Advertisement

RS चुनाव: राजस्थान में BSP से कांग्रेस में आए MLAs की SC में फिलहाल सुनवाई नहीं

एडवोकेट हेमंत नाहटा की ओर से ये अर्जी दाखिल की गई है. BSP से कांग्रेस में शामिल हुए विधायकों की याचिका राजस्थान हाईकोर्ट से खारिज होने के बाद सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी के रूप में दाखिल की गई है.

याचिका कर्ता ने सुप्रीम कोर्ट से जल्द सुनवाई की मांग की है. याचिका कर्ता ने सुप्रीम कोर्ट से जल्द सुनवाई की मांग की है.
संजय शर्मा
  • नई दिल्ली,
  • 10 जून 2022,
  • अपडेटेड 5:22 PM IST
  • राजस्थान में आज हो रहा है राज्यसभा चुनाव का मतदान
  • याचिका में वोटिंग और मतगणना में शामिल नहीं करने की मांग

BSP से कांग्रेस में शामिल हुए विधायकों के वोट देने के अधिकार का मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा है. फिलहाल, SC तत्काल सुनवाई नहीं कर पाएगा. CJI ने सुनवाई की अभी कोई तारीख नहीं दी है. अवकाशकालीन बेंच ने कहा कि बिना CJI की इजाजत के सुनवाई नहीं हो पाएगी. BSP के वकील ने कहा- CJI के आदेश का इंतजार करेंगे. 

इससे पहले राजस्थान हाई कोर्ट ने हस्तक्षेप से इंकार कर दिया था. बता दें कि राजस्थान में आज ही राज्यसभा चुनाव का मतदान हो रहा है. बसपा से कांग्रेस में शामिल हुए छह विधायकों के वोट सीलबंद लिफाफे में रखने और इन्‍हें मतगणना में शामिल करने को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की गई है. 

Advertisement

एडवोकेट हेमंत नाहटा की ओर से ये अर्जी दाखिल की गई है. BSP से कांग्रेस में शामिल हुए विधायकों की याचिका राजस्थान हाईकोर्ट से खारिज होने के बाद सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी के रूप में दाखिल की गई है. सुप्रीम कोर्ट से जल्द सुनवाई की मांग करते हुए राजस्थान हाईकोर्ट के गुरुवार को दिए फैसले को चुनौती दी गई है.

सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस शाह ने कहा कि CJI के सामने मेंशन करें और इसी दौरान रजिस्ट्रार के सामने भी मेंशन करें. गुरुवार को ही राजस्थान हाईकोर्ट ने BSP के 6 विधायकों के दल बदल से जुड़े मामले में दायर प्रार्थना पत्र में दखल से इनकार कर दिया. 

हाईकोर्ट ने कहा कि अब तो चुनाव प्रक्रिया शुरू हो चुकी है. मतदान का दिन भी सिर पर आ गया है और फिर यह मामला सुप्रीम कोर्ट में भी लंबित है. ऐसे में फिलहाल हाई कोर्ट दखल नहीं देगा. वकील हेमंत नाहटा की ओर से अर्जी पत्र में कहा गया है कि हाईकोर्ट की सिंगल बेंच ने 24 अगस्त 2020 को विधानसभा स्पीकर को दल-बदल के इस मामले में तीन महीने में फैसला लेने के आदेश दिए थे. इसके बावजूद  स्पीकर ने इस दिशा में अब तक कोई कार्रवाई नहीं की है.

Advertisement

ऐसे में राज्यसभा चुनाव के लिए बसपा से कांग्रेस में शामिल हुए छह विधायकों के मतपत्र को अलग रखा जाए. जब तक याचिका का निस्तारण नहीं हो जाता, तब तक चुनाव का परिणाम घोषित नहीं किया जाए. याचिका पर गुरुवार को जस्टिस पंकज भंडारी और जस्टिस उमाशंकर व्यास की अवकाश कालीन पीठ ने दखल देने से इनकार करते हुए याचिका खारिज कर दी.

इससे पहले सात जनवरी 2021 को सुप्रीम कोर्ट कांग्रेस पार्टी में विलय के मामले में दो याचिकाओं पर गुरुवार को राज्य विधानसभा अध्यक्ष और अन्य को नोटिस जारी किए थे.

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement