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राम जल लिंक प्रोजेक्ट से 3 करोड़ लोगों को मिलेगा पानी, राजस्थान सरकार का प्लान

राजस्थान के जल संकट से जूझ रहे 17 जिलों के लिए भजनलाल शर्मा सरकार ने 'राम जल लिंक परियोजना' के तहत नई योजना बनाई है. इसका उद्देश्य 3.25 करोड़ लोगों को जल संकट से राहत देना है. परियोजना के अंतर्गत बैराज, जलाशय और बांधों का निर्माण प्रस्तावित है.

राजस्थान में जल संकट के निपटान के लिए नई परियोजना की शुरुआत राजस्थान में जल संकट के निपटान के लिए नई परियोजना की शुरुआत
देव अंकुर
  • जयपुर,
  • 15 फरवरी 2025,
  • अपडेटेड 10:25 PM IST

राजस्थान में बीजेपी की भजनलाल शर्मा सरकार ने पानी की कमी से जूझ रहे 17 जिलों के लिए नई योजना बनाई है. इसके जरिए इन जिलों के 3.25 करोड़ लोगों को राम जल लिंक परियोजना के तहत पानी मुहैया कराने का लक्ष्य रखा गया है. इस परियोजना के तहत लाखों परिवारों को जल संकट से राहत मिलेगी.

जानकारी के अनुसार, ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों में पर्याप्त मात्रा में पानी उपलब्ध कराने, किसानों एवं पशुपालकों को पशुपालन एवं कृषि के लिए पानी उपलब्ध कराने का लक्ष्य रखा गया है.

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क्षेत्रफल की दृष्टि से देश के सबसे बड़े राज्य राजस्थान का एक बड़ा हिस्सा दशकों से गंभीर जल संकट से जूझ रहा है. राजस्थान सरकार द्वारा तय किए गए लक्ष्य के अनुसार, कई जिलों को जल संकट से निजात दिलाना है.

भजनलाल शर्मा सरकार के कार्यकाल में, पानी की पर्याप्त आपूर्ति और संरक्षण सुनिश्चित करने के लिए राम जल सेतु परियोजना के तहत बैराज, कृत्रिम जलाशय और बांधों की एक श्रृंखला बनाने की रूपरेखा तैयार की गई है.

इस योजना के तहत अजमेर और अलवर में दो कृत्रिम जलाशय बनाने का प्रस्ताव है. इसके अतिरिक्त ईसरदा और डूंगरी में बांध बनाने तथा बीसलपुर बांध की जल संग्रहण क्षमता में 0.50 मीटर की वृद्धि करने का प्रस्ताव है. हालांकि, जल संकट के मुद्दे को लेकर राज्य में राजनीति भी शुरू हो गई है.

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मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने कहा कि अशोक गहलोत के नेतृत्व वाली पिछली कांग्रेस सरकार ने जानबूझकर इस परियोजना को लटकाया और इसे चुनावी हथियार बनाकर लोगों को गुमराह किया. 

राजस्थान सरकार की ओर से जारी बयान में कहा गया है, 'हमारी सरकार ने राम जल सेतु लिंक परियोजना के तहत सबसे मजबूत आधार नवनेरा बैराज का निर्माण पूरा करके 17 जिलों के वर्षों पुराने सपने को साकार करने की दिशा में एक कदम बढ़ाया है.'

बयान में आगे कहा गया कि अब हमारी सरकार ने इसका दायरा बढ़ाते हुए पहले प्रस्तावित 3510 एमसीएम से 4102 एमसीएम पानी लेने पर सहमति जताई है. साथ ही विपक्ष 'राम' शब्द को लेकर भी सवाल उठा रहा है, जबकि यह राजस्थान के 'रा' और मध्यप्रदेश के 'मा' से मिलकर बना है. विपक्ष को अब इससे भी तकलीफ हो रही है.

पार्वती-कालीसिंध-चंबल पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना (पीकेसी-ईआरसीपी) का उद्देश्य राज्य के कई जिलों को पीने, सिंचाई और औद्योगिक उद्देश्यों के लिए पानी उपलब्ध कराना है.

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