
अशोक गहलोत सरकार ने पिछले महीने राजस्थान के जोधपुर में हुई सांप्रदायिक हिंसा के शिकार हुए लोगों को मुआवजा देने का फैसला किया है. गहलोत सरकार की ओर से उन लोगों को मुआवजा देने का फैसला किया है जो घायल हुए थे और जिनकी संपत्ति और वाहन क्षतिग्रस्त हुए थे.
राज्य सरकार के निर्णय के अनुसार, घायल हुए कुल 21 लोगों को 9.5 लाख रुपये के मुआवजे का भुगतान किया जाएगा. इसके अलावा जिन 69 प्रभावित लोगों की संपत्ति और वाहन क्षतिग्रस्त हुए हैं, उन्हें 7.83 लाख रुपये का मुआवजा दिया जाएगा.
बता दें कि राजस्थान के जोधपुर में 2 मई को ईद के मौके पर जमकर बवाल हुआ था. दरअसल, ईद और परशुराम जयंती एक साथ मनाई जा रही थी और परशुराम जयंती के मौके पर रैली निकाली गई थी. इस बीच जालोरी गेट पर झंडे और लाउडस्पीकर को लेकर विवाद शुरू हुआ, जो दो दिन तक चला था.
घटना के बाद CM अशोक गहलोत ने हाई लेवल मीटिंग की और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करने का निर्देश दिया. हिंसा के बाद प्रशासन ने दस थाना क्षेत्रों में कर्फ्यू लगा दिया था. दो दिन तक चले बवाल पर पुलिस ने 33 प्रकरण दर्ज किए, जबकि 250 से ज्यादा लोगों को गिरफ्तार किया गया था.
अप्रैल और मई में राजस्थान में हिंसा-झड़प के पांच मामले आए थे सामने
जोधपुर में हुए सांप्रदायिक हिंसा को लेकर अप्रैल और मई महीने में राजस्थान में सांप्रदायिक हिंसा और झड़प के कुल पांच मामले सामने आए थे. करौली में 2 अप्रैल को हिंसा हुई थी जब कुछ लोगों ने हिंदू नव वर्ष के अवसर पर एक बाइक रैली पर कथित तौर पर पथराव किया था. कई वाहनों और दुकानों को आग के हवाले कर दिया गया था. हिंसा में 35 से अधिक लोग घायल हुए थे.
22 अप्रैल को अलवर जिले में बुलडोजर से मंदिर तोड़ने के बाद विवाद हो गया. इससे जुड़ा एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ, जिसमें बुलडोजर से एक मंदिर को तोड़ते हुए दिखाया जा रहा था. ये वीडियो राजस्थान के अलवर जिले में राजगढ़ नगर पालिका की ओर से हुई कार्रवाई का था.
10 मई को भीलवाड़ा के शास्त्रीनगर क्षेत्र में ब्रह्माणी स्वीट्स के पास कथित रूप से दूसरे समुदाय के कुछ लोगों ने चाकू मारकर 22 साल के युवक आदर्श तापड़िया को गंभीर रूप से घायल कर दिया. अस्पताल पहुंचने तक आदर्श तापड़िया की मौत हो गई थी. युवक की हत्या की सूचना मिलते ही विश्व हिंदू परिषद के कार्यकर्ता, विधायक और स्थानीय लोग जिला अस्पताल में जमा हो गए थे.
11 मई को हनुमानगढ़ में विश्व हिंदू परिषद (VHP) के स्थानीय नेता पर हमला हुआ था. इसके बाद माहौल गर्मा गया. हमले के विरोध में प्रदर्शन कर रहे लोगों ने सड़क को जाम कर दिया था.
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