Advertisement

'वह दलाल है', अशोक गहलोत के वफादार पर सचिन पायलट के करीबी का पलटवार

राजस्थान में गहलोत गुट के विधायक सचिन पायलट को मुख्यमंत्री बनाने का विरोध कर रहे हैं. उनका कहना है कि पायलट ने गहलोत सरकार को उखाड़ फेंकने की कोशिश की थी, इसलिए उनको सीएम नहीं बनने दिया जा सकता. 2020 में सचिन पायलट ने कांग्रेस के 19 विधायकों के साथ मिलकर मानेसर में डेरा डाल दिया था, जिससे सरकार गिरने के हालात बन गए थे.

सचिन पायलट को गद्दार कहने पर वेद प्रताप सोलंकी, मुरारी लाल मीणा ने पलटवार किया सचिन पायलट को गद्दार कहने पर वेद प्रताप सोलंकी, मुरारी लाल मीणा ने पलटवार किया
जयकिशन शर्मा
  • जयपुर ,
  • 28 सितंबर 2022,
  • अपडेटेड 11:56 PM IST

राजस्थान में सचिन पायलट गुट के विधायक वेद प्रताप सोलंकी ने धर्मेंद्र सिंह राठौड़ के आरोप पर पलटवार किया. सोलंकी ने आजतक से बातचीत में कहा,"राठौड़ कौन है? वह एक 'दलाल' है. अंग्रेजी में हम उसे लाइजनर कहते हैं. वह बीजेपी और कांग्रेस दोनों के लाइजनर हैं. हालांकि सोलंकी ने कहा कि वह आलाकमान के किसी भी फैसले को मानने को तैयार हैं. राठौड़ ने पायलट को गद्दार बताया था.

Advertisement

सचिन पायलट गुट के विधायक मुरारी लाल मीणा ने कहा कि वह धर्मेंद्र सिंह राठौड़ और परसादी लाल मीणा की टिप्पणी से बेहद आहत हैं, जिन्होंने पायलट और उनके समर्थकों को गद्दार कहा था. मीणा ने कहा कि उन्हें किसी भी उम्मीदवार को राज्य का मुख्यमंत्री बनाए जाने से कोई दिक्कत नहीं है लेकिन उनकी पहली पसंद सचिन पायलट हैं क्योंकि वह इसके हकदार हैं. उन्होंने कहा कि अशोक गहलोत को राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाए जाने पर उन्हें खुशी होगी.

दरअसल जून 2020 में सचिन पायलट ने कांग्रेस के 19 बागी विधायकों के साथ मिलकर मानेसर में डेरा डाल दिया था, जिससे सरकार गिरने के हालात बन गए थे. उस समय कहा किया कि पायलट का यह स्टंट ऑपरेशन लोटस के तहत चल रहा है. गहलोत गुट के ज्यादातर विधायक पायलट के खिलाफ हैं. उनका कहना है कि पायलट ने गहलोत सरकार को उखाड़ फेंकने की कोशिश की थी, इसलिए उनको सीएम नहीं बनने दिया जा सकता.

Advertisement

धर्मेंद्र राठौड़ को जारी हुआ बताओ नोटिस

राजस्थान राजनीतिक संकट को लेकर कांग्रेस के पर्यवेक्षकों ने गत दिन पहले अपनी रिपोर्ट सोनिया गांधी को भेजी थी. इसमें सियासी संकट के लिए अशोक गहलोत को जिम्मेदार न ठहराते हुए क्लीन चिट दे दी गई है.

साथ ही पर्यवेक्षकों से अलग दूसरी बैठक बुलाने वाले प्रमुख तीन नेताओं के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की सिफारिश की गई है. मंत्री और विधायक शांति धारीवाल, चीफ व्हिप डॉ महेश जोशी, कांग्रेस नेता धर्मेंद्र राठौड़ के खिलाफ कार्रवाई की अनुशंसा हुई है. इनको कारण बताओ नोटिस भी भेजा गया है.

25 सितंबर को राजस्थान में हुआ था विवाद

राजस्थान कांग्रेस में गहलोत गुट के विधायक सचिन पायलट को सीएम बनाने का विरोध कर रहे थे. विरोध को खत्म करने के लिए कांग्रेस आलाकमान ने मल्लिकार्जुन खड़गे और अजय माकन को पर्यवेक्षक बनाकर भेजा था, लेकिन विधायकों ने पर्यवेक्षकों की बातें मानने से इनकार कर दिया था.

साथ ही अजय माकन पर सचिन पायलट के लिए लॉबी करने का आरोप लगाया था. गहलोत गुट के विधायकों ने कैबिनेट मंत्री शांति धारीवाल के घर एक बैठक भी बुला ली थी. इस मीटिंग में धारीवाल के साथ चीफ व्हिप डॉ महेश जोशी भी शामिल थे.

इसी मीटिंग को लेकर पर्यवेक्षकों ने आपत्ति जताई थी, जिसके बाद पर्यवेक्षकों की रिपोर्ट के आधार पर धर्मेंद्र राठौड़ समेत तीन कांग्रेसियों को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है.

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement