
राजस्थान के डूंगरपुर में दो लाख रुपये की रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार हुए जल विभाग के सुपरिटेंडेंट इंजीनियर (SE) के घर पर एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) की रेड हुई. जिसमें पता चला कि उनके पास करीब चार करोड़ रुपये की प्रॉपर्टी है. इतना ही नहीं किसी को शक ना हो, इसके लिए वो अपनी पत्नी और मां के बैंक खातों का इस्तेमाल करते थे. उनके नाम पर 20 से ज्यादा बैंक अकाउंट हैं.
एसई अनिल कच्छावा के घर की तलाशी में 9 लाख 22 हजार रुपये कैश, एक करोड़ 87 लाख रुपये की फिक्स्ड डिपोजिट (FD), एक करोड़ 16 लाख रुपये के दो आवासीय प्लॉट के कागजात, बैंक खातों में जमा करीब 88 लाख रुपये के बारे में पता चला है. एसीबी की टीम को कुल मिलाकर 4.16 करोड़ रुपये से अधिक की चल-अचल संपत्तियों के दस्तावेज मिले हैं.
ACB के एडिशनल एसपी विजय स्वर्णकार ने बताया कि ट्रैप के आरोपी अनिल कच्छावा के महावीर नगर कोटा स्थित निवास की तलाशी में 9.22 लाख रुपये कैश, 1.87 करोड़ रुपये की FD, 1.16 करोड़ रुपये के दो आवासीय प्लॉट के कागजात और बैंक खातों में कुल जमा 88 लाख रुपये की जानकारी मिली है. डूंगरपुर के जल विभाग में सुपरिटेंडेंट इंजीनियर अनिल कच्छावा को दो लाख रुपये की घूस लेते हुए ट्रैप किया गया था. जिसके बाद एसीबी के डीजी रविप्रकाश मेहरड़ा के निर्देश पर ये कार्रवाई की गई है.
कैसे पकड़े गए थे एसई अनिल कच्छावा?
डूंगरपुर में ACB ने जल जीवन मिशन के काम के बिल पास कराने के एवज में दो लाख रुपये की रिश्वत लेते हुए सुपरिटेंडेंट इंजीनियर को रंगे हाथ गिरफ्तार किया था. एसीबी के डीजी ने बताया कि हमारी डूंगरपुर इकाई को शिकायत मिली थी कि जल-जीवन मिशन योजना के तहत करवाए गए कार्यों के करीब ढाई करोड रुपये के बकाया बिलों को पास करने के बदले में आरोपी एसई अनिल कच्छावा 5 लाख रुपये की रिश्वत मांग कर परेशान रहा है.
2 लाख रुपये की घूस लेते हुए रंगेहाथ हुए थे गिरफ्तार
डीजी के मुताबिक, जिसके बाद एसीबी उदयपुर के डीआईजी पुलिस राजेंद्र प्रसाद गोयल के सुपरविजन में एसीबी की डूंगरपुर इकाई ने शिकायत का सत्यापन किया और फिर ट्रैप करते हुये आरोपी अधीक्षण अभियंता अनिल कच्छावा को पीडित से दो लाख रुपये की रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार किया गया. इससे पहले भी परिवादी से एक लाख रुपये की रिश्वत वसूली जा चुकी थी.