
राजस्थान के जोधपुर शहर में हिंसा के बाद जिंदगी धीरे-धीरे पटरी पर लौटने लगी है. कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए विभिन्न थाना क्षेत्रों में ऐहतियात के तौर पुलिस बल तैनात है. एडीजी हवा सिंह घुमरिया ने बताया कि कर्फ्यू दो दिन के लिए बढ़ाया गया है. इस दौरान सब कुछ सही रहता है, तो राहत दी जा सकती है. इस बीच प्रशासन से मीटिंग के बाद भाजपा ने गुरुवार को होने वाला आमरण अनशन और धरना प्रदर्शन को स्थगित कर दिया है.
डीजीपी पुलिस एम एल लाठर ने बताया कि जोधपुर में स्थिति नियंत्रण में है. शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए पुलिस हरसंभव कदम उठा रही है. शांति समिति की बैठकें आयोजित कर सद्भावना का प्रयास जारी है. पुलिस ने अब तक 211 व्यक्तियों को गिरफ्तार किया है. इनमें से 191 के ऊपर धारा 151 लगाया गया है और 20 को अन्य मुकदमों में गिरफ्तार किया गया. पुलिस ने अब तक 19 एफआईआर दर्ज की है. आम लोगों से शांति व्यवस्था बनाए रखने, अफवाहों पर विश्वास न करने और अफवाहों के बारे में तत्काल स्थानीय पुलिस को सूचित करने की अपील की गई. कर्फ्यूग्रस्त इलाकों में 2 घंटे (3 से 5 बजे) की आंशिक छूट दी गई है.
कैसे सुलग उठा था जोधपुर?
जोधपुर के जालोरी गेट पर परशुराम जयंती पर भगवा झंडा लगा था. 2 मई की शाम प्रशासन की मीटिंग में तय हुआ कि 3 मई को ईद है और इसलिए यहां हर साल की तरह ईद मनाने दी जाए. ईद पर मुसलमान हर साल की तरह झंडा और लाउडस्पीकर लगाएंगे. यह परमिशन एक दिन के लिए थी और बीजेपी के नेताओं और नगर निगम ने भी इसे लेकर सहमति जताई. 2 मई की रात को शहर में अफवाह फैली की पाकिस्तान के झंडे लग गए हैं. बड़ी संख्या में बीजेपी के लोग मौके पर पहुंचे और ईद के झंडे उखाड़ दिए, लाउडस्पीकर हटा डाले. इसके बाद बड़ी संख्या में दूसरे समुदाय के लोग भी जालौरी गेट पहुंचे और पथराव हुआ. ऐसे में भीड़ को काबू करने के लिए पुलिस ने लाठीचार्ज किए और आंसू गैस के गोले छोड़े.