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10 सांसद, 40 विधायक... विधानसभा चुनाव से पहले चूरू में वसुंधरा राजे का शक्ति प्रदर्शन

शनिवार को जयपुर में बीजेपी गहलोत सरकार के खिलाफ प्रदर्शन कर रही थी तो दूसरी ओर चूरू में राजस्थान की पूर्व वसुंधरा राजे अपना जन्मदिन मना रही थीं. वसुंधरा ने सालासर बालाजी मंदिर में पूजा-अर्चना के बाद करीब 80 हजार लोगों की रैली को संबोधित किया. उनका इतने बड़े स्तर पर जन्मदिन मनाना चुनाव से पहले शक्ति प्रदर्शन के तौर पर देखा जा रहा है.

वसुंधरा राजे ने चूरू में मनाया अपना जन्मदिन (फोटो- ट्विटर) वसुंधरा राजे ने चूरू में मनाया अपना जन्मदिन (फोटो- ट्विटर)
देव अंकुर
  • जयपुर,
  • 05 मार्च 2023,
  • अपडेटेड 8:14 AM IST

राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने शनिवार को राजस्थान के चूरू जिले में बड़े स्तर पर शक्ति प्रदर्शन किया. वसुंधरा का ये प्रदर्शन इस साल के आखिर में होने वाले विधानसभा चुनावों से पहले खुद को मुखर करने के प्रयास के रूप में देखा जा रहा है. 

शुक्रवार को ही चूरू पहुंचीं वसुंधरा राजे ने शनिवार को प्रसिद्ध सालासर बालाजी मंदिर में माथा टेका. उसके बाद पूर्व सीएम ने एक बड़ी रैली को संबोधित किया, जिसमें करीब 80 हजार लोग मौजूद थे. राजे खेमे ने दावा किया कि पीपी चौधरी, देवजी पटेल, वसुंधरा राजे के बेटे दुष्यंत राजे समेत बीजेपी के कम से कम 10 मौजूदा सांसद सार्वजनिक बैठक में शामिल थे. इसके अलावा 30 से 40 बीजेपी विधायक, राजस्थान बीजेपी के पूर्व अध्यक्ष अशोक परनामी और 100 से ज्यादा पूर्व विधायक समेत कई नेता इसमें मौजूद थे.  

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इस दौरान वसुंधरा की जय-जयकार के साथ-साथ 'केसरिया में हरा-हारा, राजस्थान में वसुंधरा' और 'अबकी बार वसुंधरा सरकार' जैसे नारे लगाए गए. इस रैली में वसुंधरा ने पेपर लीक समेत कई मुद्दों को लेकर गहलोत सरकार पर निशाना साधा.  

इस साल के अंत में होने वाले विधानसभा चुनावों से पहले राजे के बड़े शक्ति प्रदर्शन को खुद को मुखर करने के प्रयास के रूप में देखा जा रहा है. राजे ने 8 मार्च को अपने आगामी जन्मदिन से पहले 4 मार्च को विशाल जनसभा आयोजित करने का फैसला किया. माना जाता है कि राजे ने उस दिन को चुना क्योंकि राजे खेमे के राजनीतिक नेताओं पर 8 मार्च को होली के त्योहार के रूप में समय के लिए दबाव डाला जा सकता था.  

दिलचस्प बात यह है कि जब राजे राजस्थान के चूरू जिले में अपना जन्मदिन मनाने में व्यस्त थीं तो प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया समेत पार्टी के कई नेता सड़कों पर अशोक गहलोत के खिलाफ पेपर लीक के मुद्दे पर प्रदर्शन कर रहे थे.  

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चूरू पहुंचे राष्ट्रीय महासचिव अरुण सिंह

बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव अरुण सिंह भी सतीश पूनिया के नेतृत्व में होने वाले विरोध प्रदर्शन में शामिल होने के लिए जयपुर पहुंचे हुए थे. हालांकि बाद में वह पूर्व सीएम के जन्मदिन में शामिल होने के लिए चूरू के लिए रवाना हो गए. इसे पार्टी नेतृत्व द्वारा संतुलन बनाने के प्रयास के रूप में देखा गया. दरअसल पार्टी आलाकमान विधानसभा चुनावों से पहले किसी भी विशेष गुट को नाराज नहीं करना चाहता है.

'वसुंधरा राजे ही हों बीजेपी का सीएम चेहरा'

राजे खेमे के सूत्रों ने इंडिया टुडे को बताया कि पूर्व सीएम के जन्मदिन समारोह पर केंद्रित योजनाएं हफ्तों पहले ही तय कर ली गई थीं. वसुंधरा समर्थक ने बताया, "वसुंधरा राजे की जनसभा में आज की उपस्थिति इस बात का स्पष्ट संकेत है कि राजस्थान में लोग उन्हें ही मुख्यमंत्री पद के लिए बीजेपी का चेहरा मानते हैं. बीजेपी को उनके अलावा किसी और को पार्टी के सीएम के रूप में पेश नहीं करना चाहिए." 

क्या कहते हैं राजनीतिक विश्लेषक?

राजनीतिक विश्लेषकों का मानना ​​​​है कि भले ही भाजपा यह दावा कर रही हो कि राजस्थान में सत्तारूढ़ कांग्रेस के भीतर गुटबाजी ने राज्य में शासन पर अपना असर डाला है, गहरी गुटबाजी ने राज्य में विपक्षी भाजपा को भी नहीं बख्शा है. राजनीतिक हलकों में माना जाता है कि राजे खुद को राजस्थान में मुख्यमंत्री पद के प्रमुख दावेदार के रूप में पेश कर सकती हैं, जिससे वर्तमान राज्य भाजपा प्रमुख डॉ. सतीश पूनिया के अलावा कई अन्य लोगों को काफी परेशानी हो रही है. 

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