
दौसा में कांग्रेस के प्रत्याशी डीसी बैरवा के लिए वोट मांगते हुए राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत कुछ ऐसा बोल गए जिसे लेकर राजनीतिक हलके में बवाल मचा हुआ है .अशोक गहलोत ने दौसा की सभा में कहा कि गांवों से लेकर जिला तक,जयपुर से लेकर दिल्ली तक यह चर्चा हो रही है कि दौसा के टिकट में कांग्रेस और बीजेपी की मैच फिक्सिंग है.
गहलोत ने कहा कि यह बेहद गंभीर बात है. दौसा के सांसद मुरारीलाल मीणा ने टिकट दिलवा दी है इसलिए कांग्रेस के प्रत्याशी को आप मज़बूती के साथ मेहनत करके जिताना है. गहलोत के इस बयान के कई मायने निकाले जा रहे हैं.
पायलट का गढ़ है दौसा
दरअसल, दौसा सचिन पायलट का गढ़ माना जाता है और दौसा के कांग्रेस उम्मीदवार डीसी बैरवा न केवल सांसद मुरारीलाल मीणा के नज़दीक है बल्कि सचिन पायलट के भी पुराने कार्यकर्ता रहे हैं .डीसी बैरवा ख़ुद भी प्रधान रह चुके हैं और फ़िलहाल इनकी पत्नी प्रधान है इनके पिता भी कांग्रेस के मज़बूत कार्यकर्ता रहे हैं .राजेश पायलट के ज़माने से यह परिवार पायलट परिवार के साथ जुड़ा हुआ है ऐसे में अशोक ग़हलोत DC बैरवा के लिए वोट मांगते हुए मैच फिक्सिंग का ज़िक्र कर कई तरह के अटकलों को जन्म दे दिया है.
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गहलोत के बयान के सियासी मायने
कुछ लोग कह रहा है कि अशोक गहलोत संकेतों की राजनीति करते हैं और अपनी बात संकेतों में कह गए है, कुछ लोगों का कहना है कि अशोक गहलोत के कुछ क़रीबी नेता डीसी बैरवा का टिकट कटवाना चाह रहे थे इसकी वजह से उन्होंने यह बात कही गहलोत को कही थी. मगर गहलोत के इस बयान से कांग्रेस के उम्मीदवार के लिए मुश्किल ज़रूर खड़ी हो गई है.
माना जा रहा है कि कांग्रेस का सबसे मज़बूत उम्मीदवार दौसा के डीसी बैरवा ही हैं और उनके टिकट को लेकर कोई विवाद नहीं था फिर अचानक से अशोक गहलोत ने यह बात क्यों छेड़ी. दौसा के विधायक मुरारीलाल मीणा यहां से राज्य में सर्वाधिक वोट से जीत कर सासंद बने हैं जिसकी वजह से उपचुनाव हो रहा है .
दौसा का चुनावी गणित
दौसा में BJP के उम्मीदवार के रूप में नाराज़ चल रहे और मंत्री पद से इस्तीफ़ा दे चुके मंत्री किरोड़ी लाल मीणा के भाई जगमोहन मीणा चुनाव लड़ रहे हैं. बीजेपी यहां पर ब्राह्मण उम्मीदवार उतारा करती थी और कांग्रेस एसटी के मीणा उम्मीदवार उतारती थी. मगर इस बार BJP ने एसटी के मीणा उम्मीदवार को टिकट दे दिया इसलिए कांग्रेस ने SC के DC बैरवा को चुनाव में उतारा है.
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दौसा में क़रीब 66 हज़ार मीणा मतदाता है तो 58 हज़ार दलित मतदाता है ऐसे में और 40 हज़ार ब्राह्मण और 23 हज़ार गुज़ार वोटर महत्वपूर्ण फैक्टर हो गए . सैनी करीब 18 हज़ार हैं, मुस्लिम 15 हजार और राजपूत वैश्य करीब 10-10 हजार हैं.