
राजस्थान के शिक्षा मंत्री मदन दिलावर की आदिवासी समाज पर टिप्पणी को लेकर पूरे राज्य की सियासत गरमा गई है. कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा, भारतीय आदिवासी पार्टी (बीएपी) के सांसद राजकुमार रोत ने मदन दिलावर के बयान की आलोचना की है और कहा कि भारतीय जनता पार्टी का इसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा. वहीं, अपने बयान पर विवाद को बढ़ता देख उन्होंने सफाई दी है.
दरअसल, राजस्थान के शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने मीडिया से बातचीत के दौरान एक सवाल का जवाब देते हुए कहा कि वह (आदिवासी) हिंदू हैं कि नहीं, ये अपने पूर्वजों से पूछेंगे. हमारे यहां वंशावली लिखने वालों से पूछेंगे. वह कौन हैं यदि वह हिंदू नहीं हैं तो उनका डीएनए टेस्ट कराएंगे कि क्या वह लोग अपने पिता की औलाद है या नहीं. दिलावर ने ये टिप्पणी बीएपी के सदस्यों के इस दावे के बाद आई कि आदिवासी हिंदू नहीं हैं.
सीएम और शिक्षा मंत्री को भेजेंगे ब्लड सैंपल
मदन दिलावर के इस बयान का जवाब पर पलटवार करते हुए सांसद राजकुमार रोत ने कहा कि वह उनके (मदन) खिलाफ आदिवासी विरोधी अभियान शुरू करेंगे और आदिवासियों के डीएनए परीक्षण के लिए ब्लड के सैंपल मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा और मदन दिलावर को भेजने को कहा.
उन्होंने कहा कि शिक्षा मंत्री ने आरोप लगाने के लिए जिस भाषा का प्रयोग किया, वह राजस्थान के आदिवासी समुदाय का अपमान है. मैं उनसे कहना चाहूंगा कि बीएपी से परेशान होकर आप ऐसे बेबुनियाद बयान दे रहे हैं. हमारी पार्टी का नाम ही BAP है और आपने जो कहा है वह पूरे देश के आदिवासियों के लिए एक चुनौती है, निश्चित तौर पर इसका खामियाजा बीजेपी को भुगतना पड़ेगा.
'अपने पद से इस्तीफा दें मदन दिलावर'
उन्होंने जोर देकर कहा कि मैं पूरे देश के आदिवासियों से कहूंगा कि अब अपने ब्लड के सैंपल राजस्थान के मुख्यमंत्री और मदन दिलावर को भेजें. वह इस पद से इस्तीफा दें, नहीं बीजेपी उन्हें निष्कासित करे, क्योंकि मदन दिलावर पूरे आदिवासी समुदाय पर आरोप लगाया है.
कांग्रेस ने भी की आलोचना
बीजेपी नेता की टिप्पणी की कांग्रेस अध्यक्ष ने भी आलोचना की है. उन्होंने कहा कि राजस्थान के शिक्षा मंत्री मानसिक रूप से बीमार हैं... बहुत बीमार हैं. उनकी टिप्पणियां बार-बार बौद्धिक विकलांगता को दर्शा रही हैं. आदिवासी समुदाय के डीएनए परीक्षण के संबंध में उनका बयान बेहद निंदनीय है. वहीं, शनिवार को आदिवासी युवा मोर्चा ने प्रतापगढ़ में दिलावर का पुतला फूंका है.
दिलावर ने दी सफाई
वहीं, अपने बयान पर विवाद को बढ़ता देख उन्होंने सफाई दी है. उन्होंने कहा कि मुझसे कल पूछा गया कि कुछ लोग खुद को हिंदू नहीं मानते हैं तो मैंने ये कहा था कि हम डीएनए की जांच करा लेंगे या फिर वंशावली देखने वालों को दिखवा देंगे, लेकिन इस बयान को आदिवासी से जोड़ दिया गया. मैं कहना चाहता हूं कि आदिवासी समाज के लोग श्रेष्ठतम हैं, जिन्होंने सालों से पेड़ों की रक्षा की. जिनसे हमें प्राणवायु मिलती है. आदिवासी समाज (Tribal Society) के लोग हिंदू समाज के श्रेष्ठतम लोग हैं.