
कर्नाटक चुनाव खत्म होते ही बीजेपी का पूरा फोकस अब राजस्थान, मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ पर हो गया है. शायद यही वजह है कि केंद्र की बीजेपी सरकार ने किरेण रिजिजू को हटाकर राजस्थान के बीकानेर के सांसद अर्जुन राम मेघवाल को कानून मंत्री बना दिया गया है. कानून मंत्री बनाने के पीछे उनकी प्रशासनिक अनुभव को माना जा रहा है.
राज्य की राजनीति में चर्चा थी कि उन्हें केंद्र की राजनीति से हटाकर राजस्थान भेजा जाएगा. वहां इलेक्शन कैंपेन कमेटी का चेयरमैन बनाया जाएगा. राजस्थान में बड़ी संख्या में दलित और खासकर के मेघवाल आज भी कांग्रेस के साथ हैं, लेकिन अनुसूचित जाति के लिए सुरक्षित सीटों पर बीजेपी इनकी मदद से जीत हासिल कर लेती है.
ऐसे में जनता में अर्जुन राम मेघवाल को दलित चेहरा बनाने की बात तय मानी जा रही थी, लेकिन इन्हें केंद्र में ही बड़ी जिम्मेदारी दे दी गई है. इससे वसुंधरा गुट को भी राहत मिली है क्योंकि वसुंधरा राजे के लिए उनका गुट लंबे समय से कैंपेन कमेटी के मुखिया के पद की आस लगाए बैठा है.
राजस्थान में दलित करीब 16 फीसदी है और इनमें 60 फीसदी आबादी मेघवालों की है. हालांकि अर्जुन राम मेघवाल के बीकानेर लोकसभा सीट से लगती श्रीगंगानगर लोकसभा सीट पर भी बीजेपी के दलित सांसद निहालचंद मेघवाल 6 बार से लोकसभा सीट जीत रहे हैं. 2014 में पहली बार प्रधानमंत्री बनते समय मोदी सरकार में मंत्रिमंडल में शामिल भी किया गया था लेकिन बलात्कार का आरोप लगने के बाद निहालचंद को हटाकर तीसरी बार सांसद बने अर्जुन राम मेघवाल को मंत्री बना दिया गया था.
मेघवाल बीकानेर के इलाके से आने वाले बीजेपी के पूर्व उपमुख्यमंत्री हरिशंकर भाभड़ा के ओएसडी बनने के बाद से राजनीति में रूची लेने लगे. बाद में राज्य प्रशासनिक सेवा से प्रमोट होकर वो कलेक्टर भी बने.
वैसे अर्जुन राम मेघवाल की जनता में पकड़ बहुत मजबूत नहीं है क्योंकि वे अधिकारी थे और वीआरएस लेकर नेता बने थे लेकिन मेघवाल सांगठनिक दृष्टि से मजबूत माने जाते हैं. बीजेपी ने राजस्थान चुनाव के लिए बनाई अपनी कोर कमेटी में भी इन्हें शामिल किया है.
अर्जुन राम मेघवाल 2009 से बीकानेर से सांसद हैं. मेघवाल का जन्म बीकानेर के किस्मिदेसर गांव में हुआ. उन्होंने बीकानेर के डूंगर कॉलेज से बीए और एलएलबी की. इसके बाद उन्होंने इसी कॉलेज से मास्टर्स डिग्री (M.A) की. इसके बाद, फिलीपींस विश्वविद्यालय से एमबीए भी किया. वह राजस्थान कैडर के एक आईएएस अधिकारी रहे हैं और उन्हें राजस्थान में अनुसूचित जाति के चेहरे के रूप में देखा जाता है.
- 2009 को 15वीं लोकसभा के लिए निर्वाचित हुए. परामर्शदात्री समिति में विदेश मामले के सदस्य बनाए गए. बीजेपी अनुसूचित जाति मोर्चा की राष्ट्रीय कोर कमेटी सदस्य बना गए.
- इसके बाद 31 अगस्त 2009 से 20 जून 2010 के बीच रक्षा संबंधी स्थायी समिति के सदस्य रहे.
- 2010 में राजस्थान बीजेपी के उपाध्यक्ष बनाए गए. इसके अलावा बीजेपी राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य भी रहे.
- वह 21 जून 2010 से 31 अगस्त 2011 के बीच पर्यावरण और वन संबंधी स्थायी समिति में विज्ञान और प्रौद्योगिकी के सदस्य बना गए. इसके अलावा कानून और न्याय संबंधी स्थायी समिति में कार्मिक व लोक शिकायत के सदस्य रहे. वह अणुव्रत संसदीय मंच के संयोजक भी रहे.
- 1 दिसंबर 2011 को जोनल रेलवे उपयोगकर्ता सलाहकार समिति (जेडआरयूसीसी) के सदस्य रहे.
- वह 1 मई 2012 अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों के कल्याण संबंधी समिति के सदस्य बनाए गए थे.
- इसके बाद 21 अप्रैल 2013 को कमेटी ऑन अब्सेंस ऑफ मेंबर फ्रॉम द सिटिंग ऑफ द हाउस के सदस्य बनाए गए.
- मई 2014 में वह 16वीं लोकसभा के लिए फिर से सांसद चुने गए. वह 12 जुलाई 2014 को लोकसभा में बीजेपी के चीफ व्हिप रहे.
- मेघवाल 13 जून 2014 से 5 जुलाई 2016 के बीच कार्य मंत्रणा समिति के सदस्य बने. इसके बाद 1 सितंबर 2014 से 5 जुलाई 2016 के बीच रेल संबंधी स्थायी समिति सदस्य रहे.
- इसके बाद 15 सितंबर 2014 से 5 जुलाई 2016 तक आचार समिति सदस्य रहे. इसके अलावा उन्हें विदेश मंत्रालय और प्रवासी भारतीय मामले की सलाहकार समिति का सदस्य बनाया गया. वह भारतीय संसदीय समूह के कार्यकारी सदस्य भी रहे.
- अर्जुन राम मेघवाल 28 नवंबर 2014 से 5 जुलाई 2016 के दौरन हाउस कमेटी के अध्यक्ष बनाए गए.
- इसके बाद 11 दिसंबर 2014 के 5 जुलाई 2016 के दौरान वह जेसीपी सदस्य बनाए गए. उन्हें 29 जनवरी 2015 के 5 जुलाई 2016 के बीच सामान्य प्रयोजन समिति, राष्ट्रीय खादी और ग्रामोद्योग बोर्ड और एसएसए की गवर्निंग काउंसिल का सदस्य बनाया गया.
- उन्हें 1 मई 2015 के 5 जुलाई 2016 दरमियान प्राक्कलन समिति का सदस्य बनाया गया.
- वह 3 जुलाई 2015 प्राक्कलन समिति की उप-समिति-III के सदस्य बनाए गए.
- मेघवाल 5 जुलाई 2016 से 30 मई 2019 के बीच केंद्रीय राज्य मंत्री बनाए गए. उन्हें वित्त मंत्रालय और कॉर्पोरेट मामलों के मंत्रालय की जिम्मेदारी दी गई.
- बीजेपी सांसद को 30 मई 2019 से 07 जून 2021 के बीच संसदीय मामलों और भारी उद्योग और सार्वजनिक उद्यम राज्य मंत्री बनाया गया.
- 8 जून 2021 के बाद उन्हें केंद्रीय संसदीय कार्य और संस्कृति राज्य मंत्री बनाया गया.