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जगन गुर्जर ने गोगामेड़ी के लिए उठाई आवाज, कभी वसुंधरा के महल को बम से उड़ाने की दी थी धमकी

पूर्व कुख्यात डकैत जगन गुर्जर ने राजपूत करणी सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुखदेव सिंह की हत्या को लेकर एक वीडियो जारी किया है. इसमें सुखदेव को अपना भाई और सहयोगी बताया है. जगन राजस्थान का खूंखार अपराधी रहा है. वर्तमान में जमानत पर है. उसने गुर्जर आंदोलन के समय पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के महल को बम से उड़ाने की धमकी दी थी. उस समय पर जगन पर ग्यारह लाख का इनाम घोषित किया गया था. 

पूर्व डकैत जगन गुर्जर, सुखदेव सिंह गोगामेड़ी. (फाइल फोटो) पूर्व डकैत जगन गुर्जर, सुखदेव सिंह गोगामेड़ी. (फाइल फोटो)
उमेश मिश्रा
  • धौलपुर,
  • 08 दिसंबर 2023,
  • अपडेटेड 7:09 PM IST

राजस्थान की अजमेर जेल से जमानत पर आया पूर्व कुख्यात डकैत जगन गुर्जर सुर्खियों में है. जगन ने राजपूत करणी सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुखदेव सिंह की हत्या को लेकर एक वीडियो जारी किया है. इसमें सुखदेव को अपना भाई और सहयोगी बताया है. साथ ही अशोक गहलोत पर साजिश के आरोप लगाए हैं.

जगन गुर्जर ने कहा कि सुखदेव सिंह गोगामेड़ी हत्याकांड को लेकर राजपूत समाज के साथ हूं. मरने के लिए तैयार हूं. किसी भी जाति का गुंडा हो, उससे मुकाबला करने के लिए तैयार हूं. सुखदेव बड़े भाई थे. वो सर्व समाज के नेता थे. ऐसे नेता की हत्या निंदनीय है.

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'मुझे मरवाने चाहते थे अशोक गहलोत'

जगन ने कहा कि अशोक गहलोत उसे मरवाने चाहते थे. मगर, सुखदेव सिंह की वजह से उसकी जान बची थी. उसके लिए राजपूत समाज राजपूत समाज से पहले मरने के लिए तैयार हूं. गद्दारों ने उन्हें धोखे से मारा है. अगर मुकाबला करने की हिम्मत है तो धौलपुर आकर टकराएं.

'वसुंधरा राजे के महल को उड़ाने की धमकी दी थी'

बता दें कि पूर्व कुख्यात डकैत जगन गुर्जर राजस्थान का खूंखार अपराधी रहा है. वर्तमान में जमानत पर है. उसने गुर्जर आंदोलन के समय पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के महल को बम से उड़ाने की धमकी दी थी. उस समय पर जगन पर ग्यारह लाख का इनाम घोषित किया गया था. 

चार महीने पहले वो जमानत पर आया था

साल 2022 में उसने बाड़ी विधानसभा क्षेत्र के विधायक गिर्राज सिंह मलिंगा को भी जान से मारने की धमकी दी थी. इसके बाद पुलिस के दबाव को देखते हुए 7 फरवरी 2022 की देर शाम करौली पुलिस के सामने समर्पण कर दिया था. उसको अजमेर जेल शिफ्ट किया गया था. करीब चार महीने पहले वो जमानत पर आया था.

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तीनों राज्यों में था जगन गुर्जर का खौफ

जगन गुर्जर ने अपनी गैंग के साथ करीब सात साल तक राजस्थान, मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश में जमकर आतंक मचाया था. हत्या, अपहरण और लूट को लेकर तीनों राज्यों में उसका खौफ था. उसने साल 2001 में तत्कालीन एसपी बीजू जॉर्ज जोसफ के सामने पहली बार आत्मसमर्पण किया था. 

2022 में गिर्राज मलिंगा को धमकी दी थी

इसके बाद जेल से बाहर आ गया था. दोबारा आतंक फैलाना शुरू कर दिया था. फिर 28 मई 2008 को गुर्जर आरक्षण आंदोलन के दौरान राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के महल को बम से उड़ाने की धमकी दी थी. इसके बाद उस पर ग्यारह लाख रुपए का इनाम घोषित किया गया था. 

पूर्व सीएम राजे के महल को बम से उड़ाने की धमकी के बाद जगन को पकड़ने के लिए पुलिस ने दबाव बढ़ाया. इस पर उसने 31 जनवरी 2009 को कैमरी गांव में राजस्थान के पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट के सामने समर्पण कर दिया. फिर 2022 में बाड़ी विधानसभा क्षेत्र के कांग्रेसी विधायक गिर्राज मलिंगा को धमकी देने के बाद सुर्खियों में आया. 

बेटी की शादी में अपराध से दूर रहने की कसम खाई

इस बार पुलिस ने उस पर पचास हजार रुपये का इनाम घोषित किया. पुलिस के दबाव को देखते हुए उसने 7 फरवरी 2022 की देर शाम करौली पुलिस के समक्ष समर्पण कर दिया था. जगन के खिलाफ हत्या, हत्या के प्रयास, अपहरण, रंगदारी, डकैती, लूट जैसे संगीन आपराधिक मामले दर्ज हैं.

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जगन गुर्जर की तीन पत्नियां हैं. जून 2010 में बेटी की शादी में उसे पुलिस प्रोटेक्शन में गांव लाया गया था. शादी में उसने अपराध से दूर रहने की कसम खाई थी. करीब 8 साल जेल में रहने के बाद 6 मार्च 2017 को जगन गुर्जर जेल से बाहर आ गया. 2017 के विधानसभा चुनाव में धौलपुर से निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में पत्नी ममता को चुनाव में उतारा. जो कि हार गई थी.

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