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गहलोत-पायलट विवाद पर एक्शन में हाईकोर्ट, सरकार से पूछा- क्या विधायक दे चुके हैं इस्तीफा?

जयपुर में 25 सितंबर को हुए सियासी घटनाक्रम के दौरान गहलोत खेमे के विधायकों और मंत्रियों ने सामूहिक तौर पर इस्तीफा दे दिया था. इन विधायकों ने स्पीकर के आवास पर पहुंचकर इस्तीफे सौंपे थे. इस मामले में एक याचिका राजस्थान हाईकोर्ट में दायर की गई है. अब मामले में मंगलवार को राजस्थान हाई कोर्ट में सुनवाई हुई है.

राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और सचिन पायलट के बीच सियासी खींचतान फिर चर्चा में है. राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और सचिन पायलट के बीच सियासी खींचतान फिर चर्चा में है.
शरत कुमार
  • जयपुर,
  • 06 दिसंबर 2022,
  • अपडेटेड 4:16 PM IST

राजस्थान में कांग्रेस नेता राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा के बीच मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और सचिन पायलट के बीच का सियासी झगड़ा अब अदालत में पहुंच चुका है. जयपुर में 25 सितंबर को हुए सियासी घटनाक्रम के दौरान विधायकों और मंत्रियों के इस्तीफा देने के मामले में मंगलवार को राजस्थान हाई कोर्ट में सुनवाई हुई है. HC ने विधानसभा अध्यक्ष और विधानसभा सचिव को नोटिस जारी किया है और इस मामले में 2 सप्ताह में जवाब मांगा है. कोर्ट ने पूछा कि क्या राजस्थान के विधायक और मंत्री इस्तीफा दे चुके हैं. अभी क्या स्थिति है? इसके बारे में पूरी जानकारी दी जाए.

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वहीं, इस याचिका का राजस्थान सरकार की तरफ से विरोध किया गया है. सरकार ने कहा है कि ये जनहित याचिका नहीं है. ये जनता से जुड़ा हुआ मामला नहीं है. इसके जवाब में BJP नेता राजेंद्र राठौड़ ने कहा कि मंत्री और विधायक इस्तीफा देकर काम करें तो यह जनता से जुड़ा मामला है. इस मामले में BJP के उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने राजस्थान हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की है.

क्या हुआ था 25 सितंबर को...

ये पूरा मामला 25 सितंबर का है. कांग्रेस की तत्कालीन अध्यक्ष सोनिया गांधी के निर्देश पर राजस्थान के प्रदेश प्रभारी अजय माकन और मल्लिकार्जुन खड़गे को पर्यवेक्षक के तौर पर जयपुर भेजा गया था. कहा जाता है कि वहां सीएम हाउस में नए मुख्यमंत्री के चयन के लिए विधायक दल की बैठक होनी थी. क्योंकि तब राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत के कांग्रेस अध्यक्ष का चुनाव लड़ने की चर्चाएं चल रही थीं. 

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बताते हैं कि गहलोत खेमे के विधायकों और मंत्रियों को आशंका हुई कि पार्टी हाईकमान सचिन पायलट को विधायक दल का नेता चुनने जा रहा है. इस पर विवाद बढ़ गया और गहलोत खेमे के विधायक बागी हो गए. वहां मंत्री शांतिलाल के आवास पर एकत्रित हुए और सामूहिक इस्तीफा देने का निर्णय लिया. बाद में बसों में बैठकर विधानसभा अध्यक्ष के आवास पर पहुंच गए. यहां सभी ने स्पीकर को इस्तीफा सौंप दिया. जिसके बाद विधायक दल की बैठक नहीं हो सकी थी. 

इस पूरे घटनाक्रम से आलाकमान भी नाराज हो गया. प्रदेश प्रभारी अजय माकन की नाराजगी भी साफ तौर पर देखने को मिली. उन्होंने पार्टी की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी को पूरे घटनाक्रम की रिपोर्ट सौंपी. बाद में तीन नेताओं को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया था. बाद में अशोक गहलोत ने सोनिया गांधी से माफी भी मांगी थी. सचिन पायलट भी सोनिया गांधी से मिलने के लिए दिल्ली गए थे.

 

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