
राजस्थान के सिरोही जिले में आबूरोड स्थित ब्रह्माकुमारीज संस्था के शांतिवन डायमंड हाल में आयोजित वैश्विक शिखर सम्मेलन का राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू ने शुभारंभ किया. राष्ट्रपति का संस्था के पदाधिकारियों ने स्वागत अभिनंदन किया. हजारों लोगों की मौजूदगी में कार्यक्रम का शुभारंभ हुआ. इस दौरान राजस्थान के राज्यपाल हरिभाऊ बागड़े भी मौजूद रहे.
इस मौके पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने कहा कि आज दुनिया ग्लोबल वार्मिंग और पर्यावरण प्रदूषण के दुष्प्रभाव से जूझ रही है. उन्होंने कहा कि ऐसे समय में हमारा कर्तव्य है कि हम इन चुनौतियों से निपटने के लिए हर संभव प्रयास करें.
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने किया वैश्विक शिखर सम्मेलन का उद्घाटन
राष्ट्रपति ने जोर देते हुए कहा कि इंसानों को यह समझना चाहिए कि वे इस धरती के मालिक नहीं बल्कि ट्रस्टी हैं. उन्होंने सभी से अपनी मां के नाम पर एक पेड़ लगाने की भारत सरकार की मुहिम से जुड़ने का आह्वान किया.
राष्ट्रपति ने कहा कि आध्यात्मिकता केवल व्यक्तिगत विकास का साधन ही नहीं है, बल्कि समाज में सकारात्मक बदलाव लाने का भी एक तरीका है. जब हम अपनी आंतरिक शुद्धता को पहचान पाएंगे, तभी हम एक स्वस्थ और शांतिपूर्ण समाज की स्थापना में योगदान दे पाएंगे.
देश के लोगों को अपनी मां के नाम पर एक पेड़ लगाना चाहिए
आध्यात्मिकता, समाज और धरती से जुड़े अनेक मुद्दों जैसे कि सतत विकास, पर्यावरण संरक्षण एवं सामाजिक न्याय को भी शक्ति प्रदान करती है. साथ ही उन्होंने कहा कि हमने आजादी के शताब्दी वर्ष तक भारत को विकसित राष्ट्र बनाने का लक्ष्य रखा है