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राजस्थान: इंदिरा रसोई में थालियां चाटते दिखे सूअर, गरीबों को सस्ता खाना देने के लिए शुरू हुई थी सुविधा

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की पहल पर खुलवाई गई इंदिरा रसोई में गरीबों को महज 8 रुपए में भरपेट खाना मिलता है. मगर, भरतपुर जिले में जिला प्रशासन की लापरवाही का आलम यह है कि जिन थालियों में गरीब भोजन करते हैं, उसे सूअर चाट रहे थे. अब इसका वीडियो सोशल मीडिया में वायरल होने के बाद हड़कंप मच गया है.

सीएम अशोक गहलोत ने शुरू की थी इंदिरा रसोई. यहां सुअर चाटते हैं थालियां. सीएम अशोक गहलोत ने शुरू की थी इंदिरा रसोई. यहां सुअर चाटते हैं थालियां.
सुरेश फौजदार
  • भरतपुर ,
  • 02 नवंबर 2022,
  • अपडेटेड 6:32 PM IST

राजस्थान की कांग्रेस सरकार ने एक विशेष पहल करते हुए पूरे राज्य में इंदिरा रसोई की स्थापना की थी. मकसद था कि कोई गरीब भूखे पेट नहीं सोए. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की पहल पर खुलवाई गई इंदिरा रसोई में गरीबों को महज 8 रुपए में भरपेट खाना मिलता है. मगर, भरतपुर जिले में जिला प्रशासन की लापरवाही का आलम यह है कि जिन थालियों में गरीब भोजन करते हैं, उसे सुअर चाट रहे थे. 

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शहर में महारानी श्री जया कॉलेज के सामने स्थित इंदिरा रसोई के बर्तनों को सुअर चाटते हुए दिखे. मामला सामने आने के बाद कार्रवाई करते हुए जिला स्तरीय समन्वय एवं मॉनिटरिंग समिति एक्टिव हो गई. आदेश जारी किया कि इंदिरा रसोई संख्या 676 का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. इसमें दिख रहा है कि रसोई में प्रयोग की जाने वाली थालियां अव्यवस्थित पड़ी हुई हैं. सुअर उन थालियों को चाट रहे हैं. 

उक्त वायरल वीडियो का सत्यापन करने के लिए 1 नवंबर को सचिव नगर निगम भरतपुर प्रदीप मिश्रा और उसके कमेटी ने रसोई का निरीक्षण किया. पाया कि रसोई संचालन में घोर लापरवाही की जा रही है. रसोई की साफ सफाई ठीक नहीं है और बर्तनों को बाहर रोड पर धोया जा रहा है. इसके बाद कमेटी ने संस्था को कारण बताओ नोटिस जारी करते हुए कहा कि वह अपना जवाब तीन दिनों में पेश करे.

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कलेक्टर ने रसोई में खुलवा दी कैंटीन 

नोटिस में पूछा गया है कि क्यों न आपकी संस्था के नाम से चयनित इंदिरा रसोई संख्या 676 का चयन निरस्त किया जाए. बताते चलें कि रसोई को मदर टेरसा नाम के एनजीओ ने खोला है. प्रशासन की लापरवाही यहीं खत्म नहीं हुई. भरतपुर जिला कलेक्टर आलोक रंजन ने अपने चहेते एनजीओ को फायदा पहुंचाने के लिए इंदिरा रसोई में कैंटीन भी खुलवा दी है. जिसमें 10 रुपए में चाय और 10 रुपए में समोसा भी मिलता है. 

अधिकारियों के बयानों में अंतर 

प्रशासनिक अधिकारियों की बातों में ही विरोधाभासी बातें सामने आ रही हैं. एक तरफ लिखित कार्यवाही में रसोई संचालक को जवाब देने के लिए 3 दिन का समय दिया गया है. वहीं, अतिरिक्त जिला कलेक्टर सुरेश यादव का कहना है कि रसोई संचालक का लाइसेंस निरस्त कर दिया गया है. तो क्या यह माना जाए कि प्रशासनिक स्तर पर मामले को दबाने की कोशिश की जा रही है. 

गरीबों के स्वास्थ्य के साथ हो रहा खिलवाड़ 

सवाल उठता है कि जिन बर्तनों में गरीब लोग खाना खाते है, यदि उनको सूअर चाटते हैं, तो क्या यह लोगों के जीवन के साथ खिलवाड़ नहीं है. नगर निगम भरतपुर के मेयर अभिजीत कुमार ने कहा कि आम जनता के स्वास्थ्य से संबंधित खिलवाड़ नहीं किया जाएगा. 

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मामले में भाजपा किसान मोर्चा राजस्थान के प्रदेश प्रवक्ता नेम सिंह ने कहा कि जिन बर्तनों को सूअर चाट रहे हैं, उनमें गरीबों को भोजन खिलाना शर्मनाक है. यह गरीब के साथ एक बहुत बड़ा मजाक और धोखा है. सरकार को इंदिरा रसोई योजना के खाने की गुणवत्ता की भी जांच करते हुए बड़े नियम बनाने चाहिए. ऐसी लापरवाही करने वाले लोगों के खिलाफ तुरंत कार्रवाई करनी चाहिए. 
 

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