
राजस्थान में कांग्रेस विधायक गिर्राज सिंह मलिंगा ने धौलपुर में विद्युत कर्मचारियों और अधिकारियों के साथ मारपीट मामले में सरेंडर कर दिया है. मलिंगा ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के आदेश पर जयपुर में सीएमओ में कमिश्नर आनंद श्रीवास्तव के सामने सरेंडर किया है.
अब जयपुर पुलिस मलिंगा को कमिश्नरेट से धौलपुर लेकर आई है. यहां पूरे मामले में विधायक से पूछताछ की जाएगी. विधायक मलिंगा ने हिरासत में लिए जाने के बाद मीडिया को इस बारे में जानकारी दी है. मलिंगा ने कहा कि उन्हें कानून पर पूरा भरोसा है और कानून पूरी निष्पक्षता से मामले की जांच पड़ताल करेगा.
मलिंगा ने डीजीपी पर लगाए आरोप
विधायक मलिंगा ने डीजीपी पर गंभीर आरोप लगाए हैं. उन्होंने कहा कि डीजीपी के कहने पर उनके ऊपर एससी-एसटी एक्ट और धारा 307 लगाई गई है. मलिंगा ने आरोप लगाया कि डीजीपी के कहने पर उन्हें फंसाया जा रहा है. मैं आज भी अपने बयान पर अडिग हूं. फरार होने पर उन्होंने कहा कि मैं फरार नहीं था. यहां धौलपुर में अपने आवास पर रह रहा था.
इन धाराओं के तहत केस दर्ज
बीते 28 मार्च को धौलपुर जिले के बाड़ी उपखंड के विद्युत निगम कार्यालय में सहायक अभियंता हर्षदापति और कनिष्ठ अभियंता नितिन गुलाटी के साथ बेरहमी से मारपीट हुई. जिससे दोनों गंभीर रूप से घायल हो गए. मारपीट में घायल सहायक अभियंता ने पुलिस को बयान दिए हैं. घायल सहायक अभियंता हर्षदापति के पर्चा बयान के आधार पर बाड़ी विधायक गिर्राज सिंह मलिंगा और नगर पालिका के वार्ड नंबर 2 के पार्षद प्रतिनिधि समीर खान के खिलाफ कई एक्ट में मुकदमा दर्ज हुआ है. उन पर एससी एसटी एक्ट भी लगाया गया है.
एईएन ने MLA मलिंगा के खिलाफ दिया बयान
सहायक अभियंता हर्षदापति ने दर्ज कराए गए अभियोग में बताया कि दोपहर 12 बजे विद्युत निगम कार्यालय में मीटिंग के दौरान कांग्रेस विधायक गिर्राज सिंह मलिंगा और उनके साथ 5 से 6 लोग उनके दफ्तर में घुस आए. जहां एमएलए मलिंगा ने घुसते ही कुर्सी उठा कर एईएन पर दे मारी और जातिसूचक गालियां दीं. इसके बाद मलिंगा ने महुआ खेड़ा गांव से ट्रांसफार्मर उतारने पर धमकी देते हुए लाठी-डंडों से मारपीट की थी.
मलिंगा ने किया था आरोपों का खंडन
मामला दर्ज होने के बाद बाड़ी विधायक गिर्राज सिंह मलिंगा ने आरोपों का खंडन किया. विधायक ने सहायक अभियंता (एईएन) हर्षदापति के आरोपों को झूठा, निराधार और तथ्यहीन बताया. साथ ही एमएलए मलिंगा ने कहा है कि एईएन इलाके में जनता को परेशान करता था. निगम के अधिकारियों की ओर से ग्रामीणों से अवैध वसूली भी की जा रही थी. ग्रामीणों को मनमाफिक तरीके से रीडिंग के बिल दिए जा रहे थे. जिससे इलाके के लोगों में आक्रोश भड़क रहा था.