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'गहलोत साहब, अब सिर्फ मेरी जान बची है,' राजस्थान CM पर मंत्री खाचरियावास का हमला

राजस्थान में अशोक गहलोत सरकार में प्रताप सिंह खाचरियावास कैबिनेट मंत्री हैं. उन्होंने रविवार को एक कार्यक्रम में अपने ही मुख्यमंत्री को लेकर विवादित बयान दिया. खाचरियावास ने कहा- मैं पूरी कैबिनेट का दिल निकालकर आपको (गहलोत) दे दूंगा. फिर भी आप कहेंगे, मजा नहीं आ रहा. खाचरियावास 2018 के विधानसभा चुनाव में जयपुर की सिविल लाइंस सीट से जीते थे.

राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को लेकर मंत्री प्रताप खाचरियावास ने विवादित बयान दिया है. (फाइल फोटो) राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को लेकर मंत्री प्रताप खाचरियावास ने विवादित बयान दिया है. (फाइल फोटो)
जयकिशन शर्मा
  • जयपुर,
  • 30 अप्रैल 2023,
  • अपडेटेड 11:20 PM IST

राजस्थान सरकार में कैबिनेट मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को लेकर विवादित बयान दिया है. खाचरियावास ने कहा- मैंने अभी गहलोत साहब से कहा, अब सिर्फ मेरी जान बची है. मैं पूरी कैबिनेट का दिल निकालकर आपको दे दूंगा. फिर भी आप कहेंगे, मजा नहीं आ रहा. आदमी मर भी जाए तो मजा नहीं आता. अब मैं इसके बारे में क्या कर सकता हूं? इसका कोई इलाज नहीं है. खाचरियावास रविवार को पिंकसिटी प्रेस क्लब में आयोजित एक कार्यक्रम में बोल रहे थे.

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हालांकि, खाचरियावास ने गहलोत को लेकर यह बयान क्यों दिया, यह अभी साफ नहीं हो सका है. लेकिन, मंत्री के बयान के बाद यह जरूर संकेत मिल रहे हैं कि सरकार में सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है. राजस्थान में इसी साल विधानसभा चुनाव हैं. मुख्यमंत्री समेत पार्टी आलाकमान भी एकजुटता पर बल दे रहा है और नेताओं के बयान पार्टी और सरकार की मुश्किलें बढ़ा रहे हैं.

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'पायलट के करीबी हैं खाचरियावास?'

बताते चलें कि प्रताप सिंह खाचरियावास खुद कई मौके पर साफ कर चुके हैं कि वो सचिन पायलट के करीबी हैं. ऐसे में उनके बयान के मायने निकाले जाने लगे हैं. दरअसल, राजस्थान में सचिन पायलट और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बीच का विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है. पायलट को पता है कि राज्य में साल के अंत तक चुनाव होने हैं. ऐसे में वो अपनी दावेदारी का कोई मौका नहीं छोड़ना चाहते हैं. उधर, गहलोत भी दोबारा सरकार बनाने का दावा पेश कर चुके हैं. 

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पायलट ने की थी भ्रष्टाचार में जांच की मांग 

दरअसल, दिसंबर 2018 में राजस्थान में कांग्रेस की सरकार बनने के बाद से ही गहलोत और पायलट के बीच खींचतान चल रही है. हाल ही में पायलट ने अपनी ही सरकार के खिलाफ एक दिना का धरना दिया था. उन्होंने आरोप लगाया था कि राज्य की गहलोत सरकार ने वसुंधरा राजे के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार के कार्यकाल के दौरान हुए भ्रष्टाचार के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की है, लेकिन पार्टी ने 2018 के विधानसभा चुनावों से पहले इसी मुद्दे पर जनता से वोट मांगा था. पायलट का आरोप है कि इस मामले को लेकर उन्होंने सीएम गहलोत को कई बार चिट्ठी लिखी, लेकिन उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया. गहलोत सरकार का इस तरह विरोध करने को लेकर सचिन पायलट पर पार्टी नेतृत्व ने सवाल भी उठाए थे. सीनियर नेताओं का कहना था कि अगर उन्हें इस तरह अपनी ही सरकार के खिलाफ अनशन नहीं करना चाहिए था. 

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'मीडिया को हमें आपस में नहीं लड़ाना चाहिए'

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वहीं, गहलोत ने पायलट के हमले पर कोई सीधी प्रतिक्रिया नहीं दी थी. उन्होंने किसी का नाम लिए बिना कहा कि मीडिया को लोगों को लड़ाना नहीं चाहिए. मीडिया को सच्चाई और तथ्यों पर टिके रहना चाहिए. उन्हें (मीडियाकर्मियों को) अपना कर्तव्य निभाना चाहिए और यही जनहित में है. उन्होंने कहा कि मैं यह नहीं कहता कि झूठे आंकड़े पेश करो या हमारी झूठी प्रशंसा करो, लेकिन मैं कहूंगा कि मीडिया सच्चाई के आधार पर चले. मीडिया केंद्र सरकार के दबाव में है, लेकिन उन्हें जनता का हित देखना चाहिए.

 

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