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लॉरेंस-आनंदपाल की दुश्मनी सुखदेव गोगामेड़ी पर पड़ी भारी? हत्या की वजह कहीं ये 6 साल पुरानी अदावत तो नहीं

Sukhdev Singh Gogamedi Murder Case: श्री राष्ट्रीय राजपूत करणी सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुखदेव सिंह गोगामेड़ी के कत्ल की स्क्रिप्ट 6 साल पहले ही लिख दी गई थी, जब गैंगस्टर आनंदपाल की पुलिस एनकाउंटर में मौत हो गई थी. आनंदपाल सिंह और लॉरेंस बिश्नोई के बीच पुरानी दुश्मनी थी. जबकि, सुखदेव सिंह और आनंदपाल के बीच अच्छी दोस्ती थी. इस बीच कई ऐसी चीजें हुईं जिसने दुश्मनी की इस लकीर को और भी ज्यादा गहरा कर दिया. जिसके बाद 5 दिसंबर के दिन आखिरकार कातिलों को मौका मिला और उन्होंने सुखदेव सिंह को गोलियों से भून कर मार डाला.

आनंदपाल और सुखदेव सिंह गोगामेड़ी. आनंदपाल और सुखदेव सिंह गोगामेड़ी.
शम्स ताहिर खान/शरत कुमार/जयकिशन शर्मा
  • नई दिल्ली,
  • 07 दिसंबर 2023,
  • अपडेटेड 9:02 AM IST

जयपुर में श्री राष्ट्रीय राजपूत करणी सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुखदेव सिंह गोगामेड़ी (Sukhdev Singh Gogamedi) की हत्या के बाद से राजस्थान (Rajasthan) ही नहीं भारत के कई राज्यों में विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए हैं. राजस्थान में करणी सेना से जुड़े हजारों कार्यकर्ताओं ने बुधवार को जमकर बवाल काटा. इसी बीच सुखदेव की हत्या में अब नई और चौंकाने वाली बात सामने आई है. दरअसल, सुखदेव के कत्ल की स्क्रिप्ट 6 साल पहले ही लिख दी गई थी, जब गैंगस्टर आनंदपाल (Gangster Anandpal) की पुलिस एनकाउंटर में मौत हो गई थी.

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आनंदपाल सिंह और लॉरेंस बिश्नोई (Lawrence Bishnoi) के बीच पुरानी दुश्मनी थी. जबकि, सुखदेव सिंह और आनंदपाल के बीच अच्छी दोस्ती थी. इस बीच कई ऐसी चीजें हुईं जिसने दुश्मनी की इस लकीर को और भी ज्यादा गहरा कर दिया. जिसके बाद 5 दिसंबर के दिन आखिरकार कातिलों को मौका मिला और उन्होंने सुखदेव सिंह को गोलियों से भून कर मार डाला.

बता दें, आनंदपाल राजपूत था और सुखदेव सिंह राजपूतों के नेता. 24 जून 2017 को जब पुलिस एनकाउंटर में आनंदपाल की मौत हुई तो सुखदेव उसकी लाश के साथ 15 दिन तक धरने पर बैठे रहे. उस वक्त यह मुद्दा काफी गर्माया हुआ था. आनंदपाल की मौत ने उस समय सुखदेव को राजस्थान के बाहर भी सुर्खियों में ला दिया. सुखदेव हमेशा आनंदपाल की वकालत किया करते थे. जबकि, दूसरी तरफ आनंदपाल का लॉरेंस बिश्नोई गैंस से छत्तीस का आंकड़ा था.

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सुखदेव ने बनाया अपना नया करणी सेना संगठन

ऐसे में सुखदेव भी लॉरेंस बिश्नोई के निशाने में आ गए. उस वक्त सुखदेव सिंह श्री राजपूत करणी सेना के प्रदेश अध्यक्ष थे. लेकिन बाद में लोकेंद्र सिंह कालवी और गोगामेड़ी के बीच विवाद हो गया. जिसके बाद 2017 में सुखदेव सिंह ने श्री राष्ट्रीय राजपूत करणी सेना के नाम से नया संगठन बना लिया. सुखदेव इस संगठन के अध्यक्ष थे.

प्रॉपर्टी डीलर भी थे सुखदेव गोगामेड़ी

इसके अलावा सुखदेव सिंह प्रॉपर्टी डीलिंग का भी काम करते थे. जिस कारण उनके कई दुश्मन भी थे. उधर आनंदपाल की मौत के बाद राजू थेहट नाम के गैंगस्टर के साथ भी सुखदेव की दोस्ती रही. इत्तेफाक से राजू थेहट भी लॉरेंस गैंग के निशाने पर था. 3 दिसंबर 2022 को राजू थेहट की भी उसके घर में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. तब भी गैंगस्टर रोहित गोदारा (लॉरेंस बिश्नोई गैंग का गुर्गा) ने इस हत्या की जिम्मेदारी ली थी.

डेढ़ साल पहले दी थी पहली धमकी

दरअसल, रोहित को लगता था कि सुखदेव सिर्फ राजपूतों की ही मदद करता है. जबकि, जाट बिरादरी के साथ इंसाफ नहीं करता. ऐसे में कुछ जमीन के मामले सामने आए जिनमें सुखदेव ने राजपूतों को सपोर्ट किया. इसी बात को लेकर रोहित गोदारा, सुखदेव सिंह से नाराज था. करीब डेढ़ साल पहले पहली बार दुबई और पाकिस्तान के नंबरों से सुखदेव को कॉल करके रोहित ने धमकी दी थी. लेकिन सुखदेव ने तब इसे गंभीरता से नहीं लिया. इसी बीच कई कत्ल हुए जिनकी जिम्मेदारी खुलेआम लॉरेंस गैंग ने ली. तब पहली बार शायद सुखदेव ने भी लॉरेंस गैंग के गुर्गे की धमकी को सीरियस ले लिया. उन्हें लगातार धमकियां मिल रही थीं.

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जिसके बाद मार्च 2023 में पहली बार सुखदेव सिंह ने पुलिस को इसकी जानकारी दी. और खुद के लिए सुरक्षा की मांग की. लेकिन मार्च से दिसंबर आ गया. राजस्थान पुलिस ने उन्हें कोई सुरक्षा नहीं दी. इस बीच राजस्थान पुलिस से मायूस होकर सुखदेव ने खुद ही सुरक्षा गार्ड रख लिए. अब वो उन्ही की सुरक्षा में घर से बाहर जाते. लेकिन सुखदेव को नहीं पता था कि उन्हें मारने के लिए दूर से ही साजिश रची जा रही है. सुखदेव सिंह, रोहित गोदारा की हिट लिस्ट में था.

रोहित ने तलाशा सुखदेव तक पहुंचने का जरिया

रोहित गोदारा इस ताक में था कि किसके जरिए सुखदेव को मारा जाए. उसने ऐसे शूटर की तलाश शुरू की जो उसका काम कर सके. साथ ही उस शख्स की भी तलाश शुरू की जिसके जरिए वह अपने शूटर को सुखदेव तक पहुंचा सके. फिर तलाश जाकर खत्म हुई जयपुर के कपड़ा व्यापारी नवीन शेखावत पर जाकर. नवीन भी राजपूत था और सुखदेव को पहले से जानता था. इत्तेफाक से नवीन के रिश्तेदार की अगले महीने शादी थी. रोहित को इस बारे में पता था. रोहित जानता था कि नवीन शादी का कार्ड देने सुखदेव के घर जरूर जाएगा. बस जाल यहीं से बुनना शुरू हो गया.

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शराब पीकर सुखदेव के घर पहुंचे शूटर और नवीन

रोहित गोदारा के दो खास शूटर थे. एक रोहित राठौर और दूसरा नितिन फौजी. रोहित राजस्थान के अलवर का रहने वाला है. लेकिन पिता की मौत के बाद वह मां के साथ जयपुर में रहता है. जबकि, नितिन फौजी हरियाणा के महेंद्रगढ़ का रहने वाला है. और उसका ससुराल राजस्थान के अलवर में है. सुखदेव को मारने के लिए रोहित ने दोनों से कॉन्टेक्ट किया. दोनों उसका काम करने के लिए राजी हो गए. पहले उन्होंने नवीन से दोस्ती बढ़ाई. उसे भरोसे में लिया ताकि वे दोनों सुखदेव के घर उसके साथ जा सके. नवीन ने भी उन पर भरोसा कर लिया. फिर तय हुआ कि वे लोग 5 दिसंबर को सुखदेव के घर जाएंगे. 2 दिसंबर को नितिन ने पांच हजार रुपये प्रतिदिन के किराए पर स्कॉर्पियो गाड़ी रेंट पर ली. फिर 5 दिसंबर को पहले तीनों ने शराब पी और सुखदेव के घर आ पहुंचे.

नवीन को भी सुखदेव के साथ मार डाला

सुखदेव को जब पता चला कि नवीन उनसे मिलने आया है तो उन्होंने भी उसे बिना किसी चेकिंग के घर के अंदर आने दिया. 10 मिनट चारों ने आपस में बात की कि तभी नितिन और रोहित ने सुखदेव पर गोलियां चला दीं. नवीन कुछ समझ पाता, इससे पहले ही नितिन और रोहित ने उसे भी मार डाला. साथ ही वहां खड़े गार्ड को भी गोली मारकर घायल कर दिया. फिर वहां से फरार हो गए.

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जैसे ही सुखदेव की हत्या की खबर फैली पूरे राज्य में बवाल मच गया. पुलिस ने प्रायोरिटी पर इस केस को लेते हुए तुरंत हत्यारोपियों की तलाश शुरू कर दी. लेकिन अभी तक दोनों शूटर्स फरार हैं. लेकिन पुलिस का कहना है कि जल्द ही उन्हें गिरफ्तार कर लिया जाएगा. पुलिस हर एक एंगल से इस केस की जांच कर रही है. पुलिस की मानें तो नवीन को इस प्लानिंग का पता था या नहीं, इसकी जांच की जा रही है. पुलिस ने बताया कि अब तक की जांच में यह भी सामने आया है कि सुखदेव कई प्रॉपर्टीज माफियाओं के निशाने पर थे. माना जा रहा है कि कहीं रोहित ने उन्हीं के कहने पर ही सुखदेव की हत्या न करवाई हो. साथ ही इस मामले में राजस्थान के पूर्व सीएम अशोक गहलोत के बेटे के नाम का भी रोहित ने जिक्र किया है.

रोहित गोदारा के सोशल मीडिया पोस्ट

बता दें, रोहित गोदारा ने सोशल मीडिया पर खुद इस हत्या की जिम्मेदारी ली है. लॉरेंस बिश्नोई गैंग के रोहित गोदारा ने लिखा है, ''राम राम सभी भाईयों को, मैं रोहित गोदारा कपूरीसर गोल्डी बरार. जैसा कि आपको पता है कि सुखदेव गोगामेड़ी की हत्या की जिम्मेदारी हम पहले ले चुके हैं. हमारा भाई मौके पर स्वर्गीय नवीन सिंह शेखावत शहीद हुआ है. इस बलात्कारी, अहंकारी और जातिवाद के नाम पर पॉलिटिक्स करने वाले लालची कु# को मारते हुए हमारे अजीज भाई की कुर्बानी हुई है. उसकी दिलेरी को हम सलाम करते हैं. उसे हम हमेशा याद रखेंगे. हमारा जो फर्ज है, उसे निभाएंगे.''

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रोहित गोदारा ने आगे लिखा है, ''भाईयों इसको मारने का कारण ये है कि इससे हमारी डिस्ट्रीब्यूशन के एक मैटर को लेकर बात हुई थी. इस मैटर में हमें पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बेटे वैभव गहलोत ने इन्वॉल्व कराया था. वैभव हमसे हिस्सा लेता था. सारी एक्सटॉर्शन मनी का. इस बात का सबूत हमारे पास कॉल रिकॉर्डिंग में है. इसके साथ ही कई महत्वपूर्ण नाम भी इस मामले से जुड़े हुए हैं. यह बात हम इसलिए शेयर कर रहे हैं क्योंकि वो हमारे दुश्मन सिद्धू मूसेवाला के भी टच में था.''

हत्या के बाद लिखा था- दुश्मन चौखट पर अपनी अर्थी तैयार रखें!

सबसे पहला सोशल मीडिया पर रोहित ने जो किया था उसमें लिखा था, "राम राम, सभी भाइयों को मैं रोहित गोदारा कपूरीसर, गोल्डी बराड़. भाइयों आज यह जो सुखदेव गोगामेड़ी की हत्या हुई है, इसकी संपूर्ण जिम्मेदारी हम लेते हैं. यह हत्या हमने करवाई है. भाइयों मैं आपको बताना चाहता हूं कि ये हमारे दुश्मनों से मिलकर उनका सहयोग करता था. उनको मजबूत करने का काम करता था. रही बात दुश्मनों की, तो वह अपने घर की चौखट पर अपनी अर्थी तैयार रखें. जल्दी उनसे भी मुलाकात होगी." 

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