
राजस्थान में इस साल के अंत तक विधानसभा चुनाव होने हैं. राजस्थान विधानसभा चुनाव से पहले सत्ताधारी कांग्रेस अपने संगठन को चुस्त-दुरुस्त करने में जुट गई है. कांग्रेस में हुए राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव, संगठन में व्यापक बदलाव के बाद अब राजस्थान यूथ कांग्रेस के भी सांगठनिक चुनाव होने हैं. कांग्रेस पार्टी ने इस चुनाव के लिए आरक्षण व्यवस्था लागू कर दिया है.
राजस्थान यूथ कांग्रेस के लिए ऑनलाइन चुनाव होने हैं. ऑनलाइन होने जा रहे राजस्थान यूथ कांग्रेस के चुनाव के लिए कांग्रेस ने आरक्षण व्यवस्था लागू कर दिया है. राजस्थान कांग्रेस ने इन चुनावों में पहली बार ट्रांसजेंडर के लिए कोई पद आरक्षित किया है. राजस्थान कांग्रेस ने यूथ कांग्रेस चुनाव में ट्रांसजेंडर के लिए महासचिव का पद आरक्षित किया है.
राजस्थान कांग्रेस के नेताओं ने ट्रांसजेंडर के लिए महासचिव का पद आरक्षित करने को क्रांतिकारी कदम बताया है. कांग्रेस नेताओं का दावा है कि ये पहला अवसर है जब किसी राजनीतिक दल ने ट्रांसजेंडर्स के लिए कोई पद आरक्षित किया है. यूथ कांग्रेस ने पदों की संख्या में भी इजाफा किया है. यूथ कांग्रेस में पहले 10 महासचिव होते थे लेकिन अब 45 महासचिव होंगे.
यूथ कांग्रेस ने महासचिवों की संख्या बढ़ाने का फैसला सभी जाति, समुदाय और वर्ग को साथ लाने के लिए किया है. यूथ कांग्रेस के 45 महासचिव में से 14 सामान्य वर्ग के होंगे. एक सीट ट्रांसजेंडर के लिए आरक्षित की गई है. इसी तरह महिलाओं के लिए चार महासचिव के पद आरक्षित किए गए हैं जिनमें से अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति की होंगी.
चुनाव के लिए ऑनलाइन सदस्यता अभियान
राजस्थान यूथ कांग्रेस के ऑनलाइन चुनाव के लिए सदस्यता अभियान भी ऑनलाइन ही चलाया जा रहा है. गौरतलब है कि पिछली बार राजस्थान में यूथ कांग्रेस के अध्यक्ष पद पर सुमित भागसरा निर्वाचित हुए थे. तब ये आरोप लगे थे कि सुमित को हैकिंग के सहारे चुनावी जीत मिली है. सुमित की जीत को लेकर आरोप लगे और खूब विवाद भी हुआ.
विवाद ने जब तूल पकड़ लिया तब आनन-फानन में सुमित को राजस्थान यूथ कांग्रेस के अध्यक्ष पद से हटा दिया गया. सुमित भागसरा के अध्यक्ष चुने जाने के बाद हुए विवाद का ध्यान रखते हुए कांग्रेस इस बार अधिक सतर्क है. कांग्रेस ने इस बार प्रोफेशनल कंपनी हायर की है जिससे हैकिंग जैसे किसी भी प्रयास को विफल किया जा सके और चुनाव प्रक्रिया की शुचिता पर कोई सवाल न उठे.