
राजस्थान के झालावाड जिले के सबसे बड़े राजकीय एसआरजी हॉस्पिटल में डॉक्टरों ने इनोवेशन किया है. हॉस्पिटल के डॉक्टरों ने 14 दिन के बच्चे की एंडोस्कॉपी से ब्रेन सर्जरी कर दी और यह ऑपरेशन सफल भी रहा. डॉक्टरों ने बताया कि अरमान नाम के इस बच्चे को जन्मजात दिमाग की बिमारी थी.
इसकी वजह से उसके माता-पिता कोटा और जयपुर के एसएमएस अस्पताल के चक्कर लगाने को मजबूर हो गए. बच्चे के दिमाग का पानी बढ़ने लगा था और उसे जयपुर के डॉक्टरों ने दिमाग का ऑपरेशन करने को कहा था. मगर, बच्चे के मां-बाप उसे वापस घर ले आए और इलाज की आस में एसआरजी अस्पताल के न्यूरोसर्जरी विभाग में दिखाया.
न्यूरोसर्जरी के विभागाध्यक्ष डॉ. रामसेवक योगी ने परिजनों को आश्वासन दिलाया कि यह ऑपरेशन यहां हो जाएगा. मगर, बच्चे की उम्र 14 दिन होने की वजह से उसे गहन चिकित्सा इकाई में रखना पड़ेगा. उसके लिए डॉ. रामसेवक योगी ने एसआरजी अस्पताल अधीक्षक डॉ. संजय पोरवाल और जनाना अस्पताल के अधीक्षक डॉ. राधेश्याम बैरवा और उपअधीक्षक डॉ. रवींद्र मीणा और बच्चे के डॉ. राजेंद्र नागर से बात की.
दोनों ने बच्चे की ऑपरेशन से पहले और बाद में जनाना अस्पताल के पीडीपाट्रिक वार्ड के नवजात गहन चिकित्सा इकाई में पूरी देख-रेख की जिम्मेदारी की. दूसरी ओर एनेस्थीसिया विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. उपेंद्र कुमार को भी ऑपरेशन की सूचना दी. इस तरह से झालावाड मेडिकल कॉलेज के डॉक्टरों ने टीम वर्क का एक बेहतरीन उदाहरण पेश करते हुए बच्चे का सफल ऑपरेशन कर दिया. इतनी कम उम्र के बच्चे के दिमाक का ऑपरेशन झालावाड मेडिकल कॉलेज में पहली बार हुआ है.
इन डॉक्टर्स ने दिखाया टीम वर्क
ऑपरेशन के दौरान न्यूरोसर्जरी टीम, एनेस्थीसिया विभाग, पिडियाट्रिक विभाग और डॉ. रामसेवक योगी (विभागाध्यक्ष न्यूरोसर्जरी), डॉ. रामावतार मालव, डॉ. आशीष, डॉ. उपेन्द्र कुमार (विभागाध्यक्ष), डॉ. संजीव गुप्ता, डॉ. प्रीति, डॉ. रक्षा कुमारी, डॉ. गौतम, डॉ. राजेंद्र नागर, डॉ. सचिन दाधीच, डॉ. संजय पोरवाल अधीक्षक एसआरजी अस्पताल, डॉ. राधेश्याम बैरवा अधीक्षक जनाना अस्पताल, डॉ. रवींद्र मीणा उपअधीक्षक जनाना अस्पताल, ओटी स्टॉफ कीर्ति मितल, नरेश पाटीदार, सतीश काहर, कलावती, संजय पारेता (वार्ड बाय) मौजूद रहे.