
राजस्थान की विवादों में आई लाल डायरी में क्या लिखा है, इस बात का खुलासा हो गया. यह खुलासा राजस्थान के बर्खास्त मंत्री और कांग्रेस विधायक राजेंद्र गुढ़ा ने किया है. उन्होंने लाल डायरी पढ़कर सुनाई और दिखाई भी. इस डायरी में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के ओएसडी सौभाग सिंह, पर्यटन विकास निगम के चेयरमैन धर्मेंद्र राठौड़ के बीच राजस्थान क्रिकेट एसोसिएशन (आरसीए) के चुनाव में लेनदेन की बातचीत का जिक्र है. सीएम के बेटे वैभव गहलोत ही अभी आरसीए के अध्यक्ष हैं.
राजेंद्र गुढ़ा ने पिछले महीने विधानसभा में महिलाओं के खिलाफ बढ़ते अपराधों को लेकर कहा था कि ये स्वीकार करना चाहिए, ये सच्चाई है कि हम महिलाओं की सुरक्षा में असफल हो गए. राजस्थान में महिलाओं के खिलाफ जिस तरह से अत्याचार बढ़े हैं, मणिपुर की चिंता करने की बजाय हमें अपने गिरेबान में झांकना चाहिए. इसी बयान के बाद उन्हें मंत्री पद से बर्खास्त कर दिया गया था.
1) राजेंद्र गुढ़ा ने लाल डायरी पढ़ने के दौरान आरसीए चुनाव में किसी हिसाब किताब की बात की.
2) भवानी शंकर सामोता और राजीव आये... आरसीए चुनाव का हिसाब किया. भवानी सामोता ने ज्यादातर लोगों से जो वादा किया था, वो पूरा नहीं किया तो मैंने कहा यह ठीक नहीं है. आप इसे पूरा करें. तब भवानी सामोता ने कहा-मैं सीपी साहब की जानकारी में डालता हूं...
3) वैभवजी (अशोक गहलोत के बेटे) मेरे दोनों के आरसीए चुनाव के खर्चे को लेकर चर्चा हुई कि भवानी सामोता किस तरह तय करके लोगों को...
कैबिनेट में मंत्री पद से हटाए जाने के बाद 24 जुलाई को कांग्रेस विधायक राजेंद्र सिंह गुढ़ा ने सदन में पहुंचकर स्पीकर के सामने लाल डायरी लहराई थी. इससे स्पीकर सीपी जोशी आग-बबूला हो गए थे और उन्होंने मार्शलों को आदेश देकर गुढ़ा को सदन से बाहर करवा दिया था.
इसके बाद मीडिया से बात करते हुए गुढ़ा ने कहा था- मैं उस डायरी के माध्यम से बताना चाह रहा हूं कि किस तरीके से कांग्रेस के नेताओं के ऊपर फिल्में बन रही हैं. मेरे पास वो डायरी थी, वो डायरी मेरे से छीन ली गई. मुझ पर 25-50 लोगों ने एक साथ हमला किया. मुझे मार्शलों ने नहीं बल्कि कांग्रेस के मंत्रियों ने घसीटकर बाहर निकाला. मैं इतना ही कहना चाह रहा था कि हमने अशोक गहलोत जी का चेहरा देखकर इनको समर्थन देने का फैसला किया था. हमने इनकी रिक्वेस्ट पर इन्हें समर्थन दिया था.
उन्होंने आगे कहा था- गहलोत साहब आपने गुंडागर्दी करके वो डायरी का आधा पार्ट मेरे से छीन लिया और आधा पार्ट मेरे पास अभी और है. इस पार्ट के अंदर आपके सारे काले कारनामे हैं जो आपने विधायकों को क्या दिया, राज्यसभा चुनाव में आपने उन विधायकों को क्या दिया, किस-किस को प्रलोभन दिया, क्रिकेट के चुनाव में आपने किस-किसको पैसे दिए, उसका खुलासा मैं आगे भी करूंगा.'
पिछले महीने झुंझुनू में एक जनसभा को संबोधित करते हुए राजेंद्र गुढ़ा ने सीएम अशोक गहलोत पर हमला करते हुए सनसनीखेज दावा किया था. उन्होंने कहा था, 'धर्मेंद्र राठौड़ के घर पर ईडी और इनकम टैक्स ने छापा मारा था. मैंने सीएम गहलोत के आदेश पर जहां रेड चल रही थी, वहां से लाल डायरी निकाल ली थी. अगर मैं लाल डायरी नहीं निकालता तो सीएम गहलोत जेल में होते. इस लाल डायरी में पूरा हिसाब है कि विधायकों को अपने पाले में रखने के लिए क्या-क्या दिया गया.'
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 27 जुलाई को सीकर में थे. इस दौरान उन्होंने राजेंद्र गुढ़ा की कथित लाल डायरी का जिक्र कर कांग्रेस पर निशाना साधा था. उन्होंने कहा था, कांग्रेस ने सरकार चलाने के नाम पर लूट की दुकान चलाई है. लूट की इस दुकान का सबसे ताजा उदाहरण हैं राजस्थान की लाल डायरी. लाल डायरी में कांग्रेस सरकार के काले कारनामे बंद हैं. लोग कहते हैं कि अगर इसके पन्ने खुलेंगे तो कांग्रेस सरकार का डिब्बा गुल हो जाएगा. लाल डायरी का नाम सुनकर कांग्रेस के बड़े नेताओं की हालत खराब है. इस डायरी में कांग्रेस सरकार के काले कारनामे बंद हैं. अगर इसके पन्ने खुले तो अच्छे अच्छे निपट जाएंगे. ये लाल डायरी कांग्रेस सरकार का डिब्बा गुल करने जा रही है.
हालांकि सीएम अशोक गहलोत ने पीएम के आरोपों पर पलटवार करते हुए कहा था कि लाल डायरी है हीं नही. लाल डायरी की बात कपोल कल्पित है. बीजेपी को आने वाले समय में लाल झंडी दिखा दी जाएगी.
राजेंद्र गुढ़ा झुंझुनूं जिले की उदयपुरवाटी विधानसभा सीट से विधायक हैं. वे 2008 में पहली बार बसपा से चुनाव लड़कर जीते थे. उसके बाद उन्होंने अपनी पार्टी के विधायकों के साथ गहलोत सरकार को समर्थन दे दिया था. सीएम गहलोत ने रिटर्न गिफ्ट दिया और राज्यमंत्री बनाया था. साल 2018 में भी राजेंद्र फिर चुनाव जीते और गहलोत सरकार को समर्थन दिया. एक साल बाद ही सितंबर 2019 में गुढ़ा समेत बसपा के 6 विधायक कांग्रेस में शामिल हो गए. गुढ़ा को गहलोत सरकार में दूसरी बार मंत्री बनाया.