
राजस्थान के बांसवाड़ा जिले के एक आदिवासी बहुल गांव में स्थित चर्च को रविवार को एक मंदिर में बदल दिया गया. यह फैसला तब लिया गया जब गांव के कई परिवारों ने स्वेच्छा से ईसाई धर्म छोड़कर हिंदू धर्म अपना लिया. चर्च के पादरी गौतम गरासिया ने खुद को फिर से हिंदू धर्म में परिवर्तित कर लिया और अब मंदिर के पुजारी बन गए हैं.
कैसे हुआ चर्च का मंदिर में परिवर्तन?
बांसवाड़ा पुलिस अधीक्षक हर्ष वर्धन के अनुसार, गौतम गरासिया ने कुछ साल पहले ईसाई धर्म अपना लिया था और लगभग डेढ़ साल पहले अपने निजी भूमि पर एक चर्च का निर्माण कराया था. अब, दोबारा हिंदू धर्म अपनाने के बाद, उन्होंने अपने चर्च को एक भैरव मंदिर में बदल दिया.
गांव में निकली भव्य शोभायात्रा
रविवार को भगवान भैरव की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा से पहले, गांव में एक भव्य शोभायात्रा निकाली गई. इस दौरान 'जय श्री राम' के नारे गूंजते रहे. इसके बाद, चर्च की दीवारों को भगवा रंग में रंग दिया गया और उस पर हिंदू धार्मिक चिह्न बनाए गए. चर्च पर लगे 'क्रॉस' के निशान को हटा दिया गया.
अब होगी भैरव आरती
गौतम गरासिया ने बताया कि अब चर्च की जगह भैरव मंदिर में हर सुबह और शाम आरती होगी, जबकि पहले यहां रविवार को प्रार्थना सभाएं होती थीं.
शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए पुलिस तैनात
इस पूरे कार्यक्रम के दौरान इलाके में पुलिस बल तैनात किया गया था ताकि किसी भी प्रकार की अव्यवस्था न हो और समारोह शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न हो सके.