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ब्रेन डेड हो चुके शख्स ने किया अंगदान, ऑर्गन ट्रांसप्लांट ने बचाई 2 लोगों की जान

अजीत पाल की एक किडनी जयपुर के सवाई मानसिंह अस्पताल में एक मरीज को लगाई गई. दूसरी किडनी और लिवर को जयपुर के संतोकबा दुर्लभजी मेमोरियल अस्पताल में भर्ती एक मरीज को लगाया गया. लेकिन दिल का रिसीवर राजस्थान में नहीं होने के कारण वह डोनेट नहीं किया जा सका. अजीत पाल के परिवार के सामने बड़ा आर्थिक संकट खड़ा हो गया है. वो अपने घर पर अकेला कमाने वाला था.

युवक ने अंगदान कर बचाई दो लोगों की जान युवक ने अंगदान कर बचाई दो लोगों की जान
उमेश मिश्रा
  • धौलपुर ,
  • 05 जनवरी 2024,
  • अपडेटेड 7:23 PM IST

राजस्थान के धौलपुर जिले का रहने वाले 23 साल के अजीत पाल ने मरने के बाद अपने कई अंग दान किए. जिसकी वजह से दो लोगों को जीवनदान मिला. इस घटना की चर्चा पूरे जिले में हो रही है. लोगों का कहना है कि अजीत पाल मरा नहीं बल्कि अमर हो गया है. क्योंकि उसके शरीर के अंग अब दोनों लोगों में मौजूद हैं. 

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बता दें, राजाखेड़ा उपखंड के गांव नाहिला का रहने वाला 23 साल का अजीतपाल 24 दिसंबर 2023 को फतेहाबाद के गांव निबोरा में किसी रिश्तेदार के यहां दावत में गया था और बाइक से अपने गांव लौटते वक्त उसका एक्सीडेंट हो गया. जिसमें वो गंभीर रूप से घायल हो गया था. 

अंगदान से मिली दो लोगों को नईं जिंदगी

इसके बाद अजीत पाल को आगरा के रेनबो अस्पताल में भर्ती कराया. इसके बाद उसे जयपुर के सवाई मानसिंह अस्पताल ले जाया गया. लेकिन इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई. इसके बाद एसएमएस के चिकित्सकों ने अजीतपाल के परिजनों से बात की और अंगदान पर सहमति बनी. उनके इस फैसले से दो लोगों को नई जिंदगी मिल गई.  

अजीत पाल की एक किडनी जयपुर के सवाई मानसिंह अस्पताल में ही एक मरीज को लगाई गई. दूसरी किडनी और लिवर को जयपुर के संतोकबा दुर्लभजी मेमोरियल अस्पताल में भर्ती एक मरीज को लगाया गया. लेकिन दिल का रिसीवर राजस्थान में नहीं होने के कारण वह डोनेट नहीं किया जा सका. 

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अजीत पाल के घर अब कोई कामाने वाला नहीं बचा

अजीत पाल के परिवार की आर्थिक स्थिति कमजोर है. दो भाईयो में वो सबसे बड़ा था. उसकी एक बहन 15 वर्षीय मंजू और छोटा भाई नीतेश आठ साल का हैं.अजीतपाल की दो साल पहले ही शादी हुई थी. लेकिन अब अजीतपाल के जाने के बाद परिवार में कोई भी कमाने वाला नहीं हैं.

SMS अस्पताल का 28 वां और प्रदेश का 55वां अंगदान

बता दें कि साल 2021 में भी धौलपुर जिले के गांव गंगा दास के पुरा के रहने वाला 17 वर्षीय सेवाराम भी एसएमएस जयपुर में ब्रेन डेड घोषित किया था. सेवाराम ने भी पांच लोगों को अंगदान कर जीवनदान दिया था. जयपुर के एसएमएस अस्पताल का 28 वां और प्रदेश का 55वां अंगदान है.

डॉक्टरों ने दिया शहीद की तरह सम्मान 

वहीं इस मामले पर राजाखेड़ा एसडीएम देवी सिंह ने बताया कि नाहिला गांव के रहने वाले अजीत पाल ने दो लोगों को अंगदान दिया हैं. मृतक अजीत पाल को शहीद की तरह सम्मान दिया गया. सभी चिकित्सकों समेत अन्य अधिकारियों ने उसके पार्थिव शरीर को नमन कर पुष्प माला अर्पित किए. एसडीएम ने आमजन से अपील की कि अजीत पाल की तरह जीवित रहते हुए अपने शरीर के अंगो को दान कर सकते हैं. इससे आठ लोगों को जीवनदान मिल सकता हैं. 

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