
राइट टू हेल्थ बिल के बाद राजस्थान वेंटिलेटर पर है. जहां कांग्रेस सरकार और चिकित्सकों के टकराव के चलते मरीजों की जान जा रही हैं. वही तिमारदार दर-दर भटक रहें हैं. ऐसे में सूबे के पूर्व डिप्टी सीएम और कांग्रेस नेता सचिन पायलट ने अपने जयपुर आवास पर आंदोलनकारी डॉक्टरों के एक धड़े के साथ वार्ता की हैं. इसके बाद उन्होंने अपनी ही सरकार को अड़ियल रुख छोड़ बीच का रास्ता निकालने का सुझाव दिया.
सचिन पायलट ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि हड़ताल से मरीज परेशान हो रहें हैं. सरकार को हॉस्पिटल और डॉक्टर की बात सुननी चाहिए. वही स्वास्थ्य विभाग के साथ- साथ सरकार का रुख अड़ियल नहीं होना चाहिए. ये मार्मिक मामला है और करोड़ों लोगों को प्रभावित करता हैं. हमने यूनिवर्सिल कानून पहले भी बनाए हैं. ऐसे में जब हजारों लोगों को इलाज की जरूरत होती हैं लेकिन इलाज नहीं मिल पा रहा है तो पीड़ा होती है. इसलिए किसी भी पक्ष को अड़ियल रुख नहीं अपनाना चाहिए, इसका रास्ता निकल सकता है.
इसके आलावा सचिन पायलट ने कहा कि सरकार की मंशा सही हो सकती है, लेकिन आज जो प्रदेश में हालात बने हैं उससे लगता हैं कि जो डॉक्टर, नर्सेज, टेक्निकल कर्मचारी हड़ताल कर रहें हैं उनकी बात को सुनकर सरकार को भी ऐसा रास्ता निकालना चाहिए ताकि आम जनता को दिक्कत ना हो. प्रदेश में कई जगह हड़ताल की वजह से मरीज परेशान हो रहें हैं. ऐसे में हम सबकी यह जिम्मेदारी बनती है.
उन्होंने कहा- वार्ता से सब कुछ संभव है और यदि चर्चा होगी तो सार्थक निर्णय निकल सकता है. क्योंकि डॉक्टर भी यह नहीं चाहता की लोगों की मदद ना हो और हड़ताल जारी रखें. ऐसा तो है नहीं कि इससे पहले कोई अड़चन नहीं आई हो या फिर टकराव नहीं हुआ हो. लेकिन यह मामला बहुत मार्मिक हैं और करोड़ों लोगों को प्रभावित करता हैं. इसलिए इसका भी रास्ता निकलना चाहिए.