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भजनलाल सरकार का बड़ा आदेश, गहलोत राज में बने 9 जिले और 3 संभाग खत्म

राजस्थान की भजनलाल सरकार ने पिछली अशोक गहलोत सरकार के दौरान घोषित 9 नए जिलों को रद्द करने का बड़ा फैसला लिया है. इसके साथ ही तीनों नए संभाग भी रद्द कर दिए गए हैं.

सीएम भजनलाल शर्मा (फाइल फोटो) सीएम भजनलाल शर्मा (फाइल फोटो)
शरत कुमार/देव अंकुर
  • जयपुर,
  • 28 दिसंबर 2024,
  • अपडेटेड 7:33 PM IST

राजस्थान की भजनलाल सरकार ने पिछली अशोक गहलोत सरकार के दौरान घोषित 9 नए जिलों को रद्द करने का बड़ा फैसला लिया है. इसके साथ ही तीनों नए संभाग भी समाप्त कर दिए गए हैं. राजस्थान सरकार ने जिन 9 जिलों को रद्द कर दिया है, उनमें- दूदू, केकड़ी, शाहपुरा, नीमकाथाना, गंगापुरसिटी, जयपुर ग्रामीण, जोधपुर ग्रामीण, अनूपगढ़, सांचौर जिले शामिल हैं. अब राजस्थान में अब राजस्थान में 7 संभाग और 41 जिले रहेंगे.

सीएम भजनलाल शर्मा ने आज कैबिनेट की बैठक बुलाई. इसमें पिछली कांग्रेस सरकार से जुड़े फैसलों पर अमल किया गया. दरअसल, पिछली गहलोत सरकार ने राजस्थान विधानसभा चुनाव से पहले 17 नए जिले और 3 संभाग बनाए थे. इनमें 9 नए जिले खत्म कर दिए गए हैं और तीनों नए संभाग को भी रद्द कर दिए हैं. लिहाजा इन 17 नए जिलों में अब 8 जिले ही रहेंगे. इनमें- बालोतरा, व्यावर, डीग, डीडवाना-कुचामन, कोटपूतली-बहरोड़, खैरथल-तिजारा, फलौदी और सलूम्बर शामिल हैं.

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ये 3 संभाग खत्म किए गए

- सीकर
- पाली 
- बांसवाड़ा

कमेटी की रिपोर्ट के बाद लिया फैसला

कैबिनेट की बैठक के बाद मंत्री जोगाराम पटेल ने कहा कि कांग्रेस सरकार ने बिना परीक्षण कराए नए ज़िले बना दिए थे, जिसकी ज़रूरत नहीं थी और सरकार पर अतिरिक्त वित्तीय बोझ आ रहा था, जिसके लिए भजनलाल सरकार ने नए ज़िलों की ज़रूरत है या नहीं, यह परीक्षण कराने के लिए रिटायर्ड IAS अधिकारी ललित के. पंवार की अध्यक्षता में एक कमेटी गठित की थी, इस कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर ये 9 ज़िले और तीन संभाग समाप्त किए गए हैं. उधर, भजनलाल सरकार की ओर से समाप्त किए गए जिलों में कांग्रेस ने कल से ही जन आंदोलन शुरू करने की चेतावनी दी है. 

सामान पात्रता परीक्षा अब तीन साल के लिए मान्य

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इसके अलावा राजस्थान कैबिनेट में एक और बड़ा फ़ैसला लिया है कि सामान पात्रता परीक्षा अब तीन साल के लिए मान्य होगी. एक बार कोई छात्र ये परीक्षा पास कर लेता है तो फिर 3 साल तक उसे फिर से परीक्षा में बैठने की ज़रूरत नहीं होगी. इसके अलावा खाद्य सुरक्षा के लिए केवाईसी की डेडलाइन भी 31 दिसंबर तक थी, जिसे हटाया गया है.

राजस्थान कैबिनेट के फैसले पर आई गहलोत की प्रतिक्रिया 

राजस्थान कैबिनेट की बैठक में नवगठित जिलों में से 9 जिले और 3 संभाग समाप्त करने के फैसले पर राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता अशोक गहलोत ने कहा कि राज्य सरकार को यह फैसला लेने में 1 साल लग गया. इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि उनके मन में इस काम को लेकर कितनी उलझन थी. राजस्थान देश का सबसे बड़ा राज्य है. अगर तीन संभाग बनाए गए तो कुछ सोच-समझकर बनाए गए. कई मायनों में छोटे जिले जनता के लिए फायदेमंद होते हैं. गुजरात हमसे (राजस्थान) कम आबादी वाला राज्य है, लेकिन फिर भी वहां 33 जिले हैं. हमने सुशासन के लिए यह फैसला लिया था.

 

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