
राजस्थान कांग्रेस की गुटबाजी खुलकर सामने आ गई है. नए मुख्यमंत्री को लेकर विधायकों की राय जानने के लिए जयपुर पहुंचे कांग्रेस के पर्यवेक्षकों को बैरंग वापस लौटना पड़ा. अशोक गहलोत के समर्थन में विधायक लामबंद हो गए और स्पीकर के आवास पहुंच इस्तीफे का दांव चल दिया. विधायक दल की बैठक से पहले तीन शर्तें रख दी गईं जिसे कांग्रेस पर्यवेक्षकों ने स्वीकार नहीं किया.
राजस्थान संकट पर सोनिया गांधी एक्टिव मोड में आ गई हैं. कांग्रेस आलाकमान के तेवर सख्त हुए तो गहलोत खेमा बैकफुट पर आ गया है. खुद अशोक गहलोत ने सोनिया गांधी से बात कर ये सफाई दी है कि वे आलाकमान के खिलाफ बगावत नहीं कर सकते. अशोक गहलोत के सुर बदले तो गहलोत समर्थक भी आलाकमान को लेकर नरम पड़ते दिख रहे हैं लेकिन सचिन पायलट के नाम पर वैसे ही तेवर दिखाने से भी नहीं चूक रहे.
गहलोत समर्थक प्रताप सिंह खाचरियावास ने आजतक से कहा कि राजस्थान में जो कुछ भी हुआ, वह हमारे परिवार का मामला है. उन्होंने ये भी कहा कि आलाकमान के खिलाफ कोई बगावत नहीं है. सोनिया गांधी, राहुल गांधी और अशोक गहलोत हमारे नेता हैं. प्रताप सिंह खाचरियावास ने कुर्सी को लेकर सवाल पर कहा कि पार्टी आलाकमान की ओर से इस संबंध में अब तक तो हमें कोई मैसेज नहीं मिला. पार्टी आलाकमान के लिए तो जान हाजिर है. आलाकमान को सबकुछ दे देंगे.
उन्होंने कहा कि हमने ये कहा था कि उन नेताओं को तरजीह दें जो 102 विधायक अशोक गहलोत और प्रदेश प्रभारी के साथ गवर्नर हाउस पर जमीन पर बैठे रहे. प्रताप सिंह खाचरियावास ने कहा कि हमने ये कहा था कि सभी विधायकों से एक बार समूह में बात कर लें और इसके बाद वन-टू-वन बात कर लें. पार्टी नेतृत्व तय कर लें और विधायक दल की बैठक बुला लें. बात हो जाएगी. उन्होंने कहा कि सचिन पायलट के साथ 19 विधायक हैं. जो 102 विधायक कांग्रेस की सरकार बचाने के लिए होटलों में बैठे थे, उनको वरीयता दी जानी चाहिए. मुख्यमंत्री का फैसला संख्याबल से होता है. संख्या जिधर होगी वो मुख्यमंत्री बनेगा.
धारीवाल के घर पहुंच कराई थी माकन की बात
प्रताप सिंह खाचरियावास ने कहा कि जब सचिन पायलट वापस आए थे तब आलाकमान ने ये भी कहा था कि ये आ रहे हैं लेकिन आपका सम्मान होगा. उन्होंने कहा कि अशोक गहलोत ने कहा था कि मैं आपका अभिभावक हूं. प्रताप सिंह खाचरियावास ने शांति धारीवाल के घर विधायकों को बुलाने की बात से इनकार करते हुए कहा कि वहां पहले तो 50 थे बाद में इन विधायकों की संख्या 92 पहुंच गई. मैं धारीवाल के घर पहुंचा और उनसे माकन की बात कराई. उन्होंने नरमी के संकेत तो दिए लेकिन सचिन पायलट के नाम पर आलाकमान को एक तरह से तेवर भी दिखा दिए.
इससे पहले प्रताप सिंह खाचरियावास ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि गेंद अब स्पीकर सीपी जोशी की कोर्ट में है. उन्होंने हमें ये चेतावनी दी थी कि इस्तीफे से पहले केयरफुल रहें. वे मनोविज्ञान के प्रोफेसर हैं. खाचरियावास ने कहा कि हमने इस्तीफा दे दिया. उन्होंने कहा कि विधायक वन-टू-वन बात करने के लिए तैयार हैं. ये डेमोक्रेसी है. आपको क्या लगता है हमने पर्यवेक्षकों से वन-टू-वन बात करने से मना किया? उन्होंने ये भी कहा कि हमने पर्यवेक्षकों से नवरात्रि चल रहे होने के कारण एक-दो दिन समय देने की मांग की थी.
परिवार की मुखिया से नहीं तो किससे करेंगे शिकायत
गहलोत के करीबी मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने कहा कि विधायकों ने दबाव बनाया कि जो बीजेपी के साथ मिलकर सरकार गिराना चाहते थे, उनमें से मुख्यमंत्री नहीं बनाया जाना चाहिए. हमने उन्हें पहले ही मंत्री बना रखा है. उन्होंने कहा कि हम परिवार की मुखिया के सामने अपनी बात नहीं रखेंगे तो किससे शिकायत करेंगे? खाचरियावास ने कहा कि लोकतंत्र में नंबर महत्वपूर्ण होता है. 90 से 92 विधायकों की एक ही मांग है. हमें पूरा भरोसा है कि सोनिया गांधी विधायकों की मांग सुनेंगी. उन्होंने ये भी कहा कि राजस्थान बीजेपी के निशाने पर है और यहां ED का खेल शुरू हो चुका है.
खाचरियावास ने बीजेपी पर भी हमला बोला और कहा कि ये बहादुर लोगों की धरती है. उन्होंने कहा कि ये अशोक गहलोत का नेतृत्व ही था जिसने तब सरकार बचाई, जब मध्य प्रदेश में सरकार गिर चुकी थी. प्रताप सिंह खाचरियावास ने सोनिया गांधी को कार्यकर्ताओं के लिए माता के समान बताया और कहा कि उन्होंने प्रधानमंत्री का पद ठुकराकर उसे मनमोहन सिंह जैसे महान अर्थशास्त्री को सौंप दिया था. राहुल गांधी सरकार बचाने के लिए पदयात्रा कर रहे हैं. वर्तमान घटनाक्रम से पार्टी कमजोर नहीं होगी.
पायलट समर्थक विधायक ने खाचरियावास के दावे का किया खंडन
पायलट समर्थक विधायक राजेंद्र सिंह गुढ़ा ने कहा कि 92 विधायकों के शांति धारीवाल के आवास पर होने के दावे को गलत बताया. उन्होंने कहा कि सचिन पायलट को सबसे पहले माला डालने वालों में प्रताप सिंह ही होंगे. सचिन पायलट ने प्रताप सिंह के लिए जो किया, वह कोई दूसरा नहीं कर सकता. राजेंद्र सिंह गुढ़ा ने कहा कि एक भी आदमी खिलाफ नहीं है. आलाकमान की ओर से सचिन पायलट को मुख्यमंत्री बनाने का ऐलान हो जाए तो अशोक गहलोत भी तारीफ करेंगे.
राजेंद्र गुढ़ा ने कहा कि आलाकमान जो भी निर्णय लेगा, हमें वो स्वीकार है. उन्होंने कहा कि राजस्थान के हर विधानसभा क्षेत्र में सचिन पायलट के प्रशंसक हैं. अशोक गहलोत के बाद राजस्थान के लिए सचिन पायलट से बेस्ट सीएम कोई और नहीं हो सकता.
(जयकिशन के इनपुट के साथ)