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इलाज के लिए जेल से बाहर आएगा आसाराम, 11 साल में पहली बार HC के आदेश से मिली पैरोल

यौन उत्पीड़न के मामले में आजीवन कारावास की सजा काट रहे आसाराम को राजस्थान हाई कोर्ट से बड़ी राहत मिली है. अदालत ने उपचार के लिए आसाराम की 7 दिन की पैरोल मंजूर की है.

आसाराम को राजस्थान हाई कोर्ट से 7 दिन की पैरोल मिली है. (PTI Photo) आसाराम को राजस्थान हाई कोर्ट से 7 दिन की पैरोल मिली है. (PTI Photo)
अशोक शर्मा
  • जोधपुर,
  • 13 अगस्त 2024,
  • अपडेटेड 6:07 PM IST

यौन उत्पीड़न के मामले में जोधपुर सेंट्रल जेल में आजीवन कारावास की सजा काट रहे आसाराम को राजस्थान हाई कोर्ट से बड़ी राहत मिली है. अदालत ने उपचार के लिए आसाराम की 7 दिन की पैरोल मंजूर की है. वह 1 सितंबर, 2013 से जेल में बंद है और अब करीब 11 साल बाद पैरोल पर बाहर आएगा. यह पहली बार है जब आसाराम की पैरोल मंजूर हुई है. वह पुलिस कस्टडी में इलाज के लिए महाराष्ट्र जाएगा. राजस्थान हाई कोर्ट के न्यायाधीश जस्टिस पुष्पेंद्र सिंह भाटी की खंडपीठ ने उसकी अंतरिम पैरोल को मंजूर दी.

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आसाराम की कुछ दिन पहले अचानक तबीयत बिगड़ गई थी. उसने सीने में दर्द की शिकायत की थी, जिसके बाद जेल प्रशासन ने उसे जोधपुर एम्स में भर्ती कराया था. यहां मेडिकल चेकअप के बाद उसे इलाज के लिए भर्ती कर लिया गया था. वह 10 अगस्त से जोधपुर एम्स में भर्ती है. आसाराम की तबीयत खराब होने और जोधपुर एम्स में भर्ती होने की खबर सार्वजनिक होते ही, अस्पताल के बाहर उसके समर्थकों की भीड़ लग गई थी. आसाराम को 2018 में जोधपुर की एक विशेष POCSO अदालत ने नाबालिग के साथ बलात्कार का दोषी ठहराया था और आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी.

आसाराम 2 सितंबर 2013 से जेल में है. लड़की ने अपनी शिकायत में आरोप लगाया था कि 15 अगस्त, 2013 की रात आसाराम ने उसे जोधपुर के पास मणाई स्थित अपने आश्रम में बुलाया और उसके साथ बलात्कार किया. पांच साल से अधिक समय तक चले ट्रायल के बाद पॉक्सो अदालत ने आसाराम को दोषी ठहराया था और आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी. पिछले साल, गुजरात की एक अदालत ने आसाराम को 2013 में अपने सूरत आश्रम में एक महिला अनुयायी के साथ कई मौकों पर बलात्कार करने के लिए दोषी ठहराया था.

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आसाराम ने की थी सजा निलंबित करने की मांग

इससे पहले भी 85 वर्षीय आसाराम ने बीमारी का हवाला देकर कई बार पैरोल की मांग की थी. गत 20 जून को उसने अदालत से 20 दिन की पैरोल की मांगी थी, लेकिन तब पैरोल कमेटी ने उसे राहत देने से इनकार कर दिया था. आसाराम ने मेडिकल ग्राउंड पर अपनी सजा निलंबित करने की मांग को लेकर राजस्थान हाई कोर्ट में भी एक याचिका दाखिल की थी, जिसे अदालत ने खारिज कर दिया था. हाई कोर्ट के फैसले को आसाराम ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी. इस साल मार्च में शीर्ष अदालत ने राजस्थान हाई कोर्ट के फैसले में हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया था. हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि वह उपचार की अनुमति मांगने के लिए राजस्थान उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटा सकता है. 

आसाराम का बेटा नारायण साईं भी जेल में है बंद

बता दें कि आसाराम का बेटे नारायण साईं भी रेप केस में आजीवन कारावास की सजा काट रहा है. सूरत की रहने वाली एक महिला ने उस पर 2002 से 2005 के बीच शोषण और बार-बार बलात्कार करने का आरोप लगाते हुए जहांगीरपुरा पुलिस स्टेशन में एफआईआर दर्ज कराई थी. वह दो महीने तक गिरफ्तारी से बचता रहा और 4 दिसंबर 2013 को दिल्ली-हरियाणा सीमा पर दिल्ली, गुजरात, पंजाब और हरियाणा पुलिस के संयुक्त अभियान में गिरफ्तार हुआ. सूरत की एक अदालत ने 26 अप्रैल 2019 को, नारायण साईं को बलात्कार, अप्राकृतिक यौन संबंध, हमला, आपराधिक धमकी और साजिश रचने का दोषी ठहराया और आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी.

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