
Resort Politics in Rajasthan: राजस्थान से महाराष्ट्र तक विधायकों को साधने की कवायद जारी है. राजस्थान में कांग्रेस और समर्थन देने वाले अन्य विधायकों को उदयपुर रिसॉर्ट में रखा गया है. गहलोत लगातार विधायकों के संपर्क में हैं. वे एक एक विधायक से निजी तौर पर बात कर रहे हैं. ताकि एक भी विधायक उनके खेमे से न छिटक सके.
ऐसे में राजस्थान में 'रिसॉर्ट पॉलिटिक्स' एक नियमित रूप से अपनाई जाने वाली रणनीति बनती हुई नजर आ रही है. सत्तारूढ़ कांग्रेस के मंत्री और विपक्षी भाजपा को फिर से उदयपुर और जयपुर में एक शानदार पांच सितारा रिसॉर्ट में रखा गया है. राज्य में 10 जून को होने वाले राज्यसभा चुनाव के लिए कांग्रेस किसी भी तरह का रिस्क लेने को तैयार नहीं है. वहीं बीजेपी भी अपने विधायकों को लेकर सतर्क है.
बीजेपी के सभी विधायकों को जयपुर से बाहर रिसॉर्ट में शिफ्ट किया गया है. बीजेपी नेता का कहना है कि ट्रेनिंग कैंप में कई सेशन होंगे. ऐसे में बीजेपी ने रिसॉर्ट में अपने विधायकों के ठहरने को 'प्रशिक्षण शिविर' या लर्निंग कैंप करार दिया है. इसी बीच आजतक से खास बातचीत में राजस्थान के पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट ने रिसॉर्ट पॉलिटिक्स को गलत कहा.
सचिन पायलट नें कहा कि जब राज्यसभा के चुनाव आते हैं तो दुर्भाग्य से यह ट्रेंड बन चुका है कि हर पार्टी अपने अपने विधायकों को अपने साथ रखे. हालांकि मैं व्यक्तिगत तौर पर रिसॉर्ट पॉलिटिक्स को ठीक नहीं मानता हूं. लेकिन पिछले कुछ वर्षों में जिस तरह का पॉलिटिकल तस्वीर सामने आई है उसमें यह अनिवार्य बन गया है. मैं चाहता हूं कि भविष्य में ऐसा करने की जरुरत ना पड़े, सभी संख्या बल पर चुनाव लड़ें. इस दौरान सचिन पायलट ने अपने तीनों उम्मीदवारों की जीत का दावा किया है.
बाड़ेबंदी या प्रशिक्षण शिविर
कांग्रेस अपने तीन उम्मीदवारों के लिए जीत सुनिश्चित करना चाहती है. जिन्हें आलाकमान ने राज्यसभा का उम्मीदवार बनाया है. वहीं बीजेपी भी मौका नहीं खोना चाहती है. अभी के लिए दोनों हीं पार्टियां इसे बाड़ेबंदी नहीं बताकर प्रशिक्षण शिविर बता रही हैं. मगर राजस्थान में पिछले दस सालों में जितने भी चुनाव हुए हैं, दोनों हीं पार्टियां अपने विधायकों को लेकर हर बार रिजॉर्ट में बंद हुई हैं.
बता दें कि कांग्रेस ने ताज अरावली होटल या उसके विधायकों, मंत्रियों और वरिष्ठ नेताओं में 150 कमरे बुक किए हैं जिनमें अशोक गहलोत, रणदीप सिंह सुरजेवाला मुकुल वासनिक शामिल हैं. प्रत्येक कमरे की कीमत 25000 रुपये से 78000 रुपये प्रतिदिन है.
दूसरी ओर, बीजेपी ने भी अपने विधायकों को 5 जून से जयपुर के बाहरी इलाके में स्थित आलीशान देवी रतन रिसॉर्ट में बंद कर रखा है. भाजपा ने 60 कमरे बुक कर लिए हैं. इस जगह पर हर कमरे की कीमत 10,000 रुपये और उससे भी ज्यादा है.
इसी बीच निर्दलीय उम्मीदवार सुभाष चंद्रा ने दावा किया था कि उनके पास बीजेपी और आरएलपी के अलावा 4 और विधायकों का समर्थन है और 8 विधायक क्रॉस वोटिंग में शामिल होंगे. कांग्रेस और भाजपा एक मुश्किल लड़ाई लड़ रहे हैं, जिसमें 10 जून को होने वाले चुनावों तक और भी कई मोड़ देखने को मिल सकते हैं.