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Jodhpur: दर्द और खौफ से भरी दास्तां, वो 19 घंटे.. पत्नी की जुबानी जानें CRPF जवान ने क्यों किया सुसाइड?

Jodhpur: राजस्थान के जोधपुर में सीआरपीएफ जवान नरेश के आत्महत्या के मामले में पत्नी ने कई अधिकारियों पर आरोप लगाया है. आजतक से बातचीत में जवान नरेश की पत्नी उर्मिला ने दर्द भरी दास्तां सुनाई. उर्मिला ने बताया आखिर नरेश ने आत्महत्या क्यों की ?

मृतक सीआरपीएफ जवान नरेश और पत्नी उर्मिला मृतक सीआरपीएफ जवान नरेश और पत्नी उर्मिला
अशोक शर्मा
  • जोधपुर,
  • 14 जुलाई 2022,
  • अपडेटेड 12:54 PM IST
  • CRPF जवान की पत्नी का Exclusive इंटरव्यू
  • जवान नरेश की पत्नी ने खोले कई बड़े राज
  • डीआईजी पर भी लगाए कई गंभीर आरोप

राजस्थान के जोधपुर में सीआरपीएफ जवान नरेश के शव का चार दिन बाद भी अंतिम संस्कार नहीं हो पाया है. शव अभी महात्मा गांधी हॉस्पिटल की मोर्चरी में पड़ा है. परिवार वाले न्याय दिलाने की बात पर पिछले 4 दिन से अस्पताल के बाहर धरने पर बैठे हैं, उनके समर्थन में नागौर सांसद और राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक हनुमान बेनीवाल भी वहीं पर डटे हैं. 

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नरेश ने रविवार शाम सीआरपीएफ ट्रेनिंग सेंटर के कैंपस में  पत्नी और बेटी को 19 घंटे तक बंधक बनाने के बाद सोमवार सुबह राइफल से अपने आपको शूट कर खत्म कर लिया था. नरेश की पत्नी उर्मिला ने आजतक बातचीत में दर्द भरी दास्तां सुनाई. उर्मिला ने बताया आखिर नरेश ने आत्महत्या क्यों की. 

साइन करने को लेकर हुआ विवाद:

उर्मिला ने बताया कि जब नरेश की ड्यूटी सूरतगढ़ में थी साथी सतवीर देरी से सेंटर लौटा, नरेश ने रजिस्टर में देरी से आने का कारण लिखने को कहा तो सतवीर ने मना कर दिया. बोला- नरेश मेरी जगह तुम साइन कर दो. तब नरेश ने कहा सर, ऐसे नहीं होगा. आपको साइन तो करना पड़ेगा. इतना सुतने ही सतवीर ने नरेश को गाली दी. नरेश ने इसका विरोध किया. गुस्से में सतवीर ने नरेश को हाथ पर काट लिया. इसी दौरान विवाद के बीच सतवीर नीचे गिर जाता है. उस दौरान वहां खड़े बाकी लोग कहते हैं नरेश तुमने ऐसा क्यों किया. फिर अगले दिन उन्हें जोधपुर सीआरपीएफ ट्रेनिंग सेंटर भेज दिया जाता है.  

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डीआईजी पर भी लगाए कई आरोप: 

2 दिन जोधपुर में रहने के बाद नरेश को फिर से सूरतगढ़ जाने को कहा जाता है. जब नरेश लौटने लगते हैं तो उस दौरान डीआईजी का फोन आता है. पूछते हैं कि  नरेश तुम कहां हो ? तुरंत वापस जोधपुर आओ. तुम अब वापस सूरतगढ़ गए तो तुम्हे वहां पर घुसने नहीं दिया जाएगा. तुम अपने आपको गुंडा समझते हो क्या. इधर आओ मैं तेरी हेकड़ी उतारता हूं... तेरे को घर भेजता हूं.  जोधपुर आने के बाद नरेश को डीआईजी से मिलने के लिए 9:00 बजे बुलाया जाता है. नरेश लगातार चार दिन तक डीआईजी से मिलने के लिए सुबह 9:00 बजे पहुंचते हैं. 2 बजे तक इंतजार करने के बाद भी उनकी मुलाकात डीआईजी से नहीं होती है.

'मुझे गुंडा क्यों कहा'

नरेश की पत्नी उर्मिला बतातीं हैं कि नरेश ने बताया कि सब लोग उसे फंसाने में लगे हैं. मैं नौकरी बहुत ईमानदारी से करता हूं तो मुझे डीआईजी साहब ने गुंडा क्यों कहा? रविवार को नरेश ने उर्मिला से कहा की मेरा नाम ड्यूटी लिस्ट में है. मैं जाकर राइफल ले आता हूं, फिर वह क्वार्टर आते हैं और पत्नी उर्मिला से कहते हैं कि मेरी ड्यूटी लगी है. मैं ड्यूटी पर जा रहा हूं, उस उस दौरान ड्यूटी पर निकलते समय नरेश के पीछे एक जवान क्वार्टर आता है और मेरे से पूछते हैं कि नरेश कहां है तो मैंने कहा कि नरेश राइफल लेकर ड्यूटी पर गया है. उस समय ड्यूटी पर नरेश को 4 से 5 लोग घेर लेते है और 2 हवाई फायर करके फिर वापस क्वार्टर में आ जाते हैं.  नरेश घर आते है अपने घर के दरवाजा बंद करते हैं और पत्नी से कहते है कि मैं तो ड्यूटी करने गया था लेकिन वहां पर लोगों ने मुझे घेर लिया..क्या सोच के यह लोग मेरे पीछे पड़ गए.. रात में नरेश ने मेरे से कहा जब मैंने कुछ किया ही नहीं है. 

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रविवार की शाम नरेश ने खाया कुछ: 

रविवार की शाम नरेश ने खाना नहीं खाया और कहा कि यह सब लोग मुझे फंसा रहे हैं अब मुझे जीने नहीं देंगे, तब मैंने नरेश को समझाया कि कोई बात नहीं खेती कर लेंगे. काम कर लेंगे.. नरेश बोला कि मैंने ईमानदारी से नौकरी की अब नौकरी क्यों छोड़ दूं. रात भर मैं और नरेश दोनों नहीं सोए. मैं रोती रही.. और नरेश यही बोल रहा कि मुझे लोग फंसा रहे हैं. उर्मिला ने नरेश ने यह भी कहा कि मैंने 14 साल ड्यूटी किया लेकिन मेरे पिताजी को भी मेरे से मिलने नहीं दिया जा रहा है. मैंने नरेश को बहुत रोकने की कोशिश की और कहा कि छोटी बच्ची भी है. तब नरेश बोला कि अब मेरा जीने का कोई फायदा नहीं है. मैं इतना डिप्रेशन में हूं कि मुझे हर बात पर उल्टा साबित किया जा रहा है. नरेश ने अपने आपको गोली मार ली, जब में जोर से चिल्लाई की मेरे नरेश ने शूट कर लिया है तब भी किसी ने दरवाजा नहीं खोला. 
 

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