. पता चला कि उसके माता-पिता ही नहीं है, केवल एक बहन है. वह हमेशा उसी से फोन पर बात करती रहती थी.
ऐसे में भी शक गहराता गया. लेकिन, जब पकड़ में आई तो सामने आया कि वह असम में रहने वाले पति को पल-पल की अपडेट देती थी. यहां तक उसने लाइव लोकेशन भी भेजी थी.
परिवार के लोगों ने बताया कि शादी करने के तीन दिन बाद ही दीप्ति असम जाने का कहने लगी. बात-बात पर मनमर्जी करती थी. दो दिन में दुल्हन के इस स्वभाव को देखकर हम भी हैरान थे. हमें लगा कि असम से आई है इसलिए मन नहीं लग रहा होगा. इसके कुछ दिनों बाद वह हम पर असम भेजने का दबाव बनाती रही.
इस पर परिवार बार-बार कहता रहा कि हमारे यहां शादी के तुरंत बाद मायके भेजने की परंपरा नहीं है. कम से कम 15 दिनों तक तो रुकना ही पड़ेगा. इतना कहने पर वह गुस्सा हो जाती थी. कई घंटों तक वह अपने कमरे में ही रहती थी. उसकी लोकल भाषा हमें समझ नहीं आती थी तो वो फोन पर असम की भाषा में ही बात करती थी. परिवार के लोगों के साथ रहने की बजाय वह अकेले ही रहती थी.
कैसे हुई थी दीप्ति से मुलाकात?
हरिमोहन मीणा के परिवार की कोटपूतली के पास सुंदरपुरा में रिश्तेदारी है. उन्होंने बताया कि असम की ही रहने वाली एक महिला उनकी रिश्तेदार है. जो कई साल पहले शादी करके राजस्थान आई थी. उसके पास ही दीप्ति के पति ने कॉन्टेक्ट किया था. कहा था कि आपके परिवार में हम दीप्ति की शादी करवाना चाहते है.
उस रिश्तेदार को भी इन लोगों के बारे में नहीं पता था. हरिमोहन शादी से पहले दीप्ति से मिलना चाहता था इसलिए वो असम गया. वहां जाकर 15 दिन रहा. इस तरह शादी की बात बन गई. लेकिन उन्हें नहीं पता था कि जिस लड़की को वह दुल्हन बना कर अपने घर ला रहा है वह तो उसे लूटने की फिराक में थी.