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Raksha Bandhan: राजस्थान में बहन ने भाई की प्रतिमा पर बांधी राखी, 5 साल पहले हुआ था शहीद, भावुक हुए लोग

रक्षाबंधन पर शहीद भाइयों की बहन उनकी प्रतिमाओं पर राखी बांधती है क्योंकि उन सब बहनों के लिए आज भी उनका भाई जिंदा है. ऐसे ही हजारों बहन अपने अपने फौजी भाईयों को सीमा पर राखी भेजती है ताकि वो देश की सुरक्षा कर सकें.

बहन ने भाई की प्रतिमा पर राखी बांधी बहन ने भाई की प्रतिमा पर राखी बांधी
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 12 अगस्त 2022,
  • अपडेटेड 9:54 AM IST

राजस्थान में भाई की कलाई पर राखी बांधती एक बहन की तस्वीर वायरल हो गई. दरअसल बहन ने देश के लिए शहीद होने वाले अपने भाई को राखी बांधी थी, जिसे वेदांत बिड़ला ने सोशल मीडिया पर शेयर की, जिसके बाद ये फोटो वायरल हो गई.

वेदांत बिड़ला ने लिंक्डइन पर शहीद भाई को राखी बांधने की फोटो एक पोस्ट के साथ शेयर की थी. लेकिन, भाई कोई जवाब नहीं देता. राजस्थान में लगी ये मूर्ति शहीद गणपत राम कदवास की मूर्ति है, जो एक बहादुर थे, जिन्होंने जम्मू और कश्मीर में दुश्मनों से लड़ते हुए अपनी जान दे दी. वेदांत बिड़ला ने लिखा कि शहीद भाई की प्रतिमा की कलाई राखी बांधते हुए और रक्षा के सार का सम्मान करते हुए देखा जा सकता है. 

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जोधपुर के खुदियाला में लगी है मूर्ति

बिड़ला ने लिखा, "यह वही है जो भारत को अविश्वसनीय बनाता है. दुख और गर्व का क्षण. भाई को खोने का दुख और गर्व है कि उन्होंने देश के लिए सर्वोच्च बलिदान दिया. वह रक्षा बंधन के रूप में भावनात्मक अशांति से गुजर रही होगी, वह अपने भाई की कलाई पर राखी नहीं बांध पाएगी. इसलिए वह इसे उनकी मूर्ति पर बांधती है. शहीद गणपत राम कदवासरा जोधपुर के ओसियां इलाके के खुदियाला गांव के रहने वाले थे. वह जाट रेजीमेंट से थे. गणपत राम 24 सितंबर 2017 को जम्मू-कश्मीर में दुश्मनों से लड़ते हुए शहीद हो गए."  

800 किमी से आती है बहन

उनकी पोस्ट ने कई लोगों के दिल को छुआ. देश को बचाने के लिए अपनी जान जोखिम में डालने के लिए सेना के जवानों को धन्यवाद दिया. ऐसे ही राजस्थान के फतेहपुर में एक बहन अपने शहीद भाई की प्रतिमा को राखी बांधने के लिए 800 किमी की यात्रा करके हर साल आती है. शहीद भाई धर्मवीर सिंह शेखावत की प्रतिमा को राखी बांधने के लिए उसकी बहन उषा कंवर अहमदाबाद से इतना लंबा सफर करती है. बता दें की धर्मवीर सिंह कश्मीर के लाल चौक में तैनात थे, जहां साल 2005 में हुए आंतकी हमले में वो शहीद हो गए थे. 

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