
राजस्थान विधानसभा की सात रिक्त सीटों के लिए हुए उपचुनाव में मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा और सचिन पायलट समेत चार कद्दावर नेताओं की प्रतिष्ठा दांव पर है. मतदान के बाद अब नतीजे की घड़ी करीब आ गई है. 23 नवंबर को मतगणना होनी है और इसके लिए तैयारियां पूरी कर ली गई हैं. वोटों की गिनती सुबह आठ बजे से शुरू होगी. मतगणना 141 राउंड में होनी है और इसके लिए 98 टेबल बनाए गए हैं. पोस्टल बैलेट के वोटों की गिनती के लिए अलग से 67 टेबल का इंतजाम किया गया है.
किस सीट पर कितने राउंड मतगणना
उपचुनाव में अलग-अलग सीटों पर अलग-अलग राउंड में मतगणना संपन्न होगी. झुंझुनूं और सालंबर विधानसभा सीट की मतगणना 22-22 राउंड में होगी. वहीं, रामगढ़ विधानसभा सीट के वोटों की गिनती 21 राउंड में पूरी होगी. देउली उनियारा और खींवसर विधानसभा सीट की मतगणना 20-20 राउंड में होनी है. सबसे कम राउंड में मतगणना दौसा और चौरासी सीट की है. इन दोनों विधानसभा सीटों के लिए पड़े वोट 18-18 राउंड में गिने जाएंगे. चुनाव आयोग ने मतगणना प्रक्रिया की 360 डिग्री वीडियोग्राफी कराने के निर्देश दिए हैं.
दिग्गजों की राजनीति पर पड़ेगा नतीजे का असर
राजस्थान की सात सीटों के लिए हुए उपचुनाव के नतीजे मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा समेत कई दिग्गजों की सियासत पर असर डालेंगे. भजनलाल को मुख्यमंत्री बने चार महीने ही हुए थे कि लोकसभा चुनाव में बीजेपी को 10 सीटों का नुकसान झेलना पड़ा था. पिछले चुनाव में सूबे की 25 में से 24 सीटों पर लड़कर सभी पर जीत हासिल करने वाली बीजेपी इस बार 14 सीटें ही जीत सकी थी. जिन सात सीटों पर उपचुनाव हुए हैं, इनमें से एक सीट सालूंबर ही बीजेपी के कब्जे में थी. बीजेपी अपनी सीट बचाए रखते हुए विपक्ष से और सीटें झटकने में सफल रहती है तो सीएम भजन का कद पार्टी में मजबूत हो सकता है.
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दौसा विधानसभा सीट किरोड़ी लाल मीणा और सचिन पायलट की वजह से हॉट सीट बन गई है. इस सीट पर इन दोनों दिग्गज नेताओं की प्रतिष्ठा दांव पर लगी है. बीजेपी ने दौसा सीट पर किरोड़ी लाल मीणा के भाई जगन मोहन मीणा मैदान में उतारा है. वहीं, सचिनपायलट के गढ़ में कांग्रेस से दीनदयाल बैरवा उम्मीदवार हैं. वहीं, नागौर जिले की खींवसर सीट आरएलपी प्रमुख हनुमान बेनीवाल की प्रतिष्ठा से जुड़ी सीट है. सांसद निर्वाचित होने के पहले हनुमान बेनीवाल इसी सीट से विधायक थे. चौरासी और सलूंबर विधानसभा सीट पर भारत आदिवासी पार्टी (बीएपी) और पार्टी प्रमुख राजकुमार रौत की प्रतिष्ठा दांव पर है. बीएपी इन सीटों पर अच्छा प्रदर्शन करने में सफल रहती है तो आदिवासी इलाकों में पार्टी का रुतबा बढ़ेगा.
सात सीटों पर 69 उम्मीदवार मैदान में
सात विधानसभा सीटों पर कुल 69 उम्मीदवार किस्मत आजमा रहे हैं. पांच विधानसभा सीटों पर त्रिकोणीय मुकाबला माना जा रहा है तो वहीं दो सीटों पर बीजेपी और कांग्रेस की सीधी फाइट है. सीधी फाइट वाली सीटों की बात करें तो दौसा विधानसभा सीट पर बीजेपी के जगमोहन मीणा का मुकाबला कांग्रेस के दीनदयाल बैरवा से है. इसी तरह रामगढ़ विधानसभा सीट पर चुनावी लड़ाई बीजेपी के सुखवंत सिंह और कांग्रेस के आर्यन जुबेर खान के बीच बताई जा रही है. झुंझुनु विधानसभा सीट पर बीजेपी के राजेंद्र भांबू और कांग्रेस के अमित ओला को निर्दलीय राजेंद्र गुढ़ा चुनौती दे रहे हैं.
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खींवसर में आरएलपी की कनिका बेनीवाल का मुकाबला बीजेपी रेवंत राम और कांग्रेस के रतन चौधरी से है. चौरासी सीट पर बीजेपी के कारीलाल ननोमा और कांग्रेस के महेश रौत के सामने बीएपी के अनिल कटारा की चुनौती है. सलुंबर सीट पर बीजेपी की शांता देवी और कांग्रेस की रेशमा मीणा की चुनावी फाइट को बीएपी के जीतेश कटारा त्रिकोणीय बना रहे हैं. देवली उनियारा में बीजेपी के राजेंद्र गुर्जर और कांग्रेस के केसी मीणा को निर्दलीय नरेश मीणा मजबूत चुनौती दे रहे हैं.