
केंद्रीय मंत्री और भाजपा के सीनियर नेता गजेंद्र सिंह शेखावत ने कहा है कि उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जिस तरह से अपराधियों और अपराध के खिलाफ एक्शन लेते हैं, वैसा ही एक्शन राजस्थान में लेने की जरूरत है. केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने आजतक से कई मुद्दों पर बातचीत की और अपनी बेबाक राय रखी.
राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) को इस बात की जांच करनी चाहिए कि आखिर किस इरादे से और किस मानसिकता के साथ उदयपुर और अमरावती जैसी घटनाओं को अंजाम दिया गया, क्या आरोपियों का इरादा बीजेपी के किसी नेता के साथ इस तरह की घटना को अंजाम देने का था. निश्चित तौर पर इस एंगल पर NIA को आरोपियों से पूछताछ करनी ही चाहिए.
गजेंद्र सिंह शेखावत ने कहा कि पूरे सिक्वेंस को समझना होगा कि एक व्यक्ति से अनायास एक पोस्ट शेयर हो जाता है. उसने किया या नहीं, इसकी भी जांच हो रही है. सुनियोजित रूप से उसकी शिकायत की जाती है या करवाई जाती है. पुलिस तुरंत एक्शन भी लेती है और तुरंत उसे जेल भेज दिया जाता है.
इसके बाद जब उसी आदमी को जान से मारने की धमकी दी जाती है तब उसके ऊपर दबाव बनाया जाता है कि अपनी दुकान के अंदर सीसीटीवी कैमरा लगाओ. कैमरा लगाने के बाद भी धमकी मिलती रहती है तो उस पर दबाव बनाया जाता है कि तुम समझौता कर लो और उसी से माफीनामा भी लिखवाया जाता है. समझौता करवाने के बाद भी धमकियां मिलती हैं. तीसरी बार भी जब धमकी मिलती है तो उसे दिलासा दिया जाता है कि ठीक है, अगर फिर धमकी मिलती है तो बताना We Are a Phone Call Away, और उसके बाद इतनी बड़ी घटना घट जाती है जिससे कई प्रश्न खड़े होते हैं.
गजेंद्र सिंह शेखावत ने कहा कि प्रश्न है कि ऐसे मानसिकता को पनपे देने के लिए संरक्षण कौन देता है? किस दबाव में पुलिस भेदभावपूर्ण और तुष्टिकरण वाला आचरण करती है? किसके दबाव में पुलिस-प्रशासन इस तरह की गलती करने को मजबूर होती है?
आरोपियों की मानसिकता को समझने की जरूरत है
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि घटना सिर्फ इतनी नहीं है कि एक व्यक्ति की हत्या कर दी गई, जिससे देश स्तब्ध है, प्रदेश और समाज के लोग आंदोलन कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि आपराधिक मानसिकता की एक व्यक्ति पाकिस्तान जाता है. 45 दिन रुकता है और वहां से ट्रेनिंग लेकर आता है. 5 हजार रुपया खर्च करके अपनी मोटरसाइकिल का नंबर 2611 रखता है. इस तरह का नेटवर्क खड़ा करता है, धमकी भी देता है और इतनी बड़ी घटना को अंजाम दे देता है. हत्या करने के बाद उसका महिमंडन करने के बाद बेखौफ होकर उसका वीडियो भी बनाता है. इस दौरान इंटेलिजेंस क्या कर रहा था?
शेखावत ने कहा कि इंटेलिजेंस फेलियर के बाद इतनी बड़ी घटना हुई. ऐसे तत्व शहर में काम कर रहे थे, किसी तरह का संज्ञान क्यों नहीं लिया जाता? तुलना करिए कि अनजाने में किसी ने पोस्ट डाल दी थी या उसकी जगह किसी और ने पोस्ट शेयर कर दी और एक तरफ दूसरा व्यक्ति बूंदी के कचहरी में कलेक्ट्रेट के सामने खड़े होकर पुलिस वालों के सामने बोलता है कि गुस्ताखी करने वालों की एक ही सजा है, सिर धड़ से अलग कर दिया जाए, जुबान काट दी जाए, हाथ काट दिया जाए. धमकी देने वाले के खिलाफ कोई एक्शन नहीं होता. खानापूर्ति के लिए सिर्फ FIR दर्ज होता है लेकिन उसे गिरफ्तार नहीं किया जाता. जब दबाव पड़ता है तो फिर उसे अरेस्ट किया जाता है, वो भी ऐसे कि जिस तरह से एक दूल्हा बारात में जाता है. बाद में 24 घंटे में उसे सम्मान के साथ घर छोड़ कर आया जाता है.
प्रदेश सरकार के मुखिया को देना होगा हर सवाल का जवाब
जांच का विषय ये होना चाहिए कि उसके भड़काने से कितने रियाज और कितने गौस मोहम्मद के हौसले बुलंद हुए होंगे? प्रदेश में उनके खिलाफ क्या एक्शन लिया गया? इन सवालों के जवाब वर्तमान सरकार और उसके मुखिया को देना चाहिए. इसमें राजनीतिक लाभ और वोट बैंक की राजनीतिक के लिए पर्दा डालना ठीक नहीं है. ऐसी ताकतों की शरण देने वाली सरकारों को समाज आने वाले दिनों में माफ नहीं करेगा.
उदयपुर की घटना को लेकर केंद्रीय मंत्री ने राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत पर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि कन्हैयालाल के खून से हाथ भले ही रियाज और गौस मोहम्मद के रंगे गए होंगे, लेकिन कुछ छींटे राजस्थान सरकार और उसके मुखिया के सफेद कपड़ों पर भी गिरे होंगे, जो आसानी से नहीं धुलेंगे. गजेंद्र सिंह शेखावत ने कहा कि जब विधानसभा चुनाव आएंगे तो खून के छींटे देखकर लोग अपना निर्णय करेंगे.
एक मुख्यमंत्री और प्रदेश का गृहमंत्री होने के नाते सीएम की जिम्मेदारी बनती है कि जिम्मेदारी निभाते हुए उन्होंने किया क्या? पहले लिपा-पोती कर एक ASI को बलि का बकरा बनाया. उसके बाद कहा कि इस पर मोदी जी स्टेटमेंट दें. दबाव बढ़ा तो फिर किसी पुलिसकर्मी को सस्पेंड कर दिया.
कई लोग बयान देकर अपराध करने के लिए भड़का रहे हैं
अमरावती की घटना को लेकर गजेंद्र सिंह शेखावत ने कहा कि देखिए... अमरावती में ऐसी ही घटना हुई है और जैसा मैंने कहा कि बूंदी के जिस तथाकथित धर्मगुरु ने जो बात कही है, इस तरह की बातें ये तो सामने और लोगों के बीच में कही है. पर ऐसी बातें कितने लोग कहां-कहां करके आपराधिक मानसिकता के लोग लोगों को भड़काने की कोशिश कर रहे हैं. लोगों को ऐसे अपराध करने के लिए भड़का रहे हैं, चाहें वो अमरावती हो, चाहें वो करौली में हो चाहे उदयपुर में हो या फिर केरल में हो, चाहे असम में हो या फिर देश में कही भी हो.
शेखावत ने कहा कि उत्तर प्रदेश में पहले ऐसी घटना होती थी, लेकिन जब से शासन की कुर्सी पर योगी आदित्यनाथ बैठे हैं. उन्होंने तुष्टिकरण नहीं होने दिया, जैसा समाधान उत्तर प्रदेश में हुआ वैसा समाधान यहां भी करने की आवश्यकता है, उसी तरह की सोच के साथ यहां एक्शन लेने की जरूरत है.
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