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दो से ज्यादा बच्चों की जानकारी छिपाई, कोर्ट ने ग्राम पंचायत सरपंच को घोषित किया अयोग्य

Rajasthan News: धौलपुर जिले के डीजे कोर्ट ने दो से ज्यादा संतान होने पर ग्राम पंचायत सरपंच को अयोग्य घोषित कर दिया है. कोर्ट ने अपने फैसला में कहा कि चुनाव आयोग को दिए गए शपथ पत्र में सरपंच वेदप्रकाश ने संतानों का तथ्य छिपाया था. जांच और साक्ष्यों में पता चला कि वर्तमान सरपंच की तीन संतानें हैं.

डीजे कोर्ट ने ग्राम पंचायत सरपंच वेदप्रकाश को अयोग्य घोषित किया डीजे कोर्ट ने ग्राम पंचायत सरपंच वेदप्रकाश को अयोग्य घोषित किया
उमेश मिश्रा
  • धौलपुर,
  • 25 मई 2023,
  • अपडेटेड 6:00 PM IST

राजस्थान के धौलपुर जिले के डीजे कोर्ट ने दो से ज्यादा संतान होने पर ग्राम पंचायत सरपंच को अयोग्य घोषित कर दिया है. सरपंच का चुनाव हारने वाले प्रतिद्वंदी ने विजयी सरपंच वेद प्रकाश पर दो से अधिक संतान होने का परिवाद न्यायालय में पेश किया था. कोर्ट ने साक्ष्य और सबूतों के आधार पर वर्तमान सरपंच को दोषी मानते हुए सरपंची के चुनाव को निरस्त कर दिया. 

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अधिवक्ता आरिफ हमीद खान ने बताया कि 3 अक्टूबर 2020 को जिले की ग्राम पंचायत बसई नवाब में सरपंच पद का चुनाव हुआ था. निर्वाचन अधिकारी ने अधिक मतों के आधार पर वेदप्रकाश पुत्र प्रहलाद को सरपंच पद का विजयी प्रत्याशी घोषित कर दिया था.

सरपंच पद के विजयी प्रत्याशी वेद प्रकाश ने चुनाव आयोग को दिए गए अपने शपथ पत्र में दो संतानों के बारे में जानकारी दी थी. जबकि उसकी एक अन्य संतान का जन्म 15 सितंबर 2020 को ही हो चुका था. यह तथ्य सरपंच प्रत्याशी वेदप्रकाश द्वारा शपथ पत्र में छिपाया गया था. 

कोर्ट ने सरपंच को किया अयोग्य घोषित किया

सरपंच के चुनाव होने के बाद हारे प्रत्याशी रमेश चंद कुशवाह ने वर्तमान सरपंच वेदप्रकाश के खिलाफ शपथ पत्र में दो से अधिक संतान का तथ्य छिपाने का परिवाद डीजे कोर्ट में दायर किया था. मामले में दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद जिला एवं सत्र न्यायाधीश सतीश चंद गुप्ता ने आज गुरुवार को साक्ष्य और सबूतों को आधार पर फैसला सुनाते हुए वर्तमान सरपंच वेदप्रकाश को अयोग्य घोषित कर चुनाव को निरस्त कर दिया है. 

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सरपंच ने दो से ज्यादा बच्चों की बता छिपाई

कोर्ट ने अपने फैसला में कहा कि चुनाव आयोग को दिए गए शपथ पत्र में सरपंच वेदप्रकाश ने संतान का तथ्य छिपाया था. जांच और साक्ष्यों में वर्तमान सरपंच के तीन संतान पाई गई हैं. बता दें कि पंचायतीराज विभाग की चुनाव प्रक्रिया में 1995 के बाद संशोधन किया गया था.

दो से अधिक संतान होने पर चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवार को अयोग्य माना गया है. वेद प्रकाश ने शपथ पत्र में केवल दो संतान का हवाला दिया था. इस तरह से उसने एक और संतान होने का तथ्य छिपाया था. 

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