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हाथ-पैर बांधकर इलाज करते हैं डॉक्टर, नर्सिंग स्टाफ को छूने तक नहीं देती; 3 साल से भर्ती गैंगरेप पीड़िता की दास्तां

Alwar News: गैंगरेप की घटना के बाद पीड़िता गर्भवती हो गई थी. इस घटना के बाद से पीड़िता का मानसिक संतुलन बिगड़ गया था. उसके बाद कोर्ट के आदेश से उसका गर्भपात करा दिया गया था. फिलहाल पीड़िता अस्पताल में जिंदगी और मौत के बीच में जूझ रही है. पीड़ित पिता ने प्रशासन से मदद की गुहार लगाई है.

अस्पताल में बेड से बंधी गैंगरेप पीड़िता. अस्पताल में बेड से बंधी गैंगरेप पीड़िता.
हिमांशु शर्मा /संतोष शर्मा
  • अलवर,
  • 22 अगस्त 2023,
  • अपडेटेड 2:51 PM IST

Rajasthan News: अलवर जिले के भिवाड़ी में रहने वाली एक नाबालिग का मई 2020 में दरिंदों ने बारी-बारी से दुष्कर्म किया. उसका वीडियो भी बनाया. उस घटना के बाद पीड़िता गर्भवती हुई और डिप्रेशन में चली गई. तीन साल से पीड़िता का अस्पताल में इलाज चल रहा है. हालत इस कदर खराब है कि अस्पताल में पीड़िता को हाथ-पैर बांधकर रखा जाता है. पूरा परिवार 3 साल से अस्पतालों के चक्कर लगा रहा है. ऐसे में पीड़िता के पिता ने हाथ जोड़कर सरकार और न्यायालय से मदद की गुहार लगाई है.

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10 मई 2020 को भिवाड़ी थाने में एक पिता ने एफआईआर दर्ज करवाई कि उसकी नाबालिग बेटी के साथ दो युवकों ने बारी-बारी से दुष्कर्म किया और वीडियो बना लिया. इस मामले में पुलिस ने दो आरोपियों को गिरफ्तार किया. एक नाबालिग था, जिसे निरुद्ध किया गया और तो दूसरे को अब सजा हो चुकी है.

पुलिस हिरासत में गैंगरेप का एक आरोपी.

सदमे में चली गई पीड़िता

लेकिन इस घटना के बाद से उस पीड़िता और उसके परिजनों की जिंदगी नर्क से भी बुरी हो गई. पीड़िता के पिता ने कहा कि तीन सालों से अस्पतालों के चक्कर लगा रहे हैं. इलाज में लाखों रुपए खर्च हो चुके हैं. परिवार की आर्थिक हालत खराब है. जीवन यापन के लिए भी अब पैसा नहीं बचा है. इस घटना के बाद से उनकी बेटी सदमे में चली गई. हालात इस कदर खराब हुए कि अस्पताल में बेड पर पीड़िता को हाथ-पैर बांधकर रखा जाता है.

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शरीर को छूने नहीं देती

पीड़िता डॉक्टर नर्सिंग स्टाफ को छूने नहीं देती है. उसके दिलो-दिमाग पर उस घटना का इतना बुरा असर पड़ा है कि वो अपना दिमाग की संतुलन खो चुकी है. ऐसे में पीड़िता के पिता ने हाथ जोड़कर प्रशासन में न्यायालय से मदद की गुहार की है. उन्होंने कहा कि प्रशासन ऐसी व्यवस्था करे कि उनकी बेटी का बेहतर इलाज हो सके. साथ ही आरोपी को सबसे सख्त सजा हो.

घटना के बाद पीड़िता की नहीं ली गई सुध

परिजनों ने बताया कि प्रशासन में पुलिस की तरफ से पीड़िता की कोई सुध नहीं ली गई. धीरे-धीरे हालत खराब होने लगे और पीड़िता अपना मानसिक संतुलन खोने लगी. घटना के बाद पीड़िता गर्भवती हुई. न्यायालय के आदेश से पीड़िता का गर्भपात करा दिया गया. उसके बाद से पीड़िता जिंदगी में मौत के बीच झूल रही है.

जीवन-यापन का नहीं है कोई सहारा

पीड़िता के पिता ने कहा कि वो घर में अकेले काम आने वाले थे. मजदूरी करके अपना पेट भरते थे. इस घटना के बाद से वो दिनभर बेटी की तीमारदारी के लिए अस्पताल में रहने लगे. ऐसे में घर के हालात खराब होने लगे. आज हालात इस कदर खराब हैं कि जीवन यापन में भी खासी परेशानी हो रही है. परिवार चलाने के लिए एक भी रुपया नहीं कमा पा रहे हैं. जमा पूंजी भी पूरी तरह खत्म हो गई है. 

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पोक्सो अदालत नंबर एक के विशिष्ट लोक अभियोजक रोशन दिन खान ने बताया कि 10 मई 2020 को भिवाड़ी थाने में मुकदमा दर्ज हुआ था. जिसमें तीन लड़के एक नाबालिग लड़की को अपने घर ले गए और उसके साथ बारी-बारी से दुष्कर्म किया. जिसका वीडियो भी बनाया गया. इस मामले में पुलिस ने दो आरोपियों को गिरफ्तार किया. जबकि एक नाबालिग था जिसे निरुद्ध किया गया. इसमें चार्जशीट पेश की गई और 40 दस्तावेज और 22 गवाह कोर्ट में प्रस्तुत किए गए.



पोक्सो नंबर एक के विशिष्ट न्यायाधीश जगेंद्र अग्रवाल ने इस मामले में एक आरोपी प्रशांत निवासी आलमपुर को 20 साल की सजा और 33 हजार रुपए के अर्थदंड से दंडित किया है. इस आरोपी ने पीड़िता का वीडियो भी बनाया था. एक अन्य आरोपी को साक्ष्य अभाव में बरी किया गया है जबकि एक बाल अपचारी का बाल न्यायालय में ट्रायल चल रहा है. उन्होंने बताया कि इस मामले में सबसे बड़ी बात यह है कि इस घटना के बाद पीड़िता को इतना आघात लगा कि उसने अपना मानसिक संतुलन को खो दिया और आज तक उसका इलाज चिकित्सालय में चल रहा है ऐसे में पीड़िता को हाथ पैर बांधकर रखा जाता है.

 

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