
राजस्थान के रकबर खान मॉब लिचिंग मामले में अलवर कोर्ट ने चार आरोपियों को 7-7 साल की सजा सुनाई है. इसके साथ ही एक आरोपी नवल किशोर को कोर्ट ने बरी कर दिया है. कोर्ट ने जिन आरोपियों को सजा सुनाई है, उनमें परमजीत, धर्मेंद्र, नरेश और विजय शामिल हैं.
2018 में राजस्थान के अलवर जिले में गौ तस्करी के संदेह में रकबर खान की पीट-पीटकर हत्या कर दी गई थी. एक स्थानीय विश्व हिंदू परिषद (VHP) के नेता नवल किशोर शर्मा को मामले में कथित संलिप्तता के चलते गिरफ्तार किया गया था. शर्मा कथित तौर पर उस भीड़ का हिस्सा थे जिसने पशु तस्करी के संदेह में रकबर की पीट-पीटकर हत्या कर दी थी.
असलम और रकबर गायों के साथ भरतपुर जिले में अपने गांव जा रहे थे और इसी दौरान कथित तौर पर भीड़ ने पीट-पीट कर मार डाला था. हालांकि इस दौरान असलम किसी तरह से अपनी जान छुड़ाकर भाग गया. मौके पर पहुंची पुलिस ने घायल रकबर और गायों को रामगढ़ थाने ले गई. घायल रकबर को थाने में डाल दिया गया और अन्य पुलिस के लोग गायों को पालने के लिए गोशाला चले गए. एक घंटे या उससे अधिक समय के बाद रकबर को रामगढ़ अस्पताल भेजा गया, जहां उसे मृत घोषित कर दिया गया.
गोतस्करी के शक में मारे गए रकबर खान की पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट से खुलासा हुआ कि उसकी मौत पुलिस हिरासत में नहीं हुई बल्कि भीड़ की पिटाई से हुई थी. रिपोर्ट में सामने आया है कि रकबर की सभी चोट पोस्टमॉर्टम करने से 12 घंटे पहले की हैं और तब रकबर को पुलिस ने हिरासत में नहीं लिया था. पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में सामने आया कि रकबर को लगी सभी चोट 12 घंटे पुरानी हैं. मतलब रात के 12 बजे के करीब की. लेकिन पुलिस के पास गोतस्कर पकड़े जाने का पहला फोन 12:41 पर आया था. यानी रकबर की मौत भीड़ की पिटाई से हुई थी.
इससे पहले भी पोस्टमॉर्टम में खुलासा हुआ था कि रकबर के एक हाथ और एक पैर की हड्डी टूटी हुई थी. रिपोर्ट के आधार पर डॉक्टरों ने बताया कि कि चोट के बाद अंदरूनी रक्तस्त्राव हुआ होगा. रिपोर्ट में ये भी खुलासा हुआ था कि पिटाई से रकबर खान की पसलियां भी दो जगह से टूटी हुई थी.
पुलिस ने अपनी चार्जशीट में शुरू में नरेश शर्मा, विजय कुमार, धर्मेंद्र यादव और परमजीत सिंह सहित चार आरोपियों को नामजद किया था. नवल किशोर शर्मा को बाद में गिरफ्तार किया गया था और 20 जुलाई, 2018 में हुई हत्या के समय भीड़ को रकबर की हत्या के लिए उकसाने का आरोप लगाया गया.
मामले में 49 दिन बाद रामगढ़ के सिविल कोर्ट में चार्जशीट दायर की थी. पुलिस की ओर से दायर 25 पेज की चार्जशीट में कहा था कि तीनों आरोपियों ने देर रात रकबर खान को खेत में पकड़कर उसकी पिटाई की, जिससे उसकी मौत हो गई. पुलिस जांच में तीनों आरोपियों के दोषी मानते हुए जांच अधिकारी ने धारा, 302, 341, 323 ओर 334 में जुर्म प्रमाणित माना था.
राज्य सरकार ने मॉब लिंचिंग मामले में विशेष लोक अभियोजक नियुक्त किया था.कहा गया कि यह मामला अलवर के पहलू खान लिंचिंग मामले की तर्ज पर हुई है. हरियाणा के नूहं मेवात जिला स्थित जयसिंहपुरा गांव निवासी पहलू खान एक अप्रेल, 2017 को बेटे उमर व ताहिर के साथ जयपुर के पशु हटवाड़ा से दुधारू पशु खरीदकर अपने घर जा रहा था.
अलवर में बहरोड़ पुलिया के पास भीड़ ने गाड़ी को रुकवा कर पहलू और उनके बेटों से मारपीट की. सूचना पर पहुंची पुलिस ने पहलू खान को अस्पताल में भर्ती कराया, जहां इलाज के दौरान 4 अप्रैल 2017 को मौत हो गई थी. स्थानीय अदालत ने पहलू खान मॉब लिंचिंग में सबूतों की कमी के आधार पर नौ में से छह आरोपियों को बरी कर दिया था. खान के दो बेटों पर भी राजस्थान गोजातीय पशु अधिनियम के तहत मुकदमा चल रहा था.