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पत्नी ने दहेज का केस किया तो 7 बोरों में सिक्के भरकर कोर्ट पहुंच गया पति!

Jaipur News: पति ने पारिवारिक विवाद के बकाया भरण-पोषण की 55 हजार रुपये की राशि कट्टों में भरकर जमा कराई. अब आप सोच रहे होंगे कि 55 हजार रुपये भी भला 7 कट्टों में भरकर लाने की भी क्या जरूरत थी? तो बता दें कि पति ने 55 हजार रुपये सिक्कों में जमा करवाए और इन सिक्कों का वजन करीब 280 किलो था. इसलिए उन्हें कट्टों में भरकर कोर्ट में लाया गया.

पत्नी को भरण-पोषण की राशि सिक्कों के रूप में दी. पत्नी को भरण-पोषण की राशि सिक्कों के रूप में दी.
विशाल शर्मा
  • जयपुर,
  • 20 जून 2023,
  • अपडेटेड 12:16 PM IST

Rajasthan News: जयपुर के पारिवारिक न्यायालय की लिंक एडीजे कोर्ट में एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है. हुआ यूं कि दहेज प्रताड़ना के केस में कोर्ट ने आरोपी पति को जेल भेजने और पत्नी की बकाया भरण पोषण राशि (55 हजार रुपये) देने का आदेश दिया. इस पर आरोपी के परिजनों ने राशि जमा भी करवा दी, लेकिन उन 55 हजार रुपए की धनराशि को देख हर कोई दांतों तले उंगली दबाने लगा.

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जी हां, पति ने पारिवारिक विवाद के बकाया भरण-पोषण की 55 हजार रुपये की राशि कट्टों में भरकर जमा कराई. अब आप सोच रहे होंगे कि 55 हजार रुपये भी भला 7 कट्टों में भरकर लाने की भी क्या जरूरत थी? तो बता दें कि पति ने 55 हजार रुपये सिक्कों में जमा करवाए और इन सिक्कों का वजन करीब 280 किलो था. इसलिए उन्हें कट्टों में भरकर कोर्ट में लाया गया. कट्टों से जब सिक्कों की खनखनाहट सुनाई दी तो हर कोई चौंक गया. सभी कट्टे 1, 2, 5 और 10 रुपये के सिक्कों से भरे थे. इसके बाद कोर्ट ने सिक्कों को सुरक्षित रखने के निर्देश दिए.

क्या है पूरा मामला?
 
12 साल पहले दशरथ कुमावत की शादी सीमा कुमावत से हुई थी. लेकिन पिछले पांच साल से दोनों के बीच विवाद चल रहा है. सीमा ने अपने पति के खिलाफ दहेज प्रताड़ना का मामला दर्ज करा रखा है और इसी केस में ट्रायल चल रहा है. लेकिन पति पर 2.25 लाख रुपये भरण-पोषण का भत्ता बकाया चल रहा है. ऐसे में बकाया राशि नहीं देने पर हरमाड़ा थाना पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया था. जहां से कोर्ट ने बकाया राशि की पहली किश्त के भुगतान के साथ उसे जेल भेज दिया. दशरथ कुमावत के जेल में होने के कारण उसके परिजनों ने 55 हजार रुपए सिक्कों में जमा करवाए. हालांकि, 55 हजार के आलावा अभी 1.70 लाख रुपये का भत्ता और बाकी है.

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इधर, 55 हजार रुपये की राशि सिक्कों में देने पर पत्नी सीमा कुमावत के एडवोकेट रामप्रकाश कुमावत का कहना है कि ऐसा उन्हें प्रताड़ित करने के लिए किया जा रहा है, जो कि अमानवीयता है. तो वहीं पति की ओर से अधिवक्ता रमन गुप्ता ने 55 हजार रुपये के सिक्कों को वैध भारतीय मुद्रा बताते हुए इसे राशि स्वीकार करने की गुहार की. 

इतने सिक्कों को देख कोर्ट ने भी कह दिया कि इस राशि को गिनने में तो 10 दिन लग जाएंगे. अब इतने सारे सिक्कों की गिनती कैसे और कब हो? इसके लिए कोर्ट ने पति को आदेश दिया कि इन सभी सिक्कों को 1-1 हजार रुपये की थैलियां बनाकर गिनती करवाए. सिक्कों की बाकायदा गिनती के लिए 26 जून की तारीख भी मुकर्रर की गई है.

सिक्कों की गिनती के लिए कोर्ट ने की तारीख मुकर्रर.
₹55 हजारके सिक्कों को देख कोर्ट भी हैरान.

 

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