
तारीख 5 दिसंबर 2022... जगह राजस्थान (Rajasthan) का चित्तौड़गढ़... यहां गंगरार कस्बे में कुछ लोगों को हनुमान मंदिर के पीछे कुएं के अंदर एक शख्स की बिना सिर वाली लाश दिखाई दी. शव काफी फूल गया था और वह पानी में ऊपर आ गया. उन्होंने तुरंत इसकी सूचना पुलिस (Police) को दी. बात पूरे इलाके में फैल गई और गांव के अन्य लोग भी वहां पहुंच गए.
तभी पुलिस मौके पर पहुंची. उन्होंने कुएं से शव को बाहर निकाला. बिना सिर वाली इस लाश की पहचान नहीं हो पा रही थी. फिर भी पुलिस उसकी पहचान करने की कोशिश कर रही थी. तभी उनकी नजर लाश के हाथ पर पड़ी. उसमें कुछ लिखा हुआ था. जब ये लाश मिली तब अंधेरा हो चुका था.
पुलिस ने टॉर्च जलाकर उसे पढ़ने की कोशिश की. पुलिस को लगा कि हाथ पर कमलेश राइका लिखा हुआ है. लेकिन वहां मौजूद एक शख्स ने पुलिस की बात काटते हुए तुरंत कहा कि कमलेश नहीं, इसके हाथ पर महेंद्र राइका लिखा हुआ. पुलिस ने जैसे ही यह बात सुनी तो उन्हें काफी अजीब लगा. क्योंकि उस नाम को पढ़ना बेहद मुश्किल था. लेकिन वो शख्स उस नाम को लेकर काफी कॉन्फिडेंट था.
उस वक्त तो उस लाश की पहचान नहीं हो पाई. लेकिन पुलिस ने फिर पता लगाना शुरू किया कि क्या वाकई कोई महेंद्र राइका नामक शख्स है? जल्द ही पता चल भी गया कि हां सच में यहीं गांव में एक महेंद्र राइका (23) नामक शख्स भी रहता है जो कि कुछ दिन से लापता है. पुलिस को न जाने क्यों पर उस दिन लाश के हाथ पर लिखा नाम बताने वाले शख्स पर शक हुआ.
पुलिस ने फिर इसी के साथ महेंद्र की गुमशुदगी की भी जांच शरू कर दी. वो इसलिए कि कहीं वो लाश महेंद्र की ही तो नहीं है. जांच में पता चला कि महेंद्र की आखिरी बार फोन पर अपनी सगी बहन तनु से बात हुई थी. वो तारीख थी 21 नवंबर 2022. उस दिन के बारे में पूछताछ में तनु ने बताया कि हां उसकी बात महेंद्र से हुई थी. उस समय तक महेंद्र एकदम ठीक था. लेकिन उस समय महेंद्र चित्तौड़गढ़ के बजाय रतलाम में कहीं था.
जबकि, महेंद्र घर से 16 नवंबर 2022 को ही कहीं चला गया था. बहन ने बताया कि इसके 5 दिन बाद उसकी महेंद्र से फोन पर बात भी हुई और फिर उसका फोन बंद हो गया. घर वालों ने उसके बारे में जानने की इसलिए भी जरूरत नहीं समझी क्योंकि अक्सर महेंद्र इस तरह घर से चला जाता है और वापस आ भी जाता है. साथ ही उसका फोन भी कई बार खराब होने के कारण बंद हो जाता है.
6 दिसंबर को मिला महेंद्र का कटा हुआ सिर
तनु ने भी बताया था कि भाई से आखिरी बार बात हुई थी तो वो ठीक था. इसलिए परिवार वालों को लगा कि महेंद्र कुछ दिन बाद लौट आएगा. लेकिन लाश मिलने के अगले ही दिन यानी 6 दिसंबर को उसी कुएं से छानबीन के दौरान सिर वाला हिस्सा भी मिल गया. अब सिर देखकर ये पहचान हो गई कि वाकई मरने वाला शख्स महेंद्र राइका ही था. अब पुलिस इस मामले की जांच करने लगी कि आखिर क्यों महेंद्र राइका की हत्या की गई और किसने इस वारदात को अंजाम दिया?
पुलिस ने महेंद्र के परिवार से पूछताछ की लेकिन कोई सुराग नहीं मिला. परिवार ने ये जरूर बताया कि वो तो अपनी बहन तनु की शादी करने की तैयारी कर रहा था. उसका किसी से कोई विवाद नहीं था. इसके बाद पुलिस ने उस शख्स की जांच शुरू की जिसने रात के अंधेरे में भी लाश के हाथ पर लिखे उस नाम को पढ़ लिया था.
मृतक के हाथ पर लिखा नाम पढ़ने वाला कौन था?
पुलिस की जांच में पता चला कि उसका नाम महावीर है. वो मरने वाले महेंद्र राइका के घर आता-जाता था. महावीर की दो में से एक बहन का वो मुंहबोला भाई था. जब से महेंद्र के लापता होने की आशंका हुई थी तब से वो भी खोजबीन में भी गंभीरता से जुटा हुआ था. 5 दिसंबर को जब कुएं से बिना सिर वाली लाश मिली थी तब भी वो काफी सक्रिय था. पुलिस और लोगों के साथ वो भी जांच में मदद करने में सबसे आगे था.
महावीर ही था महेंद्र का हत्यारा
इसी आधार पर पुलिस ने उसकी पड़ताल की तब पूरी कहानी सामने आ गई. असल में महावीर ही महेंद्र का कातिल था और इस कत्ल को किसी और ने नहीं, बल्कि महेंद्र की बहन तनु ने ही करवाया था. दरअसल, ये सभी एक ही गांव में रहते हैं लेकिन मोहल्ला अलग-अलग. पुलिस की जांच में पता चला कि तनु और महावीर में अफेयर था. असल में पिछले कई साल से महावीर का तनु के घर आना जाना था.
तनु की छोटी बहन को आरोपी महावीर बहन मानता था और राखी बंधवाता था. पिछले 3 साल से तनु और महावीर के बीच अफेयर चल रहा था. कुछ महीने पहले ही तनु के भाई महेंद्र को इस बारे में शक हो गया था. क्योंकि महावीर अक्सर उनके घर आता जाता रहता था. इसलिए महेंद्र अब जल्द से जल्द तनु की शादी कर देना चाहता था.
महावीर नहीं करना चाहता था महेंद्र की हत्या
उसकी सगाई करने के लिए एक लड़के से रिश्ता भी तय कर दिया था. तनु जहां इस शादी से मना कर रही थी. तो वहीं भाई महेंद्र जिद पर अड़ा था. इसलिए तनु नाराज हो गई. उसने इस बारे में अपने प्रेमी महावीर को बताई. बहन तनु ने प्रेमी से साफ कहा कि अब महेंद्र को रास्ते से हटाने के लिए उसकी हत्या करनी होगी. लेकिन महावीर तैयार नहीं था.
वो इसके लिए बार-बार मना कर रहा था. दरअसल, उसे लगता था कि वो उसके भाई को समझाएगा तो वो मान जाएगा. लेकिन तनु इस जिद पर अड़ गई थी कि अब कुछ भी हो तुम्हें किसी भी तरह महेंद्र को मारना ही होगा. ऐसा नहीं किया तो हमारा प्यार खत्म हो जाएगा. आखिरकार प्रेमिका की जिद के आगे महावीर कत्ल करने को तैयार हो गया.
ऐसे दिया गया प्लान को अंजाम
तनु और उसकी बहन को 16 नवंबर को दूसरी जगह से अपने गांव आना था. तनु ने अपने भाई से कहा था कि वो उन्हें लेने आ जाए. इस बारे में उसने अपने प्रेमी महावीर को भी बता दिया था. इसके बाद रास्ते में एक कॉमन दोस्त के जरिए महावीर ने महेंद्र से मुलाकात की. फिर उसे गांजा पिलाने के बहाने कहीं ले गया. वहां महावीर ने गांजे में कुछ नशीली चीज मिलाई. फिर वह गांजा महेंद्र को पिला दिया. जैसे ही महेंद्र को नशा होने लगा तो महावीर ने उसका गला घोंटकर मार डाला.
दृश्यम फिल्म से मिला आइडिया
मर्डर के बाद लाश कहां फेंकनी है ताकि पुलिस को कोई सुराग नहीं मिले. इसके लिए महावीर ने दृश्यम फिल्म देख रखी थी. क्योंकि उसे पता था कि फिल्म में एक्टर के परिवार के खिलाफ कोई सुराग नहीं मिला था. इसलिए उसने पहले लाश के दो टुकड़े किए. फिर गांव से दूर वाले एक कुएं में उन टुकड़ों को फेंक दिया. लाश फेंकने के बाद 5 दिन तक घर पर आरोपी नॉर्मल तरीके से रहा. ताकि किसी को उस पर शक ना हो.
ओवर स्मार्ट बनने के चक्कर में पकड़ा गया
इसके बाद 21 नवंबर को अपना मोबाइल फोन घर पर ही छोड़ दिया और महावीर के फोन को लेकर चित्तौड़गढ़ से रतलाम पहुंचा. यानी करीब 200 किमी दूर पहुंचा. फिर महेंद्र के फोन से ही तनु को फोन किया. ताकि पुलिस अगर जांच करे तो महेंद्र की आखिरी लोकेशन 200 किमी दूर रतलाम की मिले. लेकिर ओवर स्मार्ट बनने के चक्कर में आखिरकार वह पकड़ा ही गया.
पुलिस ने बताया कि आरोपी महावीर के बयान के बाद उसे और उसकी प्रेमिका तनु को गिरफ्तार कर लिया गया. इनके साथ एक नाबालिग को हिरासत में लेकर उसे बाल सुधार गृह भेजा गया. पुलिस ने ये भी माना कि आरोपी तनु और महावीर ने खतरनाक साजिश रची थी. अगर पुलिस महेंद्र की तलाश करती तो उसकी आखिरी लोकेशन रतलाम मिलती और केस का खुलासा करना मुश्किल था. फिलहाल यह केस कोर्ट में चल रहा है.