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रहस्यमयी घटनाएं और डरावनी आवाजें... जहां नया साल मनाने पहुंच रहे लोग, क्या है उस हॉन्टेड फोर्ट की कहानी

नया साल मनाने के लिए पर्यटक जिन खास जगहों पर पहुंच रहे हैं, उन्हीं में से एक है अलवर का भानगढ़ किला... यह किला किला रहस्यमयी कहानियों और भूतिया किस्सों के लिए जाना जाता है. इस किले से भूतिया इतिहास और तांत्रिक के श्राप की कहानियां भी जुड़ी हैं. आखिर क्या है इस किले का रहस्य, जिसने इसे दुनिया की सबसे डरावनी जगहों में शामिल कर दिया है?

भानगढ़ का किला. (Photo: Aajtak) भानगढ़ का किला. (Photo: Aajtak)
हिमांशु शर्मा
  • अलवर,
  • 01 जनवरी 2025,
  • अपडेटेड 7:24 AM IST

राजस्थान के अलवर जिले में स्थित भानगढ़ किला (Bhangarh Fort) देश-विदेश में अपनी भूतिया कहानियों के लिए फेमस है. इसे दुनिया की सबसे डरावनी जगहों में शुमार किया जाता है. कहते हैं कि एक तांत्रिक के श्राप के बाद यह किला और इसके आसपास की पूरी नगरी महज तीन घंटे में तहस-नहस हो गई थी, तब से आज तक यह जगह रहस्यमयी और खौफनाक बनी हुई है.

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यह किला अलवर जिले में सरिस्का के जंगल के पास अरावली की वादियों के बीच 17वीं शताब्दी में बनाया गया था. इसे माधव सिंह ने अपने छोटे बेटे मानसिंह के लिए बनवाया था. भानगढ़ किले के साथ 1720 तक यहां 9000 से अधिक घर थे.

किसी समय किले के आसपास पूरा शहर बसा हुआ था और यह शहर एक बड़ी व्यापारिक नगरी था, लेकिन आज इसे भूतिया जगह कहा जाता है. इस जगह पर कोई भी इमारत सही सलामत नहीं है. सब कुछ टूटा फूटा है. यहां मंदिर हैं, लेकिन उनमें मूर्तियां नहीं हैं. बाजार में दुकानें बनी हुई हैं, लेकिन उन पर छत नहीं है.

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जानकार इस किले की जो कहानी बताते हैं, उसके मुताबिक राजकुमारी रत्नावती बहुत सुंदर थी और काले जादू में माहिर थी. एक तांत्रिक को राजकुमारी से प्यार हो गया. एक दिन राजकुमारी की सहेलियां बाजार से इत्र खरीदने गई थीं. इस बारे में जैसे ही तांत्रिक को पता लगा तो उसने इत्र की शीशी पर जादू कर दिया. जैसे ही राजकुमारी की सहेलियों ने उनको इत्र की शीशी दी तो राजकुमारी को पता चला कि उस पर कोई जादू हुआ है.

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राजकुमारी ने उस इत्र की शीशी को एक पत्थर पर फेंक दिया. इसके बाद पत्थर उछलकर तांत्रिक के सिर में लगा. इससे तांत्रिक की मौत हो गई, लेकिन मरने से पहले तांत्रिक ने राजकुमारी और उस पूरे किले को श्राप दिया. उस श्राप के बाद 3 घंटे में पूरी नगरी तहसनहस हो गई. वहां रहने वाले सैकड़ों लोगों की मौत हो गई. उसके बाद से इस जगह पर रात के समय कोई नहीं रुकता है.

रात में इस जगह को पूरी तरह से खाली कर दिया जाता है. यहां जानवर पक्षी भी नहीं नजर आते हैं. सूरज ढलने के बाद टूरिस्ट को इस किले में जाने की अनुमति नहीं है. ऐसा माना जाता है कि इस किले और उसके आसपास पैरानॉर्मल एक्टिविटी होती हैं. किले में मौजूद नेगेटिव एनर्जी को लेकर भी लोगों में डर रहता है.

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कुछ लोगों का यह भी कहना है कि किले से चीखने, रोने और चूड़ियों के टूटने की आवाज सुनाई देती है. कई बार विशेष उपकरणों से किले में सर्वे किया गया, उस दौरान भी नेगेटिव एनर्जी का पता चला था. कुछ लोगों ने चोरी छिपे किले का रहस्य जानने का प्रयास किया, लेकिन वापस लौटने के बाद उनके साथ अप्रिय घटनाएं हुईं.

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एनसीआर में बेस्ट टूरिज्म पॉइंट

भानगढ़ फोर्ट जयपुर और दिल्ली के नजदीक है. यहां प्रतिदिन हजारों की संख्या में पर्यटक घूमने आते हैं. दिन के समय मेले जैसा माहौल रहता है. राजस्थान के अलावा उत्तर प्रदेश, हरियाणा, गुजरात, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, उड़ीसा, पश्चिम बंगाल सहित देश के अलग-अलग राज्य व शहरों से लोग हॉन्टेड प्लेस घूमने और इसकी कहानी जानने यहां आते हैं.

रात के समय बंद कर दी जाती हैं एंट्री

शाम ढलते ही किले के गेट बंद कर दिए जाते हैं. यहां हथियारबंद सिक्योरिटी गार्ड तैनात रहते हैं. रात के समय यहां किसी को प्रवेश नहीं दिया जाता. किले के गेट पर हनुमान जी का प्राचीन मंदिर है. 400 साल पुराने इस भूतिया किले में महल को रहस्यमयी कहा जाता है. यहां मंदिर हैं, लेकिन उसमें मूर्ति नहीं है. बाजार में दुकानें बनी हुई हैं, लेकिन छत नहीं है.

किले के आसपास के घर टूटे-फूटे हैं. दीवारें मुड़ी हुई हैं. यहां सब कुछ टूटा फूटा है. किले के आसपास पूरा शहर, बस्ती बनी हुई है, उसके अवशेष मौजूद हैं. इससे जुड़ी तमाम कहानियां यहां के लोग सुनाते हैं. भानगढ़ का किला अलवर जिले में मौजूद है. दिल्ली से 280 किलोमीटर की दूरी है तो जयपुर से 2 घंटे लगते हैं.

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