
राजस्थान के पश्चिमी इलाके में जहां लंपी वायरस कहर बरपा रहा है. वहीं भरतपुर में इससे निपटने के लिए अनोखा तरीका ढूंढा गया है. गाैवंश को वायरस से बचाने के लिए यहां एक से एक बढ़कर घरेलू नुस्खे अपनाए जा रहे हैं.
भरतपुर में अभी तक वायरस से 131 पशुओं की मौत हो चुकी है. जबकि बीमार पशुओं का इलाज चल रहा है. भरतपुर में कुल 16 गौशालाएं हैं जिनमें से 12 गौशालाओं में पशुपालन विभाग ने टीकाकरण कर लिया गया है.
भरतपुर जिले की स्थिति बेहतर
जिले में 2 लाख के करीब गौवंश हैं. यहां वायरस से गौवंश की मृत्यु दर 2.28 फीसदी है, जबकि राज्य के अन्य जिलों में यह दर 10 से 15 फीसदी है. ज्यादातर गौशालाओं में गौवंश पूर्ण से रूप से वायरस से सुरक्षित हैं. 3,762 पशु वायरस से बीमार हैं, जिनका इलाज चल रहा है. 784 बीमार गौवंश इलाज के बाद रिकवर हुए हैं.
गौवंश को बचाने के लिए देसी नुस्खे
यहां गौशालाओं में ग्रामीण इलाकों में वायरस से पशुओं को बचाने के लिए कई देसी नुस्खे अमल में लाए जा रहे हैं. काली मिर्च, हल्दी, सोंठ, आवला और गुड़ गौवंश को खिलाया जा रहा है. इसके अलावा नीम की पत्तियों को जलाकर धुआं भी पशुओं को दिया जा रहा है.
जिले की सबसे बड़ी गौशाला जड़खोर
डीग तहसील में स्थित बृज कामद सुरभि वन एवं शोध संस्थान जड़खोर में करीब 10,000 गौवंश हैं. इस गौशाला के निदेशक गोपेश दास ने बताया कि कुछ देसी नुस्खे हैं. जिनके उपयोग से गौवंश को इस वायरस से पूर्ण रूप से सुरक्षित रखा जा सकता है. देसी नुस्खे में काली मिर्च 10 ग्राम, हल्दी एक चम्मच, आंवला 25 ग्राम, सोंठ 25 ग्राम, गुड़ 100 ग्राम को एक साथ मिलाकर गौवंश को खिलाएं. नीम और फिटकरी के पानी से पशुओं को नहलाएं. गौशाला की सफाई का विशेष ध्यान रखें. फिनाइल का छिड़काव करें.
पशुपालन विभाग के जॉइंट डायरेक्टर डॉ. गजेंद्र चाहर ने बताया कि जिले में अभी तक 56,000 गौवंश को वैक्सीन लगाई जा चुकी है. जिले में अभी तक 131 गौवंश की मौत हुई है. 4677 गौवंश वायरस से संक्रमित हैं. विभाग की पूरी कोशिश है कि गौवंश को वायरस से बचाया जाए.