
राजस्थान के उदयपुर में हुई टेलर कन्हैयालाल की निर्मम हत्या को एक साल से ज्यादा समय बीत चुका है. लेकिन असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा के बयान के बाद इस पर एक बार फिर चर्चा शुरू हो गई है. उन्होंने राजस्थान के कोटा में कन्हैयालाल हत्याकांड की याद दिलाते हुए कहा है कि अगर असम में ऐसा कोई केस हुआ होता तो वह 10 मिनट में हिसाब बराबर कर देते.
दरअसल, असम के सीएम ने यह बात कोटा के उमेद सिंह स्टेडियम में परिवर्तन संकल्प यात्रा के समापन पर कही. उन्होंने कहा,'मान लीजिए अगर उदयपुर जैसा कांड असम में होता तो तुरंत ही मीडिया में दूसरी न्यूज भी आती कि 10 मिनट में हिसाब चुकता कर दिया गया है.'
गहलोत जैसे नेताओं की वजह से हिंदुओं की दुर्दशा
हिमंता बिस्वा सरमा ने कहा,'अशोक गहलोत जैसे लोग कुर्सी पर बैठे हैं. राहुल जैसे नेता हैं. इस वजह से ही आज हिंदुओं की यह दुर्दशा हुई है. कांग्रेस कहती थी आर्टिकल 370 मत हटाओ हल्ला हो जाएगा. जब हिंदू 80 फीसदी हैं तो कौन आपको क्या कर सकता है, लेकिन उनको हिंदुओं पर विश्वास नहीं है. बाबर उनका दोस्त है और उनका काम भी बाबर जैसा है.'
हिंदुओं की जन्मभूमि है राजस्थान: असम CM
असम के मुख्यमंत्री ने राजस्थान सीएम अशोक गहलोत पर आरोप लगाते हुए कहा कि राजस्थान हिंदुओं की जन्मभूमि है. लेकिन मुख्यमंत्री कहते हैं कि मैं राजस्थान को हिंदूवादी राज्य नहीं बनने दूंगा. उन्होंने आगे कहा,'राजस्थान में हजारों सालों से हिंदू हैं. आज भी हैं और जब तक सूरज-चांद रहेगा, तब तक राजस्थान हिंदूवादी राज्य ही रहेगा. राजस्थान हिंदुओं की जन्मभूमि है. कांग्रेस की इजाजत से राजस्थान के लोग हिंदू नहीं बने थे.'
5 साल से क्यों नहीं शुरू की अन्नपूर्णा योजना
हिमंता बिस्वा सरमा ने कहा,'मैं 22 साल कांग्रेस में रहा हूं. कांग्रेस चुनाव से पहले कोई न कोई बांटने की स्कीम निकालती है. इसके बाद उससे ही चुनाव का खर्चा निकाल लेती है. अन्नपूर्णा फूड पैकेट गरीबों के लिए नहीं है, यह किसी की जेब गर्म करने के लिए है. अगर गरीबों के लिए अन्नपूर्णा पैकेट निकालना था तो 5 साल पहले क्यों नहीं निकला. कोरोना में लोगों के सामने खाने की दिक्कत थी, फिर कोरोना काल में क्यों नहीं निकला?'
कन्हैयालाल के परिवार को न्याय की आस
बता दें कि 28 जून 2022 का वो दिन जब राजस्थान के उदयपुर (Udaipur) में टेलर कन्हैयालाल की दो लोगों ने बेरहमी से हत्या कर डाली थी. इस हत्या को नुपूर शर्मा के पैगंबर मोहम्मद पर दिए गए बयान का समर्थन करने के कारण रियाज और गौस मोहम्मद नामक शख्त ने अंजाम दिया था. इस हत्याकांड को एक साल हो ज्यादा हो चुका है. अभी भी यह केस कोर्ट में चल रहा है.
ताजा हालात की बात करें तो कन्हैया लाल के परिवार के घर के बाहर अब भी पुलिसकर्मी रहते हैं. ताकि उन्हें कोई नुकसान न पहुंचा दें. पत्नी जसोदा अपने दिवंगत पति की सिलाई मशीन को निहारती रहती हैं. इन्हें लोगों को दिखाती हैं. पिता के बिना बेटे अपना जन्मदिन तक नहीं मनाते. पत्नी को आज तक उनके पति की हत्या का वीडियो नहीं दिखाया गया है, वो कहती हैं कि उनका बस चले तो हत्यारों को मार डालें.