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गैंगस्टर लिंक, प्रॉपर्टी विवाद या बदले के लिए हुआ गोगामेड़ी हत्याकांड? 6 दिन बाद भी हत्यारों का मोटिव क्लियर नहीं, ये सवाल अनसुलझे

राष्ट्रीय राजपूत करणी सेना के प्रमुख सुखदेव सिंह गोगामेड़ी हत्या मामले में कथित संलिप्तता में दो शूटरों समेत तीन लोग गिरफ्तार किए गए हैं. राजस्थान पुलिस और दिल्ली पुलिस की टीमों ने एक संयुक्त अभियान में चंडीगढ़ से तीनों को अरेस्ट किया है. वे शनिवार रात चंडीगढ़ के एक होटल के बाहर से पकड़े गए हैं.

जयपुर में सुखदेव सिंह गोगामेड़ी की हत्या कर दी गई थी. जयपुर में सुखदेव सिंह गोगामेड़ी की हत्या कर दी गई थी.
aajtak.in
  • जयपुर,
  • 11 दिसंबर 2023,
  • अपडेटेड 2:12 PM IST

राजस्थान की राजधानी जयपुर में राष्ट्रीय राजपूत करणी सेना के अध्यक्ष सुखदेव सिंह गोगामेड़ी हत्याकांड पुलिस ने पांच दिन बाद भले दोनों शूटर्स को गिरफ्तार कर लिया है, लेकिन इस पूरे हत्याकांड को अंजाम दिए जाने का मकसद सामने नहीं आया है. पुलिस का कहना है कि आरोपी शूटर्स से पूछताछ के बाद दो-तीन के अंदर वजह सामने आ जाएगी. हालांकि, हत्याकांड को लेकर तमाम तरह की चर्चाएं बनी हुई हैं. कोई गैंगस्टर लिंक से जोड़कर पूरी घटना देख रहा है तो कोई प्रॉपर्टी विवाद या बदले के लिए वारदात होना बता रहा है. इस पूरे केस का मास्टरमाइंड रोहित गोदारा विदेश में बैठा है. पुलिस की एसआईटी टीम ने इस घटना में लॉरेंस बिश्नोई की भूमिका से भी इंकार नहीं किया है.

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बता दें कि शनिवार रात राजस्थान और दिल्ली पुलिस ने गोगामेड़ी की हत्या करने वाले दो शूटर रोहित राठौड़ और नितिन फौजी को चंडीगढ़ के एक होटल से गिरफ्तार किया है.  आरोपियों को कड़ी सुरक्षा के बीच जयपुर लाया गया और सोडाला पुलिस स्टेशन में रखा गया. जयपुर के पुलिस आयुक्त बीजू जॉर्ज जोसेफ ने बताया कि शूटर्स नितिन फौजी और रोहित राठौड़ को उनके साथी उधम सिंह के साथ चंडीगढ़ के सेक्टर 22 से पकड़ा गया. हरियाणा के महेंद्रगढ़ के रहने वाले नितिन फौजी सेना में लांस नायक है. हालांकि, सवाल अभी भी यही है कि ये दोनों शूटर्स सुखदेव सिंह गोगामेड़ी की हत्या क्यों करना चाहते थे और रोहित गोदारा के राइट हैंड वीरेंद्र चारण के कहने पर वे इस काम के लिए कैसे राजी हो गए?

'पूछताछ के बाद पता चलेगा हत्या का मकसद'

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गोगामेड़ी की हत्या के पीछे के मकसद के बारे में पूछे जाने पर पुलिस ने कहा कि इस पर कोई स्पष्टता नहीं है. आरोपियों से पूछताछ के बाद ही कुछ भी ठोस कहा जा सकता है. उन्होंने कहा, मैं अभी मकसद पर टिप्पणी नहीं कर सकता. शूटरों से पूछताछ की जाएगी. नवीन शेखावत की भूमिका पर पुलिस ने कहा, वो भी गोगामेड़ी की हत्या में शामिल था. इससे पहले जयपुर पुलिस ने शनिवार को नितिन फौजी की मदद करने के आरोप में एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया. कोर्ट ने उसे पुलिस हिरासत में भेज दिया है.

'गोगामेड़ी को क्यों नहीं दी गई सुरक्षा'

राजस्थान पुलिस का कहना है कि पहले चरण में शूटरों और उनके मददगारों को गिरफ्तार किया गया है. अगला चरण में मास्टरमाइंड और साजिशकर्ताओं तक पहुंचने की कोशिश की जाएगी. उन्होंने कहा कि मामला राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) को सौंपने से पहले राजस्थान पुलिस अपना काम पूरा कर लेगी.  यह पूछे जाने पर कि हमले के बारे में खुफिया जानकारी और सुरक्षा कवर की मांग करने के बावजूद गोगामेड़ी को सुरक्षा क्यों नहीं दी गई? पुलिस आयुक्त ने कहा, इस संबंध में पुलिस मुख्यालय द्वारा न्यायिक जांच का आदेश दिया गया है.

'हरियाणा में पुलिस पर फायर कर भागा था नितिन'

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पुलिस के अनुसार घटना के दिन नितिन फौजी के पास दो पिस्तौल और कई मैगजीन के साथ कुल 35 राउंड कारतूस थे. जबकि रोहित राठौड़ के पास एक पिस्तौल और 13 राउंड के साथ एक मैगजीन थी. नितिन फौजी 7 नवंबर को दो दिन की छुट्टी पर अपने घर महेंद्रगढ़ आया था. आरोप है कि गांव में रहने के दौरान नितिन और उसके दो दोस्त भवानी सिंह और राहुल कोथल का खुडाना गांव में अनुपम सोनी और अन्य लोगों के साथ विवाद हो गया और हाथापाई कर दी. भवानी सिंह का अनुपम सोनी से पुराना विवाद था. कहते हैं कि नितिन फौजी, भवानी सिंह और कोथल विवाद सुलझाने गया था, तभी झड़प हो गई और पुलिस को मौके पर पहुंचना पड़ा. हरियाणा पुलिस कर्मियों पर गोलियां चलाने के बाद तीनों मौके से भाग गए, जिसके बाद महेंद्रगढ़ के सदर पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज किया गया. इस बीच, तीनों गिरफ्तारी से बचने के लिए हिसार पहुंच गए और वहां उधम सिंह ने उनके रहने की व्यवस्था की.

'नवीन को लेकर गोगामेड़ी के घर पहुंचे थे शूटर'

भवानी सिंह पहले से ही रोहित गोदारा के संपर्क में था. उसने फोन पर नितिन फौजी को गोदारा से बातचीत करवाई. गोदारा ने नितिन को गोगामेडी की हत्या को अंजाम देने के लिए तैयार किया. गोदारा ने 28 नवंबर को फौजी को टैक्सी से जयपुर भेजा. फौजी की मुलाकात 5 दिसंबर को जयपुर में अजमेर रोड पर रोहित राठौड़ से हुई. नवीन शेखावत उन दोनों (नितिन फौजी और रोहित राठौड़) को स्कॉर्पियो कार में  जयपुर के श्याम नगर इलाके में गोगामेडी के घर तक ले गया. कुछ मिनट तक उनसे बात करने के बाद शूटर्स ने गोगामेड़ी पर उनके लिविंग रूम में गोलियां चला दीं, जिससे उनकी मौत हो गई. उन्होंने नवीन शेखावत की भी गोली मारकर हत्या कर दी थी. घटना में गोगामेडी का निजी सुरक्षा गार्ड गोली लगने से घायल हो गया था. 

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'भागने के लिए स्कूटी सवार पर चलाई गोली'

शेखावत की हत्या के बाद हमलावरों के पास भागने के लिए वाहन नहीं था. कार की चाबी शेखावत के पास थी. ऐसे में उन्होंने भागते समय एक स्कूटी चालक को गोली मार दी और उसका दोपहिया वाहन छीन लिया. हत्याओं के बाद शूटर राजस्थान रोडवेज की बस में डीडवाना गए और सुजानगढ़ के लिए टैक्सी ली, जहां से वे हरियाणा के धारूहेड़ा गए. उसके बाद वे धारूहेड़ा से एक टैक्सी में रेवाड़ी गए और वहां से ट्रेन पकड़ कर हिसार पहुंचे, जहां उनकी मुलाकात उधम सिंह से हुई.

'हिसार से गए मनाली, फिर लौटे चंडीगढ़'

इसके बाद तीनों एक टैक्सी में मनाली गए और चंडीगढ़ जाने से पहले दो दिनों तक एक होटल में रुके. हरियाणा पुलिस और दिल्ली पुलिस ने तलाशी अभियान में राजस्थान पुलिस की मदद की. पंजाब पुलिस के साथ भी इनपुट शेयर किए गए. लॉरेंस बिश्नोई गिरोह से जुड़े गैंगस्टर रोहित गोदारा ने एक फेसबुक पोस्ट में गोगामेड़ी की हत्या की जिम्मेदारी ली और कहा, करणी सेना प्रमुख हमारे दुश्मनों की मदद कर रहे थे. 

'सूचना देने वाले को 5 लाख का इनाम'

पुलिस का कहना है कि शूटरों के लिए हथियारों की व्यवस्था करने वाले गिरोह की पहचान कर ली गई है. इस संबंध में एक अलग जांच की जा रही है. राजस्थान पुलिस ने प्रत्येक आरोपी की गिरफ्तारी के लिए सूचना देने वाले को 5 लाख रुपये के नकद इनाम की घोषणा की है. दिल्ली पुलिस के सूत्रों ने कहा,अपराध शाखा की एक टीम ने राजस्थान पुलिस के साथ एक संयुक्त अभियान में दोनों को चंडीगढ़ के सेक्टर 22 से पकड़ा.

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जांच में यह भी एक एंगल

शूटर रोहित राठौड़ अजमेर जेल में वीरेंद्र चारण के साथ बंद था. रोहित ने पूछताछ में बताया कि उस पर रेप का केस दर्ज था, जिसमें सुखदेव सिंह गोगामेड़ी उसके खिलाफ पैरवी कर रहा था. इस वजह से वो सुखदेव सिंह से गुस्सा था. इस बात का फायदा वीरेंद्र चारण ने उठाया और सुखदेव की हत्या के लिए उसने रोहित को तैयार किया.

नितिन फौजी को विदेश सेटल करवाने का किया था वादा

पुलिस का कहना है कि नितिन फौजी पर हरियाणा के महेंद्रगढ़ में अपहरण की एफआईआर दर्ज है. नितिन फौजी भी जेल में रहने के दौरान वीरेंद्र चारण के संपर्क में आया था. वो विदेश में सेटल होना चाहता था. वीरेंद्र चारण ने नितिन को विदेश सेटल करवाने का वादा किया था. इसी भरोसे पर वो सुखदेव सिंह की हत्या करने के लिए राजी हो गया. इतना ही नहीं, दोनों हत्याकांड के पहले और बाद में लगातार वीरेंद्र चारण के संपर्क में थे.

राजस्थान में हथियर छिपाकर भागे थे शूटर्स

हत्या करने के बाद शूटर्स ने हथियारों को जयपुर में ही छिपा दिया था, ताकि भागते समय ट्रेन या बस में चेकिंग के समय ना पकड़े जा सकें. वे सबसे पहले हरियाणा के हिसार पहुंचे और फिर मनाली मनाली चले गए. वहां से वो चंडीगढ़ पहुंचे. जिस होटल में रुकने गए, वहां फर्जी आईडी और नाम बताए. कुछ घंटे में वहां पुलिस पहुंच गई और पकड़ लिया. आरोपी शूटर्स फरार रहने के दौरान मोबाइल का इस्तेमाल कर रहे थे. पुलिस आरोपियों तक टेक्निकल सर्विलांस के जरिए पहुंची.

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हत्या करने के लिए कितने रुपए मिले थे

शूटर नितिन और रोहित को हत्या के पहले 50-50 हजार रुपए मिले थे. चंडीगढ़ के बाद दोनों का गोवा जाने का प्लान था. गोवा के बाद दक्षिण भारत के इलाकों में छिपते और इसी दौरान पासपोर्ट और इनके विदेश जाने का इंतजाम होना था, लेकिन इसके पहले ही पकड़े गए.

राजस्थान में पकड़ा गया मददगार

दोनों आरोपियों की मदद करने वाले रामवीर जाट को भी पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया. रामवीर ने ही जयपुर में दोनों आरोपियों की पूरी मदद की. दोनों को अपनी बाइक से डीडवाना जाने वाली बस तक छोड़ा. रामवीर जाट महेंद्रगढ़ का रहने वाला है और नितिन फौजी का दोस्त है. दोनों ने 12वीं क्लास तक साथ में पढ़ाई की है. नितिन एक चोरी की घटना में भी आरोपी है. 9 नवंबर को पुलिस पर फायर कर वो फरार हो गया था.

क्यों की गई गोगामेड़ी की हत्या?

गोगामेड़ी और रोहित गोदारा के बीच आपसी दुश्मनी थी. कहा जा रहा है कि दोनों के बीच प्रॉपर्टी को लेकर भी विवाद था. गैंगस्टर रोहित गोदारा अपने कई मामलों में सुखदेव सिंह गोगामेड़ी के दखल से नाराज था. गोगामेड़ी गोदारा के दुश्मनों का पक्ष लेते थे. जिसके बाद गोदारा ने गोगामेड़ी का हटाने के लिए वीरेंद्र चारण को सुपारी दी.वीरेंद्र ने अपने जानने वालों रोहित राठौर और नितिन फौजी से संपर्क किया. उसके बाद अपने गुर्गों के जरिए दोनों शूटरों को जयपुर में हथियार भिजवाए. हालांकि, पुलिस पूछताछ के बाद ही पूरे घटनाक्रम से पर्दा उठ पाएगा.
 

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