Advertisement

उदयपुर रेलवे ट्रैक ब्लास्ट के पीछे कौन? कट्टरपंथी, PFI या कोई और...

उदयपुर रेलवे ट्रैक ब्लास्ट केस में जांच एजेंसियां तेजी से घटना की तह तक जाने में जुटी हैं. स्थानीय लोगों से पूछताछ के बाद पुलिस को एक संदिग्ध पिक-अप वैन के बारे में जानकारी मिली है. पुलिस उस पिक-अप वैन की तलाश कर रही है. बताते हैं कि ये वाहन घटना से पहले इस इलाके में देखा गया था. पुलिस आसपास के इलाकों के सीसीटीवी फुटेज खंगाल रही है.

पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ UAPA की धाराओं के तहत कार्रवाई की है. (फोटो- आजतक) पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ UAPA की धाराओं के तहत कार्रवाई की है. (फोटो- आजतक)
जयकिशन शर्मा
  • उदयपुर,
  • 14 नवंबर 2022,
  • अपडेटेड 10:32 PM IST

राजस्थान के उदयपुर में रेलवे ट्रैक पर ब्लास्ट मामले में आतंकी साजिश की आशंका सामने के बाद जांच एजेंसियों एक्टिव मोड पर देखी जा रही हैं. इस घटना की NIA की टीम, एटीएस, रेलवे आरपीएफ और स्थानीय पुलिस भी अपने स्तर से जांच कर रही हैं. अब तक की जांच में चौंकाने वाली जानकारियां भी सामने आई हैं. एक शीर्ष अधिकारी ने घटना के संबंध में चार पॉइंट शेयर किए हैं, जिन पर एजेंसियों का शक गहराया है और उनके जवाब तलाशने में जुटी हैं.

Advertisement

ये चार पॉइंट हैं, जिन पर चल रही जांच

1). इस घटना को किसी मानसिक रूप से बीमार या कम मानसिक बीमार शख्स ने दिया है, जिसका कोई आतंकी इरादा नहीं था. बस, दशहत फैलाना मकसद था.

2). ये घटना राजस्थान के दक्षिणी हिस्से में सक्रिय स्लीपर सेल के इशारे पर हो सकती है.

3). संभव है कि इस घटना को राजस्थान के आदिवासी समाज के कट्टरपंथी युवाओं ने अंजाम दिया हो, जो सरकारी नौकरियों में रिजर्वेशन की मांग कर रहे हैं. दरअसल, इन युवाओं की मांग है कि आदिवासी क्षेत्रों में हर सरकारी पद आदिवासियों के लिए ही आरक्षित किया जाए. वे अलग भील प्रदेश की भी मांग कर रहे हैं.

4). देशभर में पीएफआई नेताओं पर कार्रवाई और संगठन पर प्रतिबंध लगाए जाने के बाद बदले की भावना से घटना को अंजाम देना संभव है. सूत्रों ने एक बात की पुष्टि की है कि बम उदयपुर की तरफ रखा गया था, जो दर्शाता है कि आरोपी इलाके विशेष में एक संदेश देना चाहते थे. इसके अलावा, बम को सूर्यास्त के बाद रखा गया, क्योंकि आम तौर पर दिन के समय ग्रामीणों का आना-जाना लगा रहता है.

Advertisement

लापता पिकअप वैन की भी तेजी से तलाश

स्थानीय लोगों से पूछताछ के बाद पुलिस को एक संदिग्ध पिक-अप वैन के बारे में जानकारी मिली है. पुलिस उस पिक-अप वैन की तलाश कर रही है. बताते हैं कि ये वाहन घटना से पहले इस इलाके में देखा गया था. पुलिस आसपास के इलाकों के सीसीटीवी फुटेज खंगाल रही है और ये पता लगा रही है कि यह वाहन किसका था और जिले में प्रवेश करने वाले ऐसे सभी पिकअप वैन के रिकॉर्ड की जानकारी की जा रही है.

इस रूट पर 15 दिन पहले शुरू की गई ट्रेन

बता दें कि रविवार की दरम्यानी रात उदयपुर में ओडा ब्रिज पर रेलवे ट्रैक पर ब्लास्ट हुआ था. इस घटना में नया ट्रैक क्षतिग्रस्त हो गया था. लोगों ने इसकी सूचना तुरंत रेलवे को दी, जिसकी वजह से बड़ा हादसा टल गया था. ट्रेन को डूंगरपुर में रोक दिया गया था. इस ट्रेन में 650 यात्री सफर कर रहे थे. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 31 अक्टूबर को अहमदाबाद के असरवा रेलवे स्टेशन से इस ट्रैक पर असरवा-उदयपुर एक्सप्रेस ट्रेन को हरी झंडी दिखाई थी. 

ब्लास्ट में खतरनाक डेटोनेटर का इस्तेमाल 

अब सामने आया है कि रेलवे ट्रैक पर ब्लास्ट करने के लिए सुपर पावर 90 कैटेगरी के विस्फोटक का इस्तेमाल किया गया था. सुपर पावर 90 पैकेज्ड इमल्शन विस्फोटक है, जो एक मजबूत, हाई स्ट्रेंथ और खतरनाक डेटोनेटर माना जाता है. विस्फोटक के बारे में पूरी जानकारी जुटाई जा रही है. जांच टीमें भी विस्फोटक का एनालिसिस कर रही हैं.

Advertisement

पुलिस की FIR में आतंकी घटना

राजस्थान पुलिस ने अपनी FIR में आतंकी साजिश रचने से जुड़ी धाराएं दर्ज की हैं. राजस्थान पुलिस ने प्राथमिक जांच में पाया है कि उदयपुर-अहमदाबाद रेलवे ट्रैक पर हुआ धमाका आतंकी हमला है. इस हमले के बाद पटरी टूट गई थी. आजतक के पास FIR की एक्सक्लूसिव कॉपी है, जिसमें कहा गया है कि शनिवार शाम को सात-सवा सात बजे ओढ़ा गांव के लोगों को एक जोरदार धमाके की आवाज सुनाई दी. रात को हुए धमाके की आवाज सुनकर ग्रामीण हैरत में पड़ गए. इसके बाद जब लोगों का एक गुट वहां पहुंचा तो टूटी रेल की पटरियां, विस्फोटक और स्टील के टुकड़े को देखकर हैरान रह गए.

 

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement