
जयपुर-अजमेर हाइवे पर एक बार फिर बड़ा हादसा होते-होते टल गया. दरअसल बिंदायका से जयपुर की ओर जा रहे सीएनजी गैस से भरे एक ट्रक के साइलेंसर में आग लगने से हड़कंप मच गया. ट्रक सीएनजी पंप पर खड़ा था, जहां आग ने स्थिति को और गंभीर बना दिया.
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, ट्रक के साइलेंसर से धुआं उठता देख स्थानीय लोगों ने तुरंत पंप कर्मियों और पुलिस को सूचित किया. पंप पर मौजूद कर्मचारियों ने तत्काल आग बुझाने वाले उपकरणों का इस्तेमाल कर आग पर काबू पाया. अगर आग आग सीएनजी टैंक तक पहुंची जाती तो बड़ा हादसा हो सकता था.
पंप कर्मियों ने बताया कि आग लगने के दौरान ट्रक पूरी तरह से सीएनजी गैस से भरा हुआ था. यदि गैस टैंक आग की चपेट में आ जाता, तो आसपास के इलाके में बड़ी तबाही हो सकती थी. मौके पर पहुंची पुलिस ने स्थिति का जायजा लिया और ट्रक को सुरक्षित स्थान पर भेज दिया.
एलपीजी टैंकर ब्लास्ट में हुई थी 13 लोगों की मौत
बता दें कि अभी तीन दिनों पहले ही जयपुर-अजमेर हाईवे के भांकरोटा क्षेत्र में हुए एलपीजी टैंकर ब्लास्ट हादसे के बाद, मृतकों की संख्या 13 तक पहुंच चुकी है. शुक्रवार सुबह हुए इस हादसे में अनेक वाहन आग की चपेट में आ गए, जिसके चलते 5 लोग घटनास्थल पर ही जल गए थे. बाकी के 8 लोगों ने एसएमएस और जयपुरिया अस्पताल में इलाज के दौरान दम तोड़ दिया था.
फॉरेंसिक साइंस लैब (FSL) द्वारा की गई जांच में पता चला कि पोटली में आए शव के अवशेष एक ही व्यक्ति के थे, जिससे मृतकों की संख्या घटकर 13 रह गई. डीसीपी (पश्चिम) अमित कुमार ने इसकी पुष्टि की. उन्होनें बताया कि ब्लास्ट की वजह से शरीर के अंग अलग-अलग हो गए थे, जो शुरुआती जांच में दो अलग-अलग लोगों के माने जा रहे थे.