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राजस्थान: पूर्व मंत्री रामलाल जाट की बढ़ी मुश्किलें, धोखाधड़ी मामले की होगी CBI जांच, HC का आदेश 

राजस्थान के पूर्व राजस्व मंत्री रामलाल जाट के खिलाफ धोखाधड़ी के एक मामले में हाईकोर्ट की जोधपुर पीठ ने सीबीआई जांच के आदेश दे दिया है. याचिकाकर्ता ने आरोप लगाया है कि पूर्व मंत्री ने उनके छोटे भाई और उनकी पत्नी के नाम पर ग्रेनाइट माइंस में 50 प्रतिशत हिस्सेदारी के बदले 5 करोड़ रुपये देने का वादा किया था, लेकिन डॉक्यूमेंट्स पूरे होने के बाद पैसों का भुगतान नहीं किया.

रामलाल जाट. (फाइल फोटो) रामलाल जाट. (फाइल फोटो)
देव अंकुर
  • जयपुर,
  • 05 फरवरी 2025,
  • अपडेटेड 9:56 PM IST

राजस्थान हाईकोर्ट की जोधपुर पीठ ने कांग्रेस नेता और राजस्थान के पूर्व राजस्व मंत्री रामलाल जाट के खिलाफ धोखाधड़ी के एक मामले में सीबीआई जांच के आदेश दिए हैं. कांग्रेस की अशोक गहलोत सरकार के पूर्व मंत्री पर पांच करोड़ रुपये की धोखाधड़ी का आरोप लगा. इसके बाद कोर्ट के आदेश पर भीलवाड़ा के एक थाने में चोरी और धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया गया था.

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इस मामले में याचिकाकर्ता राजसमंद के कारोबारी परमेश्वर जोशी ने रामलाल जाट पर आरोप लगाया कि उन्होंने पत्नी और भतीजे के नाम पर दर्ज करोड़ों रुपये की माइंस में 50 प्रतिशत शेयर दिलाने के बदले 5 करोड़ रुपये देने का वादा किया था, लेकिन डॉक्यूमेंट पूरे होने के बाद रुपये नहीं दिए. इसके बाद न्यायालय के आदेश पर भीलवाड़ा जिले में रामलाल जाट समेत कुल पांच लोगों के खिलाफ सितंबर 2022 में धोखाधड़ी और चोरी का मामला दर्ज किया गया था.

मामले में परमेश्वर जोशी ने आरोप लगाया था कि रामलाल जाट ने उनके छोटे भाई और उनकी पत्नी के नाम पर ग्रेनाइट माइंस में 50 प्रतिशत हिस्सेदारी के बदले 5 करोड़ रुपये देने का वादा किया था, लेकिन डॉक्यूमेंट्स के रजिस्ट्रेशन के बाद पैसे का भुगतान नहीं किया गया था.

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भतीजे और पत्नी के नाम ट्रांसफर कराए शेयर: याचिकाकर्ता

परमेश्वर ने बताया कि वह अरावली ग्रैनी मेसर्स नाम की कंपनी में डायरेक्टर और शेयर होल्डर है. अरावली ग्रैनी मार्मो प्रा. लिमिटेड जो श्याम सुंदर गोयल और चंद्रकांत शुक्ला के नाम पर पंजीकृत थी. शिकायतकर्ता के अनुसार, श्याम सुंदर और चंद्रकांत पर उस पर 10 करोड़ रुपये बकाया थे और इसके बदले में कंपनी में 50 प्रतिशत शेयर परमेश्वर और उसकी पत्नी भाव्या के नाम पर ट्रांसफर किए गए थे और बचे हुए 50 प्रतिशत शेयरों का सौदा रामलाल जाट के साथ किया गया था, जिसने शेयरों को अपने भतीजे और उसकी पत्नी के नाम पर ट्रांसफर कर दिया था.

परमेश्वर ने कहा कि श्याम सुंदर और चंद्रकांत पर उस पर 5 करोड़ अतिरिक्त बकाया है और उसे रामलाल जाट से पैसे लेने के लिए कहा गया था, जिसके साथ दोनों ने उसके भतीजे और उसकी पत्नी के नाम पर 50 प्रतिशत शेयर ट्रांसफर करने का सौदा किया था.

'मंत्री पद का दिखाया रौब'

आरोप के मुताबिक, पूर्व मंत्री रामलाल जाट पहले तो डॉक्यूमेट्स के ट्रांसफर पर रकम देने को तैयार हो गए, लेकिन डॉक्यूमेंट ट्रांसफर होने के बाद उन्होंने रकम देने से इनकार कर दिया. रुपये देने के लिए कहने पर रामलाल जाट भड़क गए और उन्हें अपने मंत्री पद का रौब दिखाने की धमकी दी. उन्होंने दावा किया है कि माइंस में काम करने वाले मजदूरों को भी धमकाया गया, जिसके बाद मजदूरों को वहां से भगा दिया गया.

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कोर्ट के आदेश के बाद पांच लोगों पर दर्ज हुई थी FIR

परमेश्वर जोशी ने मामले में कोर्ट से दखल देने की मांग की. इस मामले में सितंबर 2022 में कोर्ट के निर्देश पर रामलाल जाट, सूरज जाट और पूरनलाल समेत पांच लोगों के खिलाफ FIR दर्ज की गई थी. याचिकाकर्ता परमेश्वर जोशी ने इस मामले में शक्तिशाली लोगों के शामिल होने का दावा करते हुए मामले की सीबीआई जांच की मांग की थी. मंगलवार को राजस्थान हाईकोर्ट के जज फरजंद अली की ओर से कांग्रेस के पूर्व मंत्री रामलाल जाट के खिलाफ इस मामले में सीबीआई जांच के आदेश दे दिया.

'जांच में चीजें हो जाएंगे साफ'

कांग्रेस नेता और राजस्थान के पूर्व राजस्व मंत्री ने कहा, 'भाजपा शासनकाल के दौरान सबसे बड़ी पुलिस एजेंसी, सीआईडी-सीबी ने इसकी जांच की थी और उसने इसमें FR (अंतिम रिपोर्ट) दी थी और अगर फिर भी हाईकोर्ट ने उसी मामले में जांच का आदेश दिया है तो मुझे कोई परेशानी नहीं है. सीबीआई जांच करेगी, चीजें साफ हो जाएंगी.'

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