
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने शनिवार को कहा कि देश में तनाव और हिंसा का माहौल चिंता पैदा करने वाला है. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी को आगे आकर लोगों से शांति और सद्भाव बनाए रखने की अपील करनी चाहिए. सीएम गहलोत ने यह बातें 18वें अखिल भारतीय विधिक सेवा प्राधिकरण (National Legal Services Authority) के दो दिवसीय सम्मेलन के उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए कहीं. इस सम्मेलन में सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस एमवी रमन्ना और केंद्रीय कानून मंत्री किरेन रिजीजू भी मौजूद थे.
गहलोत ने देश में चुनी हुई राज्य सरकारों को गिराए जाने पर भी कटाक्ष किया और कहा कि देश के हालात बहुत नाजुक हैं, इस बारे में हम सभी को सोचना होगा. उन्होंने कहा, ‘‘हम बार-बार कहते हैं कि देश में तनाव है, हिंसा का माहौल है. यह नहीं होना चाहिए. लोकतंत्र सहिष्णुता पर टिका होता है, जो आज गायब है.’’
उन्होंने कहा, ‘‘मुख्यमंत्री हो या प्रधानमंत्री, अगर वह कोई बात कहेगा तो देश सुनेगा तो क्या प्रधानमंत्री जी को यह नहीं कहना चाहिए कि देश में भाईचारा, प्रेम-मोहब्बत, सद्भावना रहनी चाहिए और किसी कीमत पर हिंसा को बर्दाश्त नहीं किया जा सकता.’’ उन्होंने मंच पर मौजूद किरेन रिजीजू से कहा कि वो इस अपील को प्रधानमंत्री मोदी तक पहुंचाएं. गहलोत ने कहा, ‘‘यह बहुत जरूरी है क्योंकि देश में आज ऐसा माहौल बन गया है जो चिंता पैदा कर रहा है और मेरा मानना है कि ये चिंता खत्म होनी चाहिए.’’
इस दौरान गहलोत ने जजों के खिलाफ चलाए अभियान पर भी चिंता जताई. उन्होंने कहा कि नूपुर शर्मा केस की सुनवाई के दौरान अपने विचार व्यक्त करने पर दो जजों के खिलाफ अभियान चलाया गया, ये चिंता की बात है. इस दौरान उन्होंने कहा कि पैसे के बल पर रोजाना सरकारें गिराई जा रही हैं, यह गंभीर बात है.
वकीलों की फीस पर गहलोत ने जताई चिंता
सुप्रीम कोर्ट के जजों के सामने हॉर्स ट्रेडिंग की पीड़ा सुनाते हुए गहलोत ने कहा कि एक शिंदे यहां बैठे हुए हैं दूसरे शिंदे महाराष्ट्र में मुख्यमंत्री बन गए हैं. अगर ऐसा चला तो लोकतंत्र कैसे रहेगा. इस दौरान उन्होंने कहा कि यह तो मेरी सरकार बच गई नहीं तो रिजीजू के सामने आज कोई दूसरा मुख्यमंत्री होता. इस दौरान अशोक गहलोत ने वकीलों की फीस को लेकर भी बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा कि कुछ वकील पैरवी के लिए 10-15 लाख रुपये लेते हैं. ऐसे में आम आदमी अफोर्ड नहीं कर सकता.
केंद्रीय कानून मंत्री ने मामलों को निपटारे पर दिया जोर
इस दौरान केंद्रीय कानून मंत्री किरेन रिजीजू ने कहा कि देशभर की अदालतों में करीब 5 करोड़ मामले लंबित हैं. इन मामलों को कम करने के लिए सरकार और न्यायपालिका को समन्वय में काम करने की जरूरत है. उन्होंने बताया कि कल मैंने अपने डिपार्टमेंट के ऑफिसर से बात की है कि कुछ ऐसा ठोस कदम उठाना चाहिए जिससे हम 2 करोड़ केस को 2 साल में खत्म कर सकें. मैं कहीं भी जाता हूं तो पहला सवाल मेरे सामने यही आता है कि सरकार पेंडिंग केस को खत्म करने के लिए क्या कदम उठा रही है.